भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. अगर सीपी उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने में कामयाब होते हैं (जो करीब करीब पक्का है), तो झारखंड के लिए यह एक खास पल होगा. वजह है झारखंड का राजभवन, जो अब देश के सर्वोच्य पदों के लिए ‘लकी’ साबित हो रहा है. अगर सीपी राधाकृष्णन चुनाव जीत जाते हैं, तो देश के दोनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर ऐसे व्यक्ति होंगे, जो झारखंड के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं, यानी झारखंड के राजभवन में निवास कर चुके हैं.
वर्तमान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (पूर्व राज्यपाल, झारखंड: 2015–2021) और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन (पूर्व राज्यपाल, झारखंड: 2023–2024) हैं. यह संयोग झारखंड के लिए गर्व का विषय है. अगर सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो यह पहला मौका होगा जब देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ऐसे नेता होंगे, जो झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं.
2022 में देश की राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू
मूल रूप से ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू ने 18 मई 2015 से 13 जुलाई 2021 तक झारखंड की राज्यपाल के रूप में सेवा दी. यह कार्यकाल (6 वर्ष) झारखंड के इतिहास में सबसे लंबा रहा. 2022 में वे देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनीं. इस दौरान बीजेपी और उनके सहयोगी दलों (NDA) ने उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया. उनके सामने विपक्ष ने झारखंड के ही पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया था. हालांकि द्रौपदी मुर्मू ने आसानी से चुनाव जीत लिया और 2022 में राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुईं. 2022 में वे देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनीं.
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वहीं, सीपी राधाकृष्णन राज्यपाल रहते हुए एक साल और 5 महीने तक यहां के राजभवन में रहे. अब उन्हें एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. सीपी 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल रहे.
सोशल मीडिया पर छाया ‘राजभवन’
चूंकि मूर्मू और सीपी दोनों ही झारखंड के राजभवन से निकले हैं, ऐसे में झारखंड का राजभवन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. यूजर्स इसे ‘भाग्यशाली’ बता रहे हैं, क्योंकि यहां के दो पूर्व राज्यपाल अब देश के सर्वोच्च पदों पर होने वाले हैं. उनका इशारा दो पूर्व राज्यपालों द्रौपदी मुर्मू और सीपी राधाकृष्णन की तरफ है.
वैसे संसद में एनडीए के बहुमत को देखते हुए सीपी राधाकृष्णन की जीत निश्चित मानी जा रही है, क्योंकि लोकसभा में एनडीए को पूर्ण बहुमत हासिल है और राज्यसभा में एनडीए विपक्ष से काफी आगे है. इसी कारण झारखंड का राजभवन सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहा है. यह संयोग न केवल झारखंड के लिए गर्व का विषय है, बल्कि भारतीय राजनीति में भी एक अनोखा अध्याय दर्ज करने जा रहा है.



























