Wednesday, January 15, 2025
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जाट सांसदों और उपराष्ट्रपति को अब पहलवानों के पक्ष में बोलने की है जरूरत- हनुमान बेनीवाल

खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने पहलवानों का सन्यास लेने, मैडल लौटाने और विपक्ष के सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करने से जुड़े मुद्दे को लेकर दिया बयान, कहा- जाट सांसदों और उपराष्ट्रपति को अब पहलवानों के पक्ष में बोलने की जरूरत है

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Hanuman Beniwal Big Statement: देश की राजनीति में इन दिनों पहलवानों का सन्यास लेने, मैडल लौटाने और विपक्ष के सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करने का मामला गरमाया हुआ है. इस मामले को लेकर आज राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. विधायक बेनीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जाट सांसदों और उपराष्ट्रपति को अब पहलवानों के पक्ष में बोलने की जरूरत है.

विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ में अपनी तानाशाही चला रहे एक बाहुबली सांसद पर लगे गंभीर आरोपों के बाद देश की पहलवान बेटियों द्वारा न्याय के लिए किए गए आंदोलन को केंद्र में बैठी भाजपा सरकार द्वारा अनदेखा किया गया. अब फिर से उसी सांसद के करीबी को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाने से आहत होकर देश के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाली समाज की बेटी साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने भी सरकार के तानाशाह रवैए से आहत होकर अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया है.

विधायक बेनीवाल ने कहा कि अब प्रश्न यह उठता है की जब बंगाल के सांसद द्वारा देश के उप राष्ट्रपति की मिमिक्री करने की बात को देश की लोकसभा और राज्यसभा में बैठे भाजपा के जाट समाज के सांसद और खुद उपराष्ट्रपति कौम का अपमान बता रहे है. भाजपा के प्रवक्ता और नेता उस मिमिक्री को जाटों का अपमान बता रहे तो क्या देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर रोशन करने वाली पहलवान बेटियों के साथ जब अन्याय हुआ, जब जंतर मंतर पर उन्होंने आंदोलन किया. अब जिस तरह आहत होकर कुश्ती छोड़ने और पद्मश्री लौटाने जैसे फैसले पहलवानों ने किए तो जाट सांसद और उपराष्ट्रपति खामोश क्यों है? उनको पहलवानों से जुड़े मामले में समाज का अपमान क्यों नजर नहीं आ रहा है?

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विधायक बेनीवाल ने कहा कि देश के अन्नदाता जब सड़कों पर बैठे थे, एक हजार से अधिक किसानों ने काले कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन में शहादत दी, तब भी धनखड़ साहब और भाजपा के जाट सांसद चुप रहे, क्या वो भाजपा के दबाव में अब भी चुप रहेंगे या देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर रोशन करने वाले समाज के पहलवानों के पक्ष में अपनी बात रखेंगे? चुंकि बंगाल के एक सांसद जिनका कौम को अपमानित करने का कोई उद्देश्य नहीं था बावजूद इसके मिमिक्री के वाक्ये को भाजपा सांसदों ने कौम से जोड़ दिया जबकि पहलवानों के मामले में तो प्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार द्वारा कौम का मखौल उड़ाया गया और उड़ाया जा रहा है, ऐसे में भाजपा के जाट सांसदों को भी अब अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है.

विधायक हनुमान बेनीवाल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से अपील करते हुए कहा की आप संवैधानिक पद पर आसीन है, आप पहलवानों के मामले में सीधे संज्ञान लेकर न्यायोचित बात के लिए केंद्र को निर्देशित कर सकते है. ऐसे में अब आपको भी बोलने की जरूरत है.

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