योगी राज उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनावों का परिणाम देशभर में चर्चा का विषय रहा. यहां बीजेपी को 48 में से केवल 9 सीटों पर जीत मिली. जिस अयोध्या राम मंदिर को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने देशभर में हुंकार भरी थी, अपने चुनावी प्रचार में मुख्य रूप से शामिल किया था, उस अयोध्या तक में बीजेपी उम्मीदवार की हार हुई. इस हार को बीजेपी अब तक पचा नहीं पायी है. इस बीच कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने यह कहकर हलचल मचा दी है कि बीजेपी की हार का बड़ा कारण पेपर लीक है.
कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट कर ये दावा किया है. नया दावा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश प्रदेश में भाजपा की हार के वैसे तो बहुत से कारण हैं लेकिन उनमें से एक बड़ा कारण पेपर लीक भी है.
यह भी पढ़ें: एक पेड़ मां के नाम: मन की बात में पीएम मोदी का जनता के नाम पैगाम
बीजेपी नेता सुब्रत पाठक ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश की पुलिस भर्ती में हुआ पेपर लीक वैसे कोई नई बात नहीं है धीरे धीरे देश भर के तमाम राज्यों की विभिन्न परीक्षाओं में होने बाला पेपर लीक हमारे जीवन का हिस्सा सा बन गया है. लेकिन मुझे खुशी है इस बार नीट की परीक्षा में हुआ पेपर लीक का मुद्दा इस बार राष्ट्र व्यापी बन गया है. मोदी सरकार ने पहले ही संसद में पेपर लीक पर कठोर कानून बना दिया था साथ ही नीट की परीक्षा में हुए पेपर लीक की CBI जांच के बाद अब तक देश भर में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां भी जारी हैं.’
हमारा सिस्टम बेबस
बीजेपी के पूर्व सांसद ने आगे लिखा, ‘आखिर क्या कारण है बार बार ऐसी घटनाएँ हमारे सामने आती हैं और और इनके आगे हमारा सिस्टम बेबस नजर आता है. इसके लिए हमे स्वयं को महसूस कर समझना होगा. अंग्रेज हमारे देश को छोड़ कर चले गये किन्तु भ्रष्टाचार को हमारी जड़ों में छोड़ गए और यह धीरे धीरे ये हमारे समाज का हिस्सा बन गया और फिर हमारे देश के राज नेताओं के संरक्षण में ये भ्रष्टाचार हमारी शिक्षा व्यवस्था में भी घुस गया और हमारी शिक्षा व्यवस्था को ही पूरी तरह चौपट कर दिया स्कूल कालेज कोचिंग सेण्टरों की बनी बड़ी बड़ी इमारतों ने शिक्षा को पूरी तरह व्यापार में बदल दिया.’
नकल का हो रहा नंगा नाच
सुब्रत पाठक ने कहा कि मुझे ख़ुशी है इस बार जब पेपर लीक का मुद्दा राष्ट्रव्यापी बना है तो वो तमाम राजनीतिक दल जो इस भ्रष्ट शिक्षा व्यवस्था को संरक्षण देते रहे हैं आज वो भी पेपर लीक पर सवाल उठा रहे हैं. परीक्षा स्वकेंद्र हो गई नकल माफियाओं को मिले इस जबरदस्त समर्थन के बाद तो ऐसा नकल का नंगा नाच हुआ कि उत्तर बोर्ड पर लिख दिये जाते थे यदि पढ़ कर लिखना नहीं आता तो कापी कोई और लिख देता था कहीं कहीं तो परीक्षार्थियों को आने की भी आवश्यकता नहीं होती थी मार्कशीट फर्स्ट डिवीजन पास की उनके घर पहुँच जाती थी.
शिक्षा माफियाओं की खैर नहीं
अपनी पोस्ट के आखिर में पूर्व सांसद ने आगे कहा कि आज जब जनता के दबाव में यही लोग समर्थन कर रहे हैं. इस भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ तो मुझे भरोसा है जिस प्रकार से पिछले 10 वर्षों में बीजेपी शासित राज्यों में आतंकी माफिया समाप्त हो गये भू माफियाओं पे कार्रवाई जारी है अब इन शिक्षा माफियाओं की बारी है क्योंकि मोदी जी के पास इसे समाप्त करने की मज़बूत इक्षा शक्ति भी है और जनता के दबाव में विपक्ष का समर्थन भी और अब तो मजबूत क़ानून भी है देखते जाइए अब इन शिक्षा माफियाओं की खैर नहीं और ये पेपर लीक जैसी बिसंगतियाँ भूली बिसरी यादों में ही रह जाएगी.