PoliTalks.News/Bihar/LaluYadav. रांची में चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी पर हमला बोला है. लालू ने ट्वीट कर लिखा कि विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे, आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं. नियुक्ति घोटाले में आरोपी मेवालाल को शिक्षा मंत्री पद दिये जाने पर लालू ने नीतीश सरकार को आड़े हाथ लिया है.
लालू यहीं नहीं रूके, ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘तेजस्वी जहां पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियां देने को प्रतिबद्ध थे. वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बनाकर अपनी प्राथमिकता को बता दिया है.’
दरअसल वर्तमान सरकार में सबौर कृषि यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी रहे मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया है. जबकि उनके ऊपर 2012-2013 में लगभग 160 सहायक प्राध्यापक व कनीय वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप लगे हुए हैं. जांच में ये आरोप साबित भी हो चुके हैं. उन पर अपनी पत्नी की हत्या का भी आरोप है. अब जैसे ही मुंगेर के तारापुर विधानसभा सीट से जीतकर आए जदयू नेता मेवालाल को शिक्षा मंत्री बनाया गया तो एक बार फिर ये मामला गरमा गया है. तमाम विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है.
राजद ने ट्वीट कर लिखा कि भ्रष्टाचार के आरोपी और नीतीश कुमार के नवरत्न नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर उनकी पत्नी की संदेहास्पद मौत का भी आरोप है. जब मीडिया ने सवाल किया तो उनका पीए धमकाने लगा. एनडीए की गुंडागर्दी चालू है, महाजंगलराज के दिल्ली वाले महाराजा मौन हैं.
यह भी पढ़ें: कपिल सिब्बल के बयान पर अधीर हुए रंजन, कहा- दूसरी पार्टी में चले जाएं या बना लें अपनी नई पार्टी
इधर, सीपीआई एमएल के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी कहा कि यदि मेवालाल चौधरी को मंत्रिमंडल से अविलंब बर्खास्त नहीं किया गया तो पार्टी धारावाहिक आंदोलन में उतरेगी. राज्य कमेटी की बैठक में उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को शिक्षा विभाग दिया गया है, जो कृषि विश्वविद्यालय में गड़बड़ी को लेकर कभी खुद सीएम द्वारा ही पार्टी से निकाला गया था.
ये है मामला
बिहार चुनाव 2020 में जीत के बाद नीतीश की अगुवाई में एनडीए की जो नवगठित सरकार बनी है उसमें नीतीश सरकार के करीबी और सबौर कृषि यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी रहे मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू सबौर) भागलपुर में वर्ष 2012-2013 में लगभग 160 सहायक प्राध्यापक व कनीय वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितता बरती गई थी.
अभ्यर्थियों की ओर से शिकायत किए जाने के बाद बिहार के तत्कालीन राज्यपाल और वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जांच के निर्देश दिये थे. हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस ने इसकी जांच की थी और नियुक्ति घोटाले में तत्कालीन वीसी और वर्तमान में मंत्री बनाये गये मेवालाल चौधरी पर लगे आरोप सही पाये गये थे। राजभवन के निर्देश पर फरवरी, 2017 में पूर्व कुलपति के खिलाफ सबौर थाना में केस दर्ज किया गया था. पूर्व कुलपति से भी एसआईटी ने पूछताछ की थी. उसके बाद वे भूमिगत हो गये थे और बाद में पता चला कि उन्होंने हाइकोर्ट से बेल भी ले लिया.