PoliTalks.news/MP. मध्य प्रदेश में इन दिनों कांग्रेस और कमलनाथ के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. राजनीति में उठा पटक के बीच कांग्रेस के विधायकों का इस्तीफा ड्रामा बदस्तूर जारी है. सिंधिया के नेतृत्व में 22 विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने के बाद बीते दिनों कांग्रेस विधायक प्रद्दुमन लोधी और सुमित्रा देवी कास्डेकर के बाद गुरुवार को नारायण पटेल ने भी प्रोटेम स्पीकर को अपना त्यागपत्र सौंप दिया. इसके बाद विधानसभा में 27 सीटें खाली हो गई हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर तोड़फोड़ का आरोप लगया है. प्रदेश में ऐसी स्थितियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ की चुटकी ले ली.
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें (कमलनाथ) अपनी पार्टी के मौजूदा हालातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं, बल्कि अपने शीर्ष नेतृत्व को चिट्टी लिखनी चाहिए थी.
इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने बताया कि कांग्रेस के विधायकों को प्रलोभन देकर भाजपा में शामिल कराया जा रहा है. ये अनैतिक कृत्य है. मप्र की सरकार गिराना प्रजातांत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है. देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में एक भूचाल आया हुआ है और ऐसी शंका इसका केंद्र बिंदु केंद्र में निहित है.
प्रधानमंत्री को पत्र:
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर प्रजातंत्र की रक्षा के लिये कदम उठाने का आग्रह किया है।
लोकतंत्र की रक्षा हो,
जनादेश की सुरक्षा हो। pic.twitter.com/q7vbBILi55— MP Congress (@INCMP) July 23, 2020
कमलनाथ ने लिखा, ‘जब पूरा विश्व और देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. भारत ने दशकों की मेहनत से इतनी प्रगति हासिल कर ली है कि इस महामारी का बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकता है. लेकिन मैं आपका ध्यान भारत की अप्रजातांत्रिक महामारी की तरफ दिलाना चाहता हूं. देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में एक भूचाल आया हुआ है और ऐसी शंका इसका केंद्र बिंदु केंद्र में निहित है. परंतु मेरी शंकाएं निराधार साबित होंगी और आप भारत के लोकतंत्र की गिरती साख को बचाने के लिए आगे आएंगे.’
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि अभी भी एमपी में भाजपा द्वारा प्रतिपक्ष के विधायकों को प्रलोभन देकर इस्तीफे कराए जा रहे हैं और ऐसे अनैतिक कृत्य कर उपचुनावों का बोझ राज्य की जनता पर डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि मप्र की सरकार गिराना प्रजातांत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है. पहले भाजपा के नेताओं ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री समेत कई मंत्रियों और विधायकों को लेकर बैंगलुरू चले गए, जिससे मप्र की सरकार गिराई जा सके और लोगों को कोरोना महामारी की आग में झोंक दिया. चर्चा भी ये है कि कांग्रेस की सरकार गिराने तक देश में लॉकडाउन 24 मार्च के पहले नहीं किया गया.’
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बता दें, इससे पहले बुधवार रात राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराते हुए लिखा कि राजस्थान में चुनी सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह, भाजपा और हमारे दल के कुछ नेता शामिल हैं. सीएम गहलोत ने पत्र में ये भी लिखा कि मुझे ज्ञात नहीं है कि किस हद तक यह सब आपकी जानकारी में है अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है लेकिन इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों को कभी माफ नहीं करेगा.