Kirodi Lal Meena: वीरांगनाओं के लिए न्याय की मांग को लेकर दिग्गज भाजपा नेता और सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा का धरना लगातार दूसरे दिन शहीद स्मारक पर जारी रहा. सांसद डॉ मीणा ने कहा कि जिस शासन में शहीदों की वीरांगनाओं का अपमान होता है वह सत्ता नष्ट होती है. बता दें कि राज्य सरकार की वादाखिलाफी से ख़फ़ा सांसद डॉ किरोड़ी मीणा वीरांगनाओं और उनके परिवार के साथ राजधानी के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं. शहीद जीतराम गुर्जर की पत्नी सुन्दरी देवी, शहीद रोहिताश लाम्बा की पत्नी श्रीमती मंजू जाट, शहीद हेमराज मीना की पत्नी श्रीमती मधुबाला मीना और उनके परिजन धरने पर डॉक्टर मीणा के साथ बैठे हैं. इस दौरान सांसद किरोड़ी मीणा ने कहा कि वीरांगनाओं की जायज़ मांगों के सम्मान में दूसरे दिन धरने पर बैठा हूं. शहीदों का अपमान करने वाली अशोक गहलोत सरकार को वीरांगनों का सम्मान करना सीखना चाहिए.
वहीं धरना स्थल पर बुधवार को गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा पहुँचे. गुढा ने आश्वासन दिया की वीरांगनाओं की सभी जायज मांगें मानी जाएंगी और इस सम्बंध में कल मुख्यमंत्री से बात करूंगा. वहीं गुढा के अलावा धरना स्थल पर उप प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़, विधायक मदन दिलावर, विधायक चंद्रकांता मेघवाल, विधायक गोपी चंद मीना, विधायक संतोष बावरी, विधायक संदीप शर्मा, पूर्व विधायक हीरालाल नागर पहुंचे और वीरांगनाओं की माँगो का समर्थन किया.
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विफल रही सरकार के साथ किरोड़ी की वार्ता
वहीं आज दोपहर बाद सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने तीनो वीरांगनाओं के साथ शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री सचिव आरती डोगरा से मुलाक़ात की. वार्ता में कुछ बिंदुओं पर सहमति भी बनी पर वीरांगनाओं की मुख्य माँगो पर सहमति नहीं बन पाई और वार्ता विफल हो गई. पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों की वीरांगनाओं की मांगें थी की सड़क निर्माण, स्कूल का शहीद के नाम नामकरण और आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. जिसकी घोषणा राज्य सरकार ने शहीदों के दाह संस्कार के समय की थी, अब सरकार को वायदा निभाना चाहिए.
वहीं इस दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीना ने कहा की मुख्यमंत्री को इसमें राजनीति ना करके देश के लिए बलिदान देने वाले वीर ज़वानो के परिजनों की जायज़ मांगों को तुरंत मान लेना चाहिए.
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वहीं शहीदों की वीरांगनाओं ने कहा कि सरकार के द्वारा की गई घोषणा पर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए और जिन पुलिस अधिकारियों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया है उन्हें दंडित किया जाना चाहिए. वहीं आपको बता दें शाम क़रीब सात बजे वीरांगनाओं के साथ सैकड़ों युवाओ ने केंडिल मार्च किया. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन सकते में आया और बड़ी मुश्किल से प्रशासन की बात मान कर शहीद स्मारक के अंदर घुसे और प्रशासन ने चैन की साँस ली.