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लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी आपस में एक दूसरे पर छीटाकशीं से बाज नहीं आ रहे हैं. दोनों प्रमुख दलों की ओर से कटाक्ष भरे वार वक्त-बेवक्त एक-दूसरे पर साधे जा रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पोप फ्रांसिस के साथ उनकी हालिया मुलाकात को लेकर कटाक्ष किया. कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक पोस्ट के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा था. हालांकि विवाद होने पर उक्त पोस्ट को हटा लिया. पार्टी को ईसाई समुदाय से माफी भी मांगनी पड़ी है.

दरअसल, कांग्रेस ने अपने हैंडल पर जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पोप फ्रांसिस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर पोस्ट की थी. साथ में व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘आखिरकार पोप को ईश्वर से मिलने का मौका मिल ही गया.’ इस पोस्ट से नाराज बीजेपी के केरल अध्यक्ष सुरेंद्रन ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई पर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर राष्ट्रवादी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने का आरोप लगाया था.

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सुरेंद्रन ने निशाना साधते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि उसका ‘एक्स’ हैंडल ‘कट्टरपंथी इस्लामवादियों या अर्बन नक्सल’ द्वारा चलाया जा रहा है. बीजेपी नेता ने उन्होंने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल पर इस पोस्ट से निश्चित रूप से अवगत होने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि क्या पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इसका समर्थन किया है.

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इसके बाद कांग्रेस ने ईसाई समुदाय से बिना किसी शर्त माफी मांगी है. साथ ही हैंडल से उक्त पोस्ट को भी हटा लिया है. कांग्रेस की केरल प्रदेश इकाई ने अपने एक्स हैंडल पर एक ताजा पोस्ट में कहा, ‘यदि उसके पहले के पोस्ट से ईसाई धर्मावलंबियों को कोई ‘भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक पीड़ा’ हुई है तो वह उनसे बिना शर्त माफी मांगती है. पार्टी ने ये भी कहा कि राज्य के लोग स्पष्ट रूप से जानते हैं कि किसी भी धर्म, धर्मगुरुओं या प्रतिमाओं का अपमान और निरादर करना कांग्रेस की परंपरा नहीं है. कांग्रेस ने कहा कि कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता पोप का अपमान करने के बारे में दूर-दूर तक नहीं सोचेगा, जिन्हें दुनिया भर के ईसाई भगवान के समान मानते हैं.

पोस्ट पर ​विवाद खड़ा करने वाले सुरेंद्रन और अन्य भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि उनका प्रयास ईसाइयों को ऐसे लोगों के समूह के रूप में नीचा दिखाने का है, जिनमें कोई आत्मसम्मान नहीं है और जो सांप्रदायिक जहर फैलाते हैं. कांग्रेस ने कहा कि यदि ईसाई समुदाय के प्रति सचमुच प्रेम है तो मोदी और उनके साथियों को, जो मणिपुर में उनके चर्च को जलाए जाने पर चुप रहे, पहले ईसाइयों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.

हालांकि यह विवाद कांग्रेस के पोस्ट हटाने के बाद करीब करीब समाप्त हो चुका है लेकिन बीजेपी शायद अभी पीएम मोदी की ओर से संभावित वार की प्रतीक्षा कर रही है. ईसाई समाज की ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है.

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