पॉलिटॉक्स न्यूज. बिहार की 9 विधान परिषद की सीटों पर होने वाले चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल को एक के बाद एक दो बड़े झटके लगे हैं. पहले तो पार्टी के 5 विधान परिषद सदस्यों ने एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया. इसकी पुष्टि विधान परिषद के सभापति ने कर दी है. पांचों नेता नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में शामिल हो गए. राजद में यह टूट तेजस्वी यादव के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है. इसके तुरंत बाद राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अब उनके पार्टी छोड़ने की भी अटकलें लग रही हैं. रामा सिंह को उनके इस्तीफे की असली वजह बताया जा रहा है. हालांकि पार्टी ने उनका इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं किया है.
राजद के लिए आज का दिन बिलकुल सही नहीं गया. सबसे पहले राजद के MLC संजय प्रसाद, कमरे आलम, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और दिलीप राय ने पार्टी का साथ छोड़ दिया. इस्तीफे की पुष्टि विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कर दी है. राजद के विधान परिषद में आठ सदस्य थे और एक साथ दो तिहाई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी. विधान परिषद के सभापति ने इस गुट को मान्यता दे दी है. अब विधान परिषद में राजद के केवल तीन सदस्य बचे हैं. इस्तीफा देने वाले सभी विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी बताए जा रहे हैं. उक्त सभी तेज प्रताप यादव को विधान परिषद भेजने से नाराज बताए जा रहे हैं. राजद की ओर से तेज प्रताप को प्रत्याशी बनाया जा सकता है.
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RJD के पास मौजूद विधायकों की संख्या के आधार पर 9 में से तीन सीटों पर उसकी जीत पक्की है. ऐसे में तेज प्रताप यादव की भी जीत पक्की है. तेज प्रताप यादव को विधान परिषद भेजे जाने से कई नेता नाराज हैं. इन्हीं नाराज नेताओं में 5 विधान परिषद सदस्य भी हैं, जो पार्टी छोड़ने वाले हैं. अन्य सीटों में से एक कांग्रेस और तीन जेडीयू व दो सीटें बीजेपी के पाले में जाएगी.
विधान परिषद की जिन 9 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं, उनका कार्यकाल मई के पहले सप्ताह में पूरा हो गया. मंत्री अशोक चौधरी, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रसीद, हीरा प्रसाद बिंद, पीके शाही, सतीश कुमार, सोनेलाल मेहता, कृष्ण कुमार सिंह, राधामोहन शर्मा और संजय प्रकाश का कार्यकाल पूरा हो गया है.
रामा सिंह से नाराज रघुवंश प्रसाद ने दिया इस्तीफा
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अब उनके भी जेडीयू में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. राजद के टिकट पर चार बार वैशाली लोकसभा सीट से सांसद रह चुके रघुवंश प्रसाद बड़े सवर्ण चेहरे हैं लेकिन रामा सिंह को राजद में लाने की कोशिशों के चलते पार्टी से नाराज हैं.
2014 में रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद और रामा सिंह ने लोजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था जिसमें रघुवंश प्रसाद चुनाव हार गए थे. हालांकि चुनाव से पहले ही दोनों नेताओं के बीच सियासी दुश्मनी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने रामा सिंह को टिकट नहीं दिया लेकिन राजद ने विजयी उम्मीदवार के तौर पर रामा सिंह को अपने पाले में लाने की कोशिश की थी. हालांकि रघुवंश प्रसाद के विरोध के आगे पार्टी को झुकना पड़ा.
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अब बिहार चुनाव को देखते हुए पार्टी की रामा सिंह को बुलाने की कोशिशें फिर से तेज हो गई है जो रघुवंश प्रसाद सिंह को अखर रहा है. इसी वजह से उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. बता दें, रामा सिंह ने पिछले दिनों ही तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी और इसके बाद यह तय माना जा रहा था कि वह राजद में शामिल हो जाएंगे. रामा के 29 जून को राजद ज्वाइन करने की बात कही जा रही है.