पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र के सियासी घमासान के पटाक्षेप के आखिर क्षण यानि उद्वव ठाकरे की शपथग्रहण से पहले देश के दूसरे बड़े राज्य मध्यप्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक हलचल बहुत तेज हो गई और मध्यप्रदेश में अपनी पार्टी कांग्रेस से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के पार्टी छोड़ नई पार्टी बनाए जाने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया. कांग्रेस विधायक सुरेश राठखेड़ा ने एक ऐसा बयान दिया जिससे मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर खलबली मच गई है. हालांकि बाद में राठखेड़ा ने क्लियर किया कि ऐसा उनका खुद का मत है, सिंधिया ने ऐसा कुछ नहीं कहा है.
शिवपुरी जिले की पोहारी से विधायक सुरेश राठखेड़ा ने पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगर सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाते हैं तो मैं सबसे पहले उनकी पार्टी में जाऊंगा. हालांकि बाद में राठखेड़ा ने शिवपुरी में न्यूज़ एजेंसी पीटीआई/भाषा से बातचीत के दौरान कहा कि यद्यपि मेरे और महाराज सिंधिया के लिये पार्टी सर्वोपरि है और महाराज ऐसा कोई कदम नहीं उठायेंगे. महाराज सिंधिया के पार्टी छोड़ने की कहीं कोई संभावना नहीं है, वह किसी अन्य पार्टी में नहीं जाएंगे. लेकिन श्रीमंत सिंधिया एक मात्र ऐसे नेता हैं जो खुद जब चाहेंगे, नई पार्टी खड़ी कर देंगे और यदि ऐसा होता है तो मैं पहला व्यक्ति होऊंगा जो उनके साथ खड़ा नजर आएगा. राठखेड़ा ने यह भी कहा कि पत्रकारों के बार-बार कुरेदने पर मैनें यह बयान दिया था अन्यथा महाराज से मेरी ऐसी कोई बात नहीं हुई है.
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कांग्रेस विधायक सुरेश राठखेड़ा का यह बयान ऐसे समय आया जब सिंधिया ने हाल ही में अपने ट्विटर अकाउंट का स्टेटस बदल कांग्रेस शब्द ही हटा दिया था. दरअसल, मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे है. हाल ही में अपनी ट्विटर अकाउंट की प्रोफाइल से ‘कांग्रेस’ शब्द हटा दिया था. जिसके बाद ये अटकलें लगाई जाने लगी कि सिंधिया और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि इसके बाद खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सफाई देते हुए इस तरह के दावों को खारिज कर दिया था. सिंधिया ने कहा- ‘मुझे इस बात की जानकारी नहीं कि बायो बदलने को इतना क्यों तूल दिया जा रहा है. एक महीने पहले ही मैनें अपने ट्विटर हैंडल के बायो को बदल दिया था. क्योंकि पहले वाली बायो बहुत लंबी थी.’
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पिछले कई समय से कमलनाथ सरकार से नाराज चल रहे है. वो कई बार अपनी पार्टी आलाकमान से भी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. सिंधिया ने कर्जमाफी, बाढ़ राहत राशि वाले सर्वे और बिजली कटौती को लेकर अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े किए थे. अब ऐसे में कांग्रेस विधायक सुरेश राठखेड़ा के इस बयान के बाद मध्यप्रदेश में एक बार फिर खलबली मच गई.
सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बारे में चल रही राजनीतिक चर्चा के बीच कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने कहा कि सिंधिया एक मजबूत नेता हैं और उनकी क्षमताओं का इस्तेमाल पार्टी की प्रदेश इकाई को करना चाहिए. बुधवार को हरदा में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सिंधिया को खुलकर बोलने की सलाह भी दी. असलम ने कहा कि, “पार्टी में सिंधिया के ऐसे समर्थकों की बड़ी संख्या है जो उनके लिये कुछ भी कर सकते हैं. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस को उनके प्रचार के कारण सफलता मिली. इससे कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने में मदद मिली.”
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इस बीच (Jyotiraditya Scindia) सिंधिया के करीबी माने जाने वाले प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि राठखेड़ा की टिप्पणियां उनके निजी विचार हैं. चतुर्वेदी ने कहा, “सिंधिंया ने कई बार स्पष्ट किया है कि वह कांग्रेस में हैं, विधायक के विचार एक काल्पनिक स्थिति पर आधारित हैं.” ग्वालियर के पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने भी कहा कि सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें निराधार हैं.