कर्नाटक की राजनीतिक लड़ाई पहुंची सूडान, आपस में भिड़े सिद्धारमैया और विदेश मंत्री

सूडान में सिविलियन रूल लागू करने को लेकर चल रहा युद्ध, इसमें कर्नाटक के कुछ लोग भी फंसे, इस मसले को लेकर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने उठाई आवाज जिस पर भड़के विदेश मंत्री एस जयशंकर,बोले- इस पर राजनीति न करें

s jaishankar
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Siddaramaiah and S Jaishankar clash with each other: कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इससे पहले प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं. कर्नाटक में जातिगत आरक्षण की लड़ाई भी तूल पकड़ती जा रही है. इसी बीच आदिवासी समुदाय के लोगों के सूडान में होने को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर आपस में उलझ गए. यह झगड़ा सोशल मीडिया पर शुरू हुआ जिस पर विदेश मंत्री ने कांग्रेस नेता को इस मसले पर राजनीति न करने की नसीयत तक दे डाली.

दरअसल, सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच लड़ाई चल रही है जिसमें भारत के 31 नागरिक फंसे हुए हैं. ये सभी कर्नाटक के आदिवासी समुदाय से आते हैं. इन लोगों की वापसी को लेकर सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है जिस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर भड़क गए और कांग्रेस नेता पर तीखा पलटवार किया. विदेश मंत्री ने कहा कि मैं आपके बयान से स्तब्ध हूं. सूडान में कई लोगों की जान खतरे में है. इस पर राजनीति न करें.

इससे पहले सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि सूडान में हक्की पिक्की आदिवासी समुदाय के कुछ लोग पिछले कई दिनों से बिना खाना-पानी के फंसे हुए हैं. सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है.

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इस पर बयान देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्री ने कहा. मैं आपके बयान से स्तब्ध हूं. सूडान में कई लोगों की जान खतरे में है. इस पर राजनीति न करें.

विदेश मंत्री जयशंकर ने अन्य ट्वीट करते हुए कहा कि सूडान में फंसे भारतीयों की स्थिति पर राजनीति करना बहुत ही गैर – जिम्मेदाराना है. मुझे नहीं लगता कि आपको इस तरह के बयान देकर किसी तरह का राजनीतिक फायदा होगा.

इस पर सिद्धारमैया ने कहा. आप देश के विदेश मंत्री हैं इसलिए मैंने आपसे मदद की अपील की. अगर आप मेरे बयानों पर स्तब्ध होने में ही व्यस्त हैं तो मुझे बता दीजिए कि देश को लोगों को वापस लाने में हमारी मदद कौन कर सकता है.

इसके बाद विदेश मंत्री ने कई ट्वीट के जरिए कर्नाटक के लोगों को बचाने के लिए उठाए जा रहे कदम के बारे में बताया. विदेश मंत्री ने लिखा, ‘सूडान में हालात बिगड़ने के बाद से ही भारतीय दूतावास वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए हर संभव कोशिशों में जुटा है. वो भारतीयों नागरिकों के लगातार संपर्क में है. हम हर घटना पर नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल सुरक्षा को देखते हुए हम नागरिकों की लोकेशन साझा नहीं कर सकते हैं.’

गौरतलब है कि सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है. सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और आरएसएफ आमने-सामने हैं. आरएसएफ सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए.

इसी लड़ाई की वजह से कर्नाटक के 31 आदिवासी सूडान में फंस हुए हैं. सभी लोग सूडानी शहर अल-फशेर में रह रहे हैं. ये लोग आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी बेचने के लिए सूडान गए थे. इनमें से 19 लोग कर्नाटक के हुनसूर, 7 शिवामोगा और 5 लोग चन्नागिरी के रहने वाले हैं. बताया गया है कि सूडान में फंसे भारतीयों में से एक ने किसी मीडिया से फोन पर बात की थी. उसने बताया था कि वे लोग पिछले 4-5 दिनों से एक किराए के मकान में फंसे हुए हैं और उनके पास खाना या पीने के लिए कुछ भी नहीं है. कोई उनकी मदद करने को तैयार नहीं है. इस खबर के वायरल होने के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर टवीट कर सरकार से उन्हें देश वापस लाने की मदद की अपील की है.

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