bihar politics
bihar politics

Bihar Politics: भारतीय जनता पार्टी मौजूदा समय में देश का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है जिसकी जड़े 19 से अधिक राज्यों में फैली हुई है. हालांकि पिछले कुछ चुनावों में हिमाचल और कर्नाटक जैसे राज्यों में पार्टी को करारी शिखस्त का सामना भी करना पड़ा है. इसके विपरीत कर्नाटक में सरकार जाने से बीजेपी की दक्षिणी राज्यों में पैठ पूरी तरह से खत्म हो रही है. एनडीए से कई पार्टियों का टूटता गठबंधन भी पार्टी के कमजोर होने का प्रमाण तो दे ही रहा है. इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करने के बयान पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे (बीजेपी) खुद ही समाप्त हो रहे हैं. जितने भी क्षेत्रीय दल थे वे सब इनसे बिछड़ गए. तमिलनाडु में दक्षिण भारत का इनका सबसे बड़ा गठबंधन टूट गया इन्हें छोड़ दिया.

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जितने भी क्षेत्रीय दल थे वे सब इनसे बिछड़ गए. तमिलनाडु में दक्षिण भारत का इनका सबसे बड़ा गठबंधन टूट गया, इन्हें छोड़ दिया. इनके साथ कौन है? ना देश की जनता है, ना क्षेत्रीय दल हैं और ना कोई है.

तेजस्वी यादव का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब बिहार में आर्थिक जनगणना का सर्वे सामने आ चुका है और वहां ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर फिर से बहस छिड़ गयी है. वहीं एनडीए से लगातार पार्टियां अपना गठबंधन तोड़ रही है. तमिलनाडु में एआईएडीएमके ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ा है. वहीं अगले साल तमिलनाडू में विधानसभा चुनाव से पहले पवन कल्याण की जनसेना पार्टी ने एनडीए का दामन छोड़ दिया है. ये गठबंधन तोड़ने का एलान ऐसे वक़्त में हुआ था, जब राज्यों में पार्टी की पकड़ ढीली होती जा रही है. बीते दो चुनावों में पार्टी ने अल्पसंख्यक वोट बैंक को खोया है.

यह भी पढ़ें: गर्दिश में चल रहे हैं आम आदमी पार्टी के नेताओं के सितारे! अब राघव चड्ढा की बारी

अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की जनसेना पार्टी ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी के साथ गठबंधन किया था. उसके बाद एनडीए से स्पष्ट किनारा कर लिया. पवन कल्याण ने इसकी घोषणा भी कर दी है. उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी का समर्थन किया है. दोनों पार्टियां स्थानीय चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी.

बरहाल, करीबी बताते हैं कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व से मिले असहयोग, अन्नामलाई के लगातार किए जा रहे हमलों के चलते पार्टी मुश्किल स्थिति में आ गई. पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को अपमान महसूस हुआ, जिसके चलते गठबंधन से अलग होने का फैसला किया गया है.

Leave a Reply