Wednesday, January 22, 2025
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दशहरे पर आमने-सामने हुई शिवसेना, असली-नकली और हिंदूत्व को लेकर खूब चले जुबानी वार

मुंबई में उद्धव गुट और शिंदे गुट की शिवसेना ने अलग अलग स्थानों पर निकाली दशहरा रैली चुनावी रैलियों में हुई तब्दील, विस चुनाव से पहले बना रहे माहौल

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महाराष्ट्र में इन दिनों आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीति काफी गरम है. हालांकि तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, इससे पहले ही वार पलटवार का दौरा जारी है. ऐसा कुछ देखने को मिला मुंबई की दशहरा रैली में, जहां उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (UBT) और एकनाथ शिंदे समर्थित शिवसेना ने अपने आपको असली बताते हुए एक दूसरे पर कई वार व प्रतिघात किए. दोनों गुटों ने अलग अलग जगह पर दशहरा रैली का आयोजन किया. इस दौरान शिवाजी महाराज और हिंदूत्व को लेकर भी जमकर जुबानी तीर छोड़े गए.

असली शिवसेना हम हैं – उद्धव ठाकरे

दशहरे के उपलक्ष में प्रदेश के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (UBT) ने दादर के शिवाजी पार्क में रैली की. इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने अपने आपको असली शिवसेना बताया. उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे का नाम मेरे साथ है. मैं संघ प्रमुख मोहन भागवत का सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे उनके विचार पसंद नहीं हैं. वो कह रहे हैं कि हिंदुत्व को बचाने के लिए एक साथ आओ, आपने या मोदी ने पिछले 10 सालों में हिंदुत्व को क्यों नहीं बचाया.

यह भी पढ़ें: विस चुनावों की मतगणना के बीच महाराष्ट्र में चल रही लॉबिंग, चिंता में कांग्रेस!

वहीं छत्रपति शिवाजी महाराज को सत्ताधारी महायुति सरकार के लिए केवल वोट बैंक बताया. उद्धव ठाकरे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज महायुति के लिए वोट बैंक हैं, लेकिन हमारे लिए वे भगवान हैं. मैं इस दिल्ली शासन और भ्रष्ट सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हूं. ठाकरे ने ये भी कहा कि महायुति सरकार ने केवल वोटों के लिए शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाई और वो गिर गयी. ठाकरे ने उपस्थित जनता से वादा किया कि जब हमारी सरकार आएगी तो महाराष्ट्र के हर जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज का मंदिर बनावाएंगे.

कुछ लोगों को हिंदू बोलने में आती है शर्म – शिंदे

इधर, मुंबई के आजाद मैदान में प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि बाला साहेब ने कहा था, अन्याय मत सहो. जब अन्याय होने लगा तो हमने विद्रोह कर दिया. अगर हमने विद्रोह नहीं किया होता तो शिवसैनिक कुचले गए होते. सच्चे शिवसैनिकों का अपमान होता. महाराष्ट्र कई साल पीछे चला गया होता. पहले सभी को लगता था कि शिंदे सरकार 2-3 महीने में गिर जाएगी, लेकिन सरकार ने 2 साल पूरे कर लिए.

सीएम शिंदे ने कहा कि ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ ये गर्जना बाला साहेब ने देश को दी थी. लेकिन कुछ लोगों को इस शब्द से एलर्जी है. हिंदू माने जाने में शर्म महसूस हो रही है. हिंदू हृदय सम्राट कहते ही कुछ लोगों की जुबान फड़कने लगती है, लेकिन हमें ये शब्द कहने में गर्व है, हीरे से पैदा हुए कंकड़ शर्मसार होते हैं. सीएम शिंदे ने आगे कहा कि मैं छिपने वाला सीएम नहीं हूं बल्कि लोगों के साथ काम करने वाला सीएम हूं. हमने शिवसेना को उन लोगों से मुक्त कराया, जो बाला साहेब के विचारों के साथ बेईमानी कर रहे थे.

महाराष्ट्र में अगले महीने होने हैं चुनाव

महाराष्ट्र विधानसभा का अंतिम कार्यकाल 26 नवंबर तक का है. उससे पहले नई सरकार का चुना जाना जरूरी है. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव अगले महीने में होना तय है. बहुमत के लिए 145 विधायकों का होना जरूरी है. फिलहाल महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी की महायुति सरकार है. वहीं चुनाव में इनके सामने कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी वाला महाविकास अघाड़ी गठबंधन टक्कर दे रहा है. लोकसभा चुनाव में मिले सकारात्मक परिणाम से गठबंधन काफी मजबूत लग रहा है. एंटी इन्कंबेंसी और 6 बड़ी पार्टियों के बीच बंटने वाले वोट को साधना हर एक पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी.

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