महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति सरकार में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर खींचतान चल रही है. आए दिन गठबंधन में शामिल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी में बयानबाजी सामने आ रही है. इसी बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोलापुर में ‘दुश्मन नंबर वन’ वाले बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है कि आखिर शिंदे का दुश्मन नंबर वन कौन है… हाल ही में शाह-शिंदे मुलाकात से भी कई तरह की बयानबाजी को हवा मिल रही है.
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कुछ लोग मेरी मौजूदगी से परेशान
स्थानीय निकाय चुनावों पर उठे सवालों के बीच शिंदे ने गठबंधन की एकता का संदेश दिया. शिंदे के मुताबिक स्थानीय निकाय चुनावों में परिस्थितियां अलग होती हैं. कई बार कार्यकर्ताओं की भावनाएं और उम्मीदवारों का स्थानीय प्रभाव गठबंधन स्तर के फैसलों से टकरा सकते हैं. शिंदे ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद कुछ लोगों को अब तक यह बात हज़म नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि एक आम शिवसैनिक के शीर्ष पद तक पहुंचने से कई लोगों को तकलीफ होती है.
हमारा सबका दुश्मन एक
चुनाव प्रचार के लिए अक्कलकोट पहुंचे शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे ने जिस तरह ‘दुश्मन नंबर वन’ का ज़िक्र किया, उससे यह संदेश भी गया कि महायुति के तमाम भीतरूनी मतभेदों के बावजूद गठबंधन जस का तस है. उन्होंने दो-टूक कहा कि लोकसभा से लेकर विधानसभा तक बीजेपी और शिंदे गुट साथ रहा है, ऐसे में स्थानीय निकाय चुनावों में उठी तकरार को दुश्मनी मान लेना गलत होगा. उनके मुताबिक दुश्मन सिर्फ एक है- महाविकास अघाड़ी. शिदें ने विधानसभा में महायुति की जीत को उन्होंने जनता का भरोसा बताते हुए कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में पैदा हुए छोटे-मोटे विवाद रिश्तों को कमजोर नहीं करते.



























