किरोड़ी मीणा ने गौ हत्या रोकने और राष्ट्रीय पशु घोषित करने की उठाई मांग, बोले- गाय की रक्षा परम कर्तव्य

संघ और भाजपा की पुरानी मांग को डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने रखा राज्यसभा में, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की उठाई मांग, गाय को बताया भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा, संघ प्रमुख मोहन भागवत खुद उठाते रहे हैं ये मांग, इलाहबाद हाईकोर्ट भी कह चुका है गाय को बनाया जाएगा राष्ट्रीय पशु

गौ हत्या रोकने और राष्ट्रीय पशु घोषित करने की उठाई मांग
गौ हत्या रोकने और राष्ट्रीय पशु घोषित करने की उठाई मांग

Politalks.News/Rajasthan. राज्यसभा (Rajya Sabha) में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Kirori Lal Meena)ने गौ-हत्या पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय कानून (Central Act) बनाए जाने की मांग की. किरोड़ी लाल मीणा ने शून्यकाल में गौहत्या पर रोक के लिए केंद्रीय कानून बनाने के साथ ही गाय को राष्ट्रीय पशु (National Animal) घोषित करने की मांग की. मीणा ने विशेष उल्लेख के जरिए यह मांग करते हुए कहा कि, सनातन और हिंदू धर्म में गाय की पूजा की जाती है. गाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. जिसे पूजा जाता है. ऐसे में समय की मांग है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित की जाए’.

संघ और भाजपा का मुख्य मुद्दा रहा है ‘गौमाता’
आपको बता दें कि संघ और भाजपा गौहत्या रोकने और संरक्षण का मुद्दा उठाते रहे हैं. सरसंघचालक मोहन भागवत गौरक्षा के बारे में खुलकर बोलते रहे हैं. अब उनकी बात को भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा ने राज्यसभा में रखा है. ये भी बता दें कि इसी साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और उसकी सुरक्षा को मौलिक अधिकार बनाया जाना चाहिए‘. इसके साथ ही इलाहबाद हाईकोर्ट ने कह चुका है कि, ‘गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने पर केंद्र को विचार करना चाहिए’.

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संस्कृति और आस्था पर ठेस पहुंचती है तो देश होता है कमजोर- किरोड़ी

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राज्यसभा में कहा कि, ‘हम जानते हैं कि जब किसी देश कि संस्कृति और उसकी आस्था को ठेस पहुंचती है तो देश कमजोर होता है’. मीणा ने अपने भाषण में चाणक्य का उल्लेख करते हुए कहा कि, ‘चाणक्य ने अर्थशास्त्र मे लिखा है कि किसी देश को नष्ट करना है तो पहले उसकी संस्कृति नष्ट कर दो, देश स्वतः नष्ट हो जाएगा. इस सभी बातों को ध्यान में रखकर कई राज्यों में गोहत्या प्रतिबंधित है’.

‘गाय हिंदू संस्कृति का मजबूत प्रतीक और आस्था का केन्द्र’

किरोड़ी मीणा ने राज्यसभा में कहा कि, ‘सनातन धर्म में गाय को माता मानकर पूजा जाता है. गाय हिन्दू संस्कृति का मजबूत प्रतीक व आस्था का केंद्र है. इसलिए जब कोई भी गौ-हत्या कर देता है तो सामाजिक सौहार्द बिगड़ जाता है’. मीणा ने कहा कि, ‘गाय का मांस खाना किसी भी प्रकार से किसी का मौलिक अधिकार नहीं हो सकता, बल्कि जो लोग गाय कि पूजा करते है उनका गाय की रक्षा करना परम कर्तव्य है’.

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‘मुस्लिम शासकों ने भी गाय को भारतीय संस्कृति का माना महत्वपूर्ण हिस्सा’

किरोड़ी मीणा ने कहा कि, ‘देश के लोग आर्थिक रूप से भी गाय पर निर्भर रहते हैं. गौरक्षा किसी धर्म से जुड़ा विषय नहीं है’. मीणा ने कहा कि, ‘मुस्लिम शासकों ने भी गाय को भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना है. बाबर, हुमायूं और अकबर सहित कम से कम 5 मुस्लिम शासकों ने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाया था’. इसके बाद किरोड़ी लाल मीणा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि, ‘गौहत्या को रोके जाने की दृष्टि से प्रभावी कानून लाए और गौ-माता को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए’.

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