पॉलिटॉक्स न्यूज. सचिन पायलट की वापसी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं और सभी विधायकों की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी मेरी है. मिलकर बैठकर सभी बातों को सुना जाएगा. सीएम गहलोत ने कहा कि कल्पना कीजिए, 100 से अधिक लोगों को इतने लंबे समय तक एक साथ रहना और एक आदमी टूटकर नहीं गया. पूरा जोर लगा लिया बीजेपी के नेताओं ने, पूरा षड्यंत्र किया सरकार को किसी कीमत पर गिराना, उस माहौल के अंदर अगर हमारे विधायक और एक आदमी छोड़कर नहीं गया. सीएम ने कहा ‘मैंने उन लोगों को कहा है कि आप लोगों ने इतिहास बना दिया और जब तक मैं जिंदा रहूंगा, आप लोगों के अभिभावक के रूप में रहूंगा.’
जयपुर से जैसलमेर रवाना होते हुए मीडिया से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, ‘एक मुख्यमंत्री होने के नाते मेरा फर्ज बनता है सभी की नाराजगी दूर करना. इस समय प्रदेश में लोभ-लालच-हॉर्स ट्रेडिंग क्या नहीं हो रहा था, डराने के धमकाने के काम हो रहे थे, एक आदमी छोड़कर नहीं जाए और इतने लंबे समय तक होटलों में रहना पड़े जिनको, उनको हम कैसे भूल सकते हैं. उनके लिए हमारे दिल में जो भाव है वो जानते हैं, मैं जानता हूं और उसी कारण से उन लोगों ने विश्वास करके मुझ पर, हाईकमान पर उन्होंने वहां रहना स्वीकार किया. उनको विश्वास हाईकमान पर भी है, मुझ पर भी है, उसको हम बनाए रखेंगे, किसी भी कीमत पर. जो लोग गए हैं, वो किन परिस्थितियों में गए हैं, क्यों गए हैं, क्या वादे किए गए थे उनसे, क्या नाराजगी मुझसे है, इन सभी को दूर करने का प्रयास करेंगे.’
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सीएम गहलोत (CM Gehlot) ने कहा कि जो आदमी सत्ता में होता है, असेंबली के अंदर भी सत्ता पक्ष जो होता है, उसकी ज्यादा जिम्मेदारी होती है विपक्ष को साथ लेकर चलने की. उसी प्रकार से आज अगर मैं मुख्यमंत्री हूं और मुझसे कोई अगर मेरी पार्टी का कोई विधायक नाराज है, तो जिम्मेदारी मेरी बड़ी बनती है कि मैं कैसे वापस संतुष्ट उनको करूं, उनका दिल जीतूं, ये मेरी जिम्मेदारी है. वो मैं पहले निभाता आया हूं जिंदगीभर, अब भी निभाऊंगा, कोई दिक्कत नहीं है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अपने षडयंत्रों में बीजेपी को जो मुंह की खानी पड़ी है, मेरे ख्याल से देश के अंदर राजस्थान की जनता ने एकजुटता दिखाई. ये असली जीत प्रदेशवासियों की है. सीएम ने कहा कि बीजेपी नेताओं की धज्जियां उड़ी हैं. कहां तो उन्होंने तीन-तीन प्लेन हायर किए विधायकों को गुजरात भेजने के लिए, एक ही जा पाया है. आज उनको बाड़ेबंदी करनी थी, बुला लिया गया सबको और अचानक से विधायक दल की मीटिंग भी कैंसिल कर दी.
सीएम गहलोत ने कहा कि जिस रूप में ये षड्यंत्र करते हैं, तो वो कामयाब नहीं होने वाले हैं. उनको प्रदेश की जनता और हमारे कार्यकर्ताओं ने दिखा दिया, हमारे विधायकों ने दिखा दिया है कि बीजेपी का जो अहम है, जो घमंड है, अहंकार है, सब मिलकर इनका मुकाबला कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी को बचाने का संघर्ष सबसे बड़ा है, उसमें भागीदार बन सकते हैं और हम सबका कर्तव्य है, आप लोगों का भी है, हर प्रदेशवासी, हर देशवासी का है क्योंकि अभी संकट डेमोक्रेसी को बचाने का है.
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मीडिया से अपील करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि मीडिया हर चीज को वैसे नहीं दिखाता, जैसे दिखाना चाहिए. मैंने 200 विधायकों को एक पत्र लिखा लेकिन मीडिया ने उसको ढंग से जगह नहीं दी. मैं बहुत भावुक हो गया लेकिन मीडिया ने पता नहीं क्या-क्या लिखा. ये मीडिया का एक कैरेक्टर भी ऐसे सामने आता है. इतना प्यार से मैंने पत्र लिखा, 200 विधायकों को लिखा और मैंने क्या कहा उसमें- अपनी आत्मा से, अपने परिवार से, अपने मतदाताओं से पूछो, फिर फैसला करो और उसके बाद में भी मीडिया ने उस पत्र को जो इम्पॉर्टेंस देनी चाहिए थी, वो नहीं दी गई.
अंत में सीएम गहलोत ने पार्टी के एकजुट रहने, 5 साल तक शासन करने और अगला चुनाव भी जीतकर आने का दावा किया. सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार पहले भी बहुमत में थी, आज भी है, कल भी रहेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंसूबों पर पानी फिर गया है.