Politalks.News/RajasthanAssembly. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के षष्ठम सत्र के 20वें दिन शुक्रवार को विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. लेकिन इस सत्र के आखिरी दिन आज सत्ता पक्ष के कांग्रेस विधायकों ने अपनी फजीहत करवा ली, वो तो सभापति राजेन्द्र पारीक ने सदन की कार्यवाही को आधे घण्टे के लिए स्थगित कर जैसे-तैसे बात रख ली. दरअसल, आज नगरपालिका संशोधन बिल पर बहस के दौरान सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के विधायक सदन से गायब हो गए. इस पर विपक्ष ने मौका देखकर वॉयस वोटिंग के समय मत विभाजन मांग लिया. इस पर सभापति ने इनकार कर दिया. उधर जानकारी मिलते ही कांग्रेस विधायकों को भागकर सदन में आना पड़ा.
इधर विधेयक पर बहस के बाद मत विभाजन की मंजूरी नहीं देने से नाराज भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सभापति से कहा कि यह हमारा अधिकार है और अब बिल को पारित नहीं करवाया जा सकता. सभापति ने मत विभाजन की मांग नहीं मानी तो भाजपा विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया. इसकी वजह से सदन की कार्यवाही को आधा घंटे स्थगित करना पड़ा. इस बीच कांग्रेस के जो विधायक सदन से चले गए थे वे भी वापस आ गए और कांग्रेस का संख्या बल भाजपा से ज्यादा हो गया और बिल पारित करवाया गया. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस विधायकों की विधेयकों पर बहस में बेरुखी साफ दिखाई दी. मुख्य सचेतक और संसदीय कार्यमंत्री इस पर निगरानी भी रखते हैं, लेकिन आज उनसे यह बड़ी चूक हो गई.
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बहराल, विपक्षी विधायकों के जोरदार हंगामे के बीच ही नगरपालिका संशोधन विधेयक और विधियां संशोधन विधेयक पारित करवाए गए और उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्विचतकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. कुल मिलाकर 20 दिन चला विधानसभा का यह षष्ठम सत्र प्रदेश के लोगों को बजट के रूप में बहुत सी खुशियां देकर गया. बिना कोई टैक्स लगाए सीएम अशोक गहलोत ने बजट में हर वर्ग को कुछ न कुछ देने का प्रयास किया, हां विपक्ष बजट से तो खुश था लेकिन यह पारित कैसे होगा, इसकी चिंता सीएम गहलोत से ज्यादा विपक्ष में नजर आई.



























