Politalks.News/UttarPradesh. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर यूपी सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को और भी रोचक बना दिया है. केंद्र सरकार यह अच्छी तरह से जान चुकी है कि अगर आगामी चुनाव में फ़तेह हासिल करनी है तो कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा. वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले का असर आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टियों के गठबंधन पर भी देखने को मिलेगा. जाट लैंड में अपनी अनूठी पहचान रखने वाली और चौधरी खानदान की कर्मभूमि से आने वाली राजनीतिक पार्टी RLD के लिए भी आगामी चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. आगामी चुनाव के लिए RLD ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का एलान कर दिया है. ऐसे में तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद दोनों ही दलों की मुश्किलें बढ़ गई है. सपा से गठबंधन को लेकर RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि ‘अखिलेश यादव जी से मिल रहे हैं, मिलते रहेंगे और आगे भी हम साथ में चलेंगे. वहीं बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर भी जयंत चौधरी ने बड़ा बयान दिया.’
चुनाव के समय गठबंधन की राजनीति अब आम हो चली है. किसी भी पार्टी से गठबंधन का सिलसिला वर्तमान राजनीतिक हालातों को भांप कर किया जाता है. ऐसा ही कुछ नजारा आगामी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है. केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट हुई पार्टियों के लिए अब मुसीबत खड़ी नजर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुनानक जयंती पर बड़ा दांव खेलते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला जरूर ले लिया है लेकिन सभी राजनीतिक दलों से एक मुद्दा भी छीन लिया है.
यूपी की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाली पार्टी RLD ने भले ही सपा से गठबंधन का एलान कर दिया हो. लेकिन पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी अब तक अखिलेश यादव के साथ आगामी चुनाव लड़ने को लेकर सधे हुए बयान दे रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अब जयंत चौधरी जाट लैंड का मन भांप कर चुनाव की तैयारी करने में लगे है. इसी कड़ी में आगामी चुनाव को लेकर RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ‘हमने पहले ही सपा के साथ आने का एलान कर दिया है लेकिन इस महीने यानी नवंबर के अंत तक सपा के साथ गठबंधन को लेकर आखिरी फैसला कर लिया जाएगा.’ चौधरी का यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है.
मीडिया से बात करते हुए RLP प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि, ‘हमारी अखिलेश यादव से लगातार मुलाकात हो रही है, और आगे भी हम मिलते रहेंगे और साथ भी चलेंगे. हम लोगों की सारी चीजों पर लगातार बात होती रहती है.’ वहीं समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के औपचारिक ऐलान के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि ‘गठबंधन को लेकर हम घोषणा एक साथ मिलकर करेंगे और इस बारे में नवंबर अंत तक सब कुछ साफ हो जायेगा.’
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वहीं तीनों कृषि कानून वापस लेने के बाद बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि, ‘आप ही बताइये कि बीजेपी का दामन थामने का आधार क्या होगा? आज उत्तर प्रदेश की जनता पूरी तरह तंग हैं. योगी जी को गवर्नेंस का पता ही नहीं है.’ चौधरी ने कहा कि ‘आज प्रदेश के साथ साथ देश में बेरोज़गारी सबसे बड़ा मुद्दा है. बीजेपी बड़े-बड़े वादे तो करती है लेकिन महिलाओं के खिलाफ जो हो रहा है उस पर कुछ नहीं करते हैं.’
बता दें कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कई बार आरएलडी के साथ गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ कर चुके हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी किसी भी पार्टी की तरफ से निर्णय नहीं आया है. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अपने अजित सिंह के निधन के बाद आरएलडी की कमान संभाल रहे जयंत चौधरी का बतौर पार्टी अध्यक्ष यूपी विधानसभा चुनाव पहली परीक्षा होगी, इसलिए वह आगामी चुनाव में पार्टी के परंपरागत वोटों को एकजुट करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.