महाराष्ट्र की राजनीति में शांति शायद इस सीजन की सरकार रहने तक नहीं थमने वाली है. यह अशांति सत्ताधारी एनडीए में चल रही है जो रहरह कर बाहर आने लगी है. अजित पवार खेमे एवं बीजेपी के बीच मुटमुटाव के बाद अब महाराष्ट्र में पोस्टर वॉर छिड़ गया है जिसमें बीजेपी और सीएम एकनाथ शिंदे के खेमे की शिवसेना के बीच आपसी द्वंद्व देखने को मिल रहा है. प्रदेश के सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में जगह-जगह बीजेपी और शिवसेना की ओर से लगाए गए बैनर-पोस्टर दोनों राजनीतिक घटकों के बीच आपसी खींचतान की जीवंत कहानी को बयां कर रहे हैं.
कंकावली में एक बैनर पर लिखा है ‘वक्त आने दो..जवाब भी देंगे और हिसाब भी लेंगे.’ इस बैनर पर शिवसेना कोटे से शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत और उनके भाई किरण सामंत की तस्वीरें लगी हैं. उदय सामंत 4 बार के विधायक हैं. इस पोस्टर को बीजेपी पर वार की तरह देखा जा रहा है.
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शिवसेना के दफ्तर के बाहर लगे इस बैनर की चर्चा पूरे जिले में है. बैनर पर बाला साहब ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे की तस्वीरें भी छपी हैं. शिवसेना का प्रतीक एक बड़ा बाघ भी यहां मौजूद है. ‘शिवसेना सिंधुदुर्ग जिला पदाधिकारी और शिवसेना’ लिखा हुआ है. सियासत के अंदरखाने से सामने आ रही है कि इस बैनर के जरिए शिवसेना के सामंत बंधुओं ने बीजेपी की नारायण राणे पर निशाना साधा है और उन्हें खुली चेतावनी दी गयी है.
राणे ने सामंत बंधुओं पर लगाए थे आरोप
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना के बीच दरार चौड़ी होकर खाई में बदल गयी थी. सामंत बंधु यही चाहता था कि रत्नागिरी सिंधुदुर्ग संसदीय क्षेत्र उनके पास रहे. हालांकि बीजेपी ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे को यहां से मैदान में उतार दिया था. राणे यहां से जीतने में सफल रहे थे लेकिन उन्होंने सामंत बंधुओं पर क्षेत्र में मदद न करने का आरोप लगाया था. राणे ने कहा था कि पालक मंत्री होने के बावजूद उदय सामंत हमें नेतृत्व दिलाने में असफल रहे जबकि उदय रत्नागिरी के संरक्षक मंत्री हैं. राणे ने आरोप लगाया कि उदय सामंत के विधानसभा क्षेत्र में हम माइनस में रहे और उन्हें यह बताना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ. इसके बाद से दोनों के बीच एक लाइन खिंच गयी थी.
लोकसभा में बेहतर परिणाम नहीं दे पायी NDA
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में सत्ताधारी एनडीए बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी है. राज्य की कुल 48 सीटों में से एनडीए महज 17 सीटें जीत पायी. महाविकास अघाड़ी (उद्दव ठाकरे गुट की शिवसेना + कांग्रेस + शरद पवार समर्थित एनसीपी) ने 30 सीटों पर कब्जा जमाया. एक सीट निर्दलीय के खाते में गयी. चुनाव परिणाम आने के बाद एनडीए गठबंधन में पहली चिंगारी रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र में ही भड़की थी, जब नवनिर्वाचित सांसद नारायण राणे के बेटे और पूर्व सांसद नीलेश राणे ने उदय सामंत पर आरोप लगाया. राणे ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि सामंत बंधुओं के व्यवहार को कभी नहीं भूलेंगे. अब देखना ये होगा कि पोस्टर वॉर की ये चिंगारी कहां तक भड़कती है और कहां तक जाती है.