लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद अपने अस्तित्व को बचाने में लगी इंडियन नेशनल कांग्रेस (Congress) पार्टी की आलाकमान तिगड़ी के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक नया फरमान आया है. अब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सहित कुछ खास VVIP लोगों को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सुरक्षा प्रदान की जाएगी. ये निर्देश भी दिए गए हैं कि विदेश यात्रा के दौरान एसपीजी सुरक्षाकर्मियों को साथ ले जाना अनिवार्य होगा. ये अति विशेष सुरक्षा जाप्ता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को भी दी गई है.
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इस आदेश के निकलने के बाद कांग्रेस ने विरोध जताना शुरू कर दिया है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार अपने इस कदम से गांधी परिवार पर निगरानी करने की साजिश कर रही है, वहीं केंद्र सरकार ने 24 घंटे सुरक्षा का अलाप गाया. अब सरकार सच में गांधी परिवार को सुरक्षा ही दे रही है या इन पर हर पल की निगरानी बढ़ा रही है, इसमें बड़ा झोल नजर आ रहा है.
इससे पहले तक गांधी परिवार का कोई भी सदस्य बाहर जाता है तो उनके साथ SPG सुरक्षा नहीं होती. इस वक्त राहुल गांधी देश से बाहर है लेकिन उन्होंने निजी यात्रा बताते हुए एक स्थान के बाद एसपीजी को वापिस भेज दिया. वैसे तो SPG सुरक्षा अमेरिका में मिली राष्ट्रपति के बराबर मिलने वाली सुविधा है. लेकिन कहीं न कहीं केंद्र सरकार सोनिया-राहुल-प्रियंका के न केवल विदेश दौरों पर नियंत्रण करना चाह रही है, वहीं इन सभी की यात्रा से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी पर भी निगरानी रखने की तैयारी कर रही है.
बाकी बातें तो फिर भी ठीक थी लेकिन केंद्र सरकार ने ये भी निर्देश जारी किए हैं कि अगर नियमों की अनदेखी की गई तो संबंधित व्यक्ति की यात्रा रद्द भी की जा सकती है. ऐसे में तो साफ-साफ यही लगता है कि मोदी सरकार गांधी परिवार पर पल पल नजर रखना चाह रही है. ऐसे में गांधी परिवार के लिए ‘न निगला जाए और न गटका जाए’ जैसे हालात पैदा हो गए है.
इस आदेश के बाद कांग्रेस सरकार ने सख्ती दिखाते हुए ऐतराज जताया. इस बारे में कांग्रेस के प्रवक्ता बृजेश कलप्पा ने कहा कि यह किसी भी व्यक्ति की निजता का सीधा-सीधा उल्लंघन है. सरकार ऐसे आदेशों के जरिए केवल गांधी परिवार की निगरानी करना चाहती है. वहीं केंद्र सरकार के अनुसार, सरकार का मकसद उक्त सभी की 24 घंटे सुरक्षा उपलब्ध कराना है. इसमें निजता के उल्लंघन जैसी कोई बात नहीं है. अगर कहीं उनको कुछ हो गया तो वे इसके लिए केंद्र सरकार को ही जिम्मेदार ठहराएंगे.
हालांकि दोनों अपनी-अपनी जगह पर सही हैं लेकिन सख्ती से निर्देशों का पालन कराना कहीं न कहीं केंद्र सरकार की छिपी मंशा को उजागर करता है. बता दें, एसपीजी सबसे पेशेवर और आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है. ये संस्था भारत दौरे पर आए अति विशिष्ठ अतिथि की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है. इसके जवानों का चयन पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ से किया जाता है.
वर्तमान में SPG सुविधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित सोनिया-राहुल-प्रियंका को मिली हुई है. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को भी एसपीजी सुविधा दी जाती थी लेकिन अब उनकी सुरक्षा में कटौती कर जेड प्लस सुविधा दी गई है. यही सुविधा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) को भी दी हुई है. आमतौर पर पूर्व प्रधानमंत्री को 5 साल सुरक्षा के बाद इसकी समीक्षा की जाती है.
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खैर जो भी हो, केंद्र सरकार लगातार गांधी परिवार पर नियम और कानून का शिंकजा कसती जा रही है. इस लोकसभा चुनाव में पार्टी केवल 51 सीटों तक बमुश्किल पहुंच पाई. खुद राहुल गांधी भी अपनी परम्परागत सीट अमेटी से हार बैठे थे. प्रियंका गांधी भी अपना वरचस्व केवल यूपी तक ही सीमित कर रही है और सोनिया गांधी की शायद ये आखिरी राजनीतिक पारी है. खतरे के निशान तक आ चुकी कांग्रेस के लिए केंद्र सरकार का ये ‘तुगलकी फरमान’ निश्चत तौर पर कांग्रेस की परेशानियां बढ़ाने वाला है.