पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के कारण विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों की अब घर वापसी होने लगी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रवासियों की घर वापसी के लिए पिछले काफी दिनों से प्रयासरत है. इसी के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों की घर वापसी के आदेश भी बुधवार को जारी कर दिए हैं. लेकिन इससे पहले ही राज्यों की आपसी सहमित के बाद प्रदेश में अब तक लगभग 5 हजार श्रमिकों को प्रदेश में लाया जा चुका है एवं अन्य को लाने की प्रक्रिया जारी है. वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने केंद्र सरकार के आदेश का स्वागत किया है.
इसके साथ ही सतीश पूनियां ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील की है की वो केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश की अनुपालना करते हुए अन्य राज्यों में फंसे राजस्थानियों को उनके घर तक लाने की व्यवस्था करें. पूनियां ने आगे कहा कि अब राज्य इसके लिए नोडल आफिसर तय करेंगे जो कि प्रवासी लोगों की वापसी के लिए आपसी सहमति से लाने ले जाने का प्रोटोकाल तय करेंगे. बहुत सारे राजस्थानी प्रवासी दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं और दूसरे राज्यों के लोग राजस्थान में भी फंसे हुए हैं. प्रदेश भाजपा की नियमित ब्रिफिंग में ये मांग भारत सरकार तक पहुंचाई गई थी की इन्हें इनके घरों तक जाने की छूट मिले. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रवासियों को हो रही परेशानी को देखते हुए ये फ़ैसला लिया है, जिसके लिए हम उनका अभिनंदन करते है.
पूनियां ने आगे कहा कि राजस्थान सरकार अधिकारियों की तैनाती कर, प्रवासियों को लाने के लिए साधन और समुचित व्यवस्था का प्रबंध करें, ये सुनिश्चित करे की अब किसी प्रवासी को और इंतज़ार नहीं करना पड़े. पूनियां ने आगे कहा कि सरकार को इस काम के लिए अगर हमारे सहयोग की ज़रूरत हो तो वो बताए, हम हर तरीक़े से सहयोग के लिए तैयार है.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के उक्त कथन से एक बात तो साफ है कि अगर प्रदेश भाजपा ने प्रयास नही किए होते तो शायद गृह मंत्रालय यह आदेश ही नहीं निकालता और अब बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने गाइड कर दिया है तो अब प्रदेश सरकार को समझ आ गया होगा कि कैसे प्रवासियों को लाना है, कैसे उनका प्रबंधन करना है, आदि. यहां बजाए गहलोत सरकार को धन्यवाद देने के की सरकार के अथक प्रयासों से यह मुमकिन हो पाया है, सतीश पूनियां अपना क्रेडिट लेने का प्रयास कर रहे हैं. जबकि कोरोना वायरस से जंग के इस प्रबंधन में एक मात्र प्रदेश की राजस्थान सरकार है जिसके काम को खुद प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ सराहा है बल्कि अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया है.
प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां यह भूल रहे हैं कि देश में सबसे पहले प्रवासियों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए अगर किसी ने पहल की तो वो है राजस्थान सरकार. इस मामले को लेकर सीएम अशोक गहलोत द्वारा पीएम मोदी को 2 बार पत्र लिखा गया, पीएम मोदी के साथ हुई वीसी में इस मुद्दे को पूरी गम्भीरता से उठाया गया, इसके लिए है हर राज्य के लिए एक-एक वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारी को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया. यहां तक कि केन्द्र सरकार के इस आदेश के आने से पहले तक प्रदेश सरकार ने गुजरात, मध्यप्रदेश और असम की राज्य सरकारों से सहमति बनाकर प्रवासियों को आने घरों पहुंचाना भी शुरू कर दिया है और अभी तक लगभग 5000 प्रवासी प्रदेश में अपने गंतव्य तक पहुंच भी चुके हैं.
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बता दें, प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों के बाद अब प्रवासी राजस्थानियों की घर वापसी होने लग गई है. इसको लेकर राजस्थान सरकार में श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि अभी तक गुजरात से 4082, मध्य प्रदेश से 400 एवं असम से 400 श्रमिकों को प्रदेश लाकर उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा चुका है. शेष राज्यों से हमारे श्रमिकों को लाने के लिए सहमति बन चुकी है.
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