महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव करीब आते ही एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार के सुर बदलने लगे हैं. यहां तक की उन्होंने अपने चाचा शरद पवार और बहिन एवं सांसद सुप्रिया सूले की तारीफ भी की. अजित ने शरद पवार को अपने परिवार का मुखिया बताया. एनसीपी प्रमुख ने ये भी कहा कि लोकसभा चुनाव में पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ाना गलती थी. अब सियासी गलियारों से उड़ते उड़ते खबर आ रही है कि उनका यह बयान शरद पवार के पाले में वापसी कराने का संकेत दे रहा है. गौरतलब है कि पिछले महीने शरद पवार के गुट के एक नेता ने अजित पवार के घर वापसी को लेकर बयान दिया था.
शरद पवार को बताया मुखिया
अजित पवार ने एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं. राजनीति को घर में घुसने नहीं देना चाहिए. बहन के खिलाफ सुनेत्रा को चुनाव लड़ाने का फैसला पार्टी संसदीय बोर्ड का था. अब मुझे लगता है कि यह गलत फैसला था. अजित पवार ने बहन सुप्रिया सुले के अलावा अपने चाचा शरद पवार की भी चर्चा की. अजित पवार ने कहा कि शरद पवार सीनियर लीडर हैं. वे हमारे परिवार के मुखिया हैं. मैं उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं दूंगा. महायुति के सहयोगियों को भी समझना चाहिए कि वे चाचा शरद पवार पर क्या बोल रहे हैं.
रक्षाबंधन पर बहनों से राखी बंधवाने के सवाल पर अजित पवार ने कहा कि अगर हम एक जगह पर रहे तो बहनों से मिलने जरूर जाऊंगा.
बीजेपी चाहती है कि अजित महायुति छोड़ें
NCP (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने 17 जुलाई को दावा किया था कि भाजपा अजित पवार गुट से महाराष्ट्र में ‘महायुति’ गठबंधन छोड़ने को कह रही है. RSS से जुड़ी एक मराठी साप्ताहिक मैगजीन में छपी रिपोर्ट के हवाले से ये बयान दिया था. क्रैस्टो ने कहा था कि भाजपा को एहसास हो गया है कि अजित पवार के साथ गठबंधन में पार्टी चुनाव नहीं जीत सकती है. साप्ताहिक मैग्जीन ‘विवेक’ की रिपोर्ट में कहा गया कि 2023 में NCP के साथ गठबंधन के बाद से ही जनता की भावनाएं भाजपा के खिलाफ तेजी से बढ़ी, जिसके कारण हाल में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी का खराब प्रदर्शन रहा और भाजपा चुनाव हार गई.
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लोकसभा में 4 सीटों में से अजित पवार की पार्टी केवल एक सीट जीत पाने में कामयाब हो पायी. इसी वजह से मोदी 3.0 कैबिनेट में अजित पवार के किसी नेता को जगह नहीं मिली, जिसकी एनसीपी की नेताओं में नाराजगी है. उसके तुरंत बाद कुछ करीबी नेताओं ने पार्टी छोड़ शरद पवार की शरण ली जिसका अजित पवार को धक्का काफी जोर का लगा है. आगामी भविष्य में कुछ अन्य नेताओं के भी साथ छोड़ने की पूरी पूरी संभावना है. ऐसे में अजित पवार को शायद अपनी गलती का अहसास अब होने लगा है.
अजित कर सकते हैं घर वापसी
वहीं शरद पवार एक तरह से महाविकास अघाड़ी का नेतृत्व कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के सभी नेता भी शरद पवार का सम्मान करते हैं और उनकी बात मानते हैं. शरद पवार की पार्टी लोकसभा चुनाव में भी केवल 8 विधायकों के सहारे 10 सीटें हासिल करने में सफल रही और अजित को जमीन दिखाने का काम किया. हो सकता है कि आगामी समय में अजित को एक बार फिर घर वापसी करते हुए देखा जा सके.