महाराष्ट्र में मोर्चा बनाम प्रदर्शन की लगी रेस, एमवीए-बीजेपी में लगी एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़

फिर से एक मंच पर साथ आए शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस, मुंबई में निकाला विरोध मार्च, बीजेपी ने भी पलटवार में किया प्रदर्शन, दोनों ने एक दूसरे के प्रदर्शन को बताया हास्यास्पद

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Maharashtra Politics. महाराष्ट्र में इन दिनों एक अलग ही तरह की सियासत चल रही है. यहां सरकार को मुद्दों के आधार पर नहीं बल्कि किसी अन्य तरीके से घेरने की कोशिश की जा रही है. उससे भी बड़ी बात यह कि सत्ताधारी पक्ष भी विपक्ष के प्रदर्शन का जवाब प्रदर्शन करके ही दे रहा है. ऐसे में अब दोनों ही पक्ष एक दूसरे के विरोध प्रदर्शन को हास्यास्पद बताते हुए एक दूसरे से माफी मांगने की मांग कर रहा है. वही सत्ताधारी गठबंधन के विरोध में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और कांग्रेस फिर से एक मंच पर आ गई है और पुरजोर से शिंदे सरकार के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निशाने पर ले रही है.

दरअसल, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने एक बार फिर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) के एक झंडे के नीचे एकनाथ शिंदे सरकार और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ शनिवार को ‘हल्ला बोल’ विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन हाल में छत्रपति शिवाजी महाराज पर विवादित टिप्पणी को लेकर किया गया है. प्रोटेस्ट में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे, NCP नेता अजीत पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले शामिल हुए. इसके जवाब में भाजपा ने भी प्रदर्शन किया. बीजेपी का कहना है कि MVA ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है. इसीलिए उन्हें माफी मांगना चाहिए.

इससे पहले सपनों की मायानगरी मुंबई में महा विकास अघाड़ी (MVA) ने शिंदे सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसमें उनके सहयोगी छोटे दल भी शामिल हुए. यह प्रदर्शन सरकार और राज्यपाल कोश्यारी के खिलाफ छत्रपति शिवाजी पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर हुआ. इस विरोध प्रदर्शन के जवाब में बीजेपी ने भी माफी मांगो आंदोलन कर प्रदर्शन किया. बीजेपी का कहना है कि MVA ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है. इसीलिए उन्हें माफी मांगना चाहिए.

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इस संबंध में बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा कि शिवसेना के लोग लगातार हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं. संजय राउत ने अंबेडकर की जन्मभूमि पर विवाद पैदा करने की कोशिश की है. सुषमा अंधारे ने भगवान राम, भगवान कृष्ण, संत ज्ञानेश्वर और संत एकनाथ के साथ-साथ वारकरी समुदाय का अपमान किया है. शेलार ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि अपने बयानों पर शिवसेना के नेता माफी मांगें.

बीजेपी के इस बयान को हास्यास्पद बताते हुए महाराष्ट्र कांग्रेसअध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि MVA के विरोध मार्च से बीजेपी डरी हुई है. उनका यह प्रदर्शन लोगों का सरकार के प्रति अपने विरोध को सामने लाएगा. इसमें महाराष्ट्र के साथ किए गए अन्याय और कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषियों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा भी उठाया जाएगा.

कोश्यारी ने शिवाजी को बताया था पुराने जमाने का आइकन –

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में हुए एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन कहा था. कोश्यारी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी भी मौजूद थे. राज्यपाल ने भरी सभा में बाबा साहेब आंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए जामने का आइकन बताया. उनके इस बयान के बाद विपक्ष के नेता हमलावर हो गए और उनका इस्तीफा मांगने लगे.

बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बना चुके शिंदे गुट ने भी कोश्यारी के बयान का विरोध किया था. अब विपक्ष के तीनों दल फिर से एक बार महाविकास अघाड़ी के झंडे के तले प्रदर्शन कर सरकार एवं राज्यपाल पर माफी मांगने का दवाब डाल रहे हैं. बताते चलें कि उक्त प्रदर्शन के लिए करीब 2500 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.

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