Thursday, January 16, 2025
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कमलनाथ के मंत्री ने लगाया दिग्विजय सिंह पर सरकार गिराने की कोशिश का आरोप

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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का विवादों में बने रहने का सिलसिला बदस्तूर चला हुआ है. इस बार वे अपनी ही सरकार (Government) के एक मंत्री के निशाने पर हैं. मध्य प्रदेश के वन मंत्री (Forest Minister) उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने कांग्रेस अध्यंक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) को पत्र लिखा है कि दिग्विजय सिंह कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं और खुद को समांतर विकल्प के रूप में प्रॉजेक्ट कर रहे हैं. मंत्री के पत्र लिखने के बाद पार्टी के अंदर हड़कंप मचा हुआ है.

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में इन दिनों गुटबाजी चरम पर है. सरकार के वन मंत्री उमंग सिंघार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर बड़ा आरोप लगाया है. पिछले दिनों दिग्विजय सिंह द्वारा सरकार के एक मंत्री को भेजा गया पत्र लीक हो गया था, जिसमें उनके द्वारा ट्रांसफर और अन्य मुद्दों की सिफारिश पर क्या कार्रवाई हुई यह जानने के लिए मिलने का समय मांगा था. इस पत्र का हवाला देते हुए सिंघार ने दिग्विजय पर आरोप लगाया है कि वह सभी कैबिनेट मंत्रियों और यहां तक कि सीएम को भी लेटर लिख रहे हैं और मिलने का समय मांग रहे हैं ताकि वह यह जान सकें कि ट्रांसफर, पोस्टिंग और दूसरे मामलों में उनकी सिफारिशों पर क्या ऐक्शन लिया गया है.

मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए लिखा कि दिग्विजय सिंह मंत्रियों को पत्र लिखकर क्या साबित करना चाहते हैं. वह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं. उमंग ने दिग्विजय सिंह पर रेत और शराब कारोबार का भी आरोप लगाया है. हालांकि, मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी सिंघार के साथ आ गए, मगर पांच मंत्रियों ने दिग्विजय सिंह के समर्थन में मोर्चा खोल दिया.
वन मंत्री सिंघार यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने कहा कि आरपार की लड़ाई है. दिग्विजय सिंह खुद उल्टे-सीधे धंधे कर रहे हैं. उमंग सिंघार ने मीडिया से चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह के खिलाफ बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वे रेत और शराब कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं. उनका होशंगाबाद से रेत का धंधा चल रहा है. भाजपा के समय से जमे अधिकारियों को अब तक नहीं हटाया गया है. परिवहन आयुक्त पद पर एक ही अधिकारी सात साल से जमा है.

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मध्यम प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा है कि यह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह हैं, जो वास्तव में पर्दे के पीछे से राज्य सरकार चला रहे हैं. यह सबको पता है, जगजाहिर है. प्रदेश की जनता जानती है, कांग्रेस का कार्यकर्ता जानता है. उन्हें चिठ्ठी लिखने की आवश्यकता नहीं है, जब सरकार ही चला रहे हैं तो चिठ्ठी लिखने की आवश्यकता क्यों? इसका सीधा मतलब है कि वह मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी सरकार चलाने नहीं दे रहे हैं.

उधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता जानती है कि सरकार कौन चला रहा है. इतना ही नहीं बीजेपी भी इसमें कूद पड़ी. बीजेपी ने मंत्री के बयान के बाद कहा कि वह शुरू से ही यह कहती आई है कि मध्य प्रदेश में 3-3 मुख्यमंत्री सरकार चला रहे हैं और अब मंत्री के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है. बीजेपी ने कांग्रेस हाईकमान से हस्तक्षेप की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुटकी लेते हुए कांग्रेस आलाकमान से मांग की है कि उसे हस्तक्षेप कर यह तय करना चाहिए कि सरकार कौन चलाए.

मध्यप्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस हाईकमान को हस्तक्षेप कर यह तय करना चाहिए कि सरकार कौन चलाए. लगातार दो ट्वीट कर चौहान ने कहा कि ‘सरकार कोई और चलाए और मुख्यमंत्री पद की शपथ कोई और ले, यह नहीं होना चाहिए. पर्दे के पीछे से सरकार नहीं चलनी चाहिए. सामने से चलनी चाहिए, पारदर्शी तरीके से चलनी चाहिए.’ दूसरे ट्वीट में चौहान ने कहा कि ‘कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुख्यमंत्री पद की शपथ जिसने ली है, वही सरकार चलाए. अफसरों के लिए असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है कि वे किसकी मानें, किसकी नहीं.’
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के इस पत्र के बाद कई मंत्रियों ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर करने से इंकार कर दिया वहीं दूसरी ओर बाला बच्चन, आरिफ अकील, विजयलक्ष्मी साधो, गोविंद सिंह राजपूत, सुखदेव पांसे सहित कई मंत्रियों ने दिग्विजय सिंह को अपना वरिष्ठआ नेता बताते हुए कामकाज पर निगरानी रखने और समीक्षा का अधिकार होने की बात कही.

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