जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने की शिवसेना को समर्थन नहीं देने की अपील वहीं सोनिया से मुलाकात के बाद बोले पवार- नहीं हुई कोई बात

पवार ने कहा- सरकार बनाने पर नहीं हुई कोई चर्चा, बैठक से पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर की शिवसेना को समर्थन नहीं देने की अपील

Shiraca
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में सरकार गठन की दिशा में शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच होने वाली जिस बैठक पर पिछले दो दिनों से सबकी निगाहें ठहरी हुईं थीं, उसका नतीजा बिग ज़ीरो जैसा आया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष के साथ सरकार बनाने पर चर्चा ही नहीं हुई बल्कि हमने सूबे की राजनीतिक हालात पर चर्चा की है.” इस बीच इस बैठक से पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर शिवसेना को समर्थन नहीं देने की अपील की. (Shiraca)

अब ये लगने लगा है कि महाराष्ट्र में कम से कम शिराकां (शिवेसना-राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस) की सरकार (Shiraca) तो शायद नहीं बनने वाली है, वरना इतना झोल की हर पल कुछ अलग बात, कुछ अलग बयान. सोनिया गांधी के सतग हुई बैठक के बाद शरद पवार ने कहा, ”दोनों पार्टियों (कांग्रेस-एनसीपी) के वरिष्ठ नेताओं की राय लेंगे और आगे का रास्ता तय करेंगे. किसी के साथ सरकार बनाने की बात नहीं की है, संख्याबल पर बात हुई.” पवार ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में स्वाभिमानी शेतकारी पार्टी हमारे साथ लड़ी थी, समाजवादी पार्टी भी हमारे साथ थी. इनके साथ बात नहीं हुई है, उन्हें भी विश्वास में लेना है. किसी के साथ जाने या नहीं जाने पर अभी बात नहीं हुई है, हमारे पास छह महीने हैं.”

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वहीं पवार और सोनिया गांधी की मुलाकात से पहले जमीयत के प्रमुख अरशद मदनी ने सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए पत्र लिखा कि, ”मैं महाराष्ट्र की गंदी राजनीति की तरफ आपका ध्यान ले जाना चाहता हूं और यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि आप शिवसेना को समर्थन देंगे. यह कांग्रेस पार्टी के लिए खतरनाक और नुकसानदेह होगा. मुझे उम्मीद है कि मेरी सलाह को अच्छी भावना में लेंगी.”

उधर सोनिया और पवार के बीच हुई इस बैठक को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा, ”शरद पवार ने आज कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें महाराष्ट्र की स्थिति के बारे में जानकारी दी. यह तय किया गया कि एक या दो दिन में, एनसीपी और कांग्रेस के प्रतिनिधि दिल्ली में बैठक कर आगे के रुख पर चर्चा करेंगे.”

बता दें, सोनिया गांधी के साथ अपनी मुलाकात से पहले शरद पवार ने मीडिया से कहा था कि महाराष्ट्र में सरकार गठन का दावा कर रहे सभी दलों को ‘अपना रास्ता चुनना’ होगा. (Shiraca) उन्होंने कहा, “बीजेपी-शिवसेना साथ लड़े, हम (एनसीपी) और कांग्रेस साथ मिलकर लड़े. उन्हें अपना रास्ता चुनना है और हम अपनी राजनीति करेंगे.”

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यह भी बता दें कि इन सबसे इत्तर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एक बार फिर नया दावा किया है कि तीनों पार्टियां (Shiraca) साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत हो गई हैं और जल्द सरकार बन जाएगी. शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है.

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