Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज एक बड़ी राहत देते हुए बिजली के बिल में फ्यूल सरचार्ज माफ करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री गहलोत की इस घोषणा पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जमकर निशाना साधा.
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस सरकार की जनता को राहत देने की मंशा ही तो नहीं है, इसलिए ही घोषणावीर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आचार संहिता से 2 माह पूर्व फ्यूल सरचार्ज माफ करने की याद आई है.
यह भी पढ़ें: सदन में राहुल गांधी की धमाकेदार एंट्री पर भारी पड़ी उनकी ‘फ्लाइंग किस’!
राठौड़ ने कहा कि घोषणा से पहले सरकार को फ्यूल सरचार्ज के रूप में जितनी भी राशि विद्युत उपभोक्ताओं से वसूली गई है उसे आगे के बिलों में समायोजित करना चाहिये.
राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासन के समय फ्यूल सरचार्ज औसतन 18 पैसे प्रति यूनिट था जिसे कांग्रेस शासन में साढ़े 4 वर्ष तक औसतन 60 पैसे प्रति यूनिट की दर से प्रदेश के 1.39 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं से वसूला गया.
राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में करीब 1 लाख 20 हजार करोड़ का डिस्कॉम्स का घाटा है और सब्सिडी के खर्चे के लिए विद्युत कंपनियों को प्रति वर्ष 60 हजार करोड़ का लोन बैंकों से लेना पड़ता है. इसलिए सरकार को बकाया राशि भी विद्युत कंपनियों को तत्काल चुकानी चाहिये और डिस्कॉम्स के घाटे को कम करना चाहिये.
राठौड़ ने कहा कि फ्यूल सरचार्ज का फायदा तब ही मिलेगा जब बिजली लोगों के घरों में आयेगी क्योंकि प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आमजन घोषित-अघोषित बिजली कटौती का दंश झेलने को लगातार मजबूर है.