पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. कोरोना वायरस और देश में 40 दिन के लॉडाउन के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा बुरा असर पड़ रहा है. संभावित जीडीपी 0.9 से 1.5 फीसदी तक बताई जा रही है. ऐसे में खर्चों को कम करने के लिए मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है. पिछले महीने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 4 फीसदी बढ़ाया गया था लेकिन नए निर्देशों के अनुसार एक जनवरी, 2020 से लेकर 30 जून, 2021 यानि डेढ़ साल के लिए इस पर रोक लगाई गई है. इस फैसले से करीब 1.13 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित होंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्मचारियों के डीएस पर कैंची चलाने को अमानवीय और असंवेदनशील कदम बताते हुए कहा कि ऐसे में खर्चे कम करने के लिए बुलेट ट्रेन और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को रोका जा सकता था. इससे पहले पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़कने वाला कदम बताया.
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एक ट्वीट करते हुए कांग्रेस के वायनाड सांसद राहुल गांधी ने लिखा, ‘लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (DA) काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है’. राहुल गांधी के इस ट्वीट को प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रिट्वीट किया है.
लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता(DA)काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।https://t.co/LTGPf53VsA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 24, 2020
बता दें कि केंद्र सरकार ने जिस कटौती का ऐलान किया है, उससे करीब सरकारी खजाने में सवा लाख करोड़ रुपये की बचत होगी. इससे पहले पिछले महीेन में मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तोहफा देते हुए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा कर दिया था लेकिन अब कोरोना संकट की वजह से इसी इजाफे को रोकने का फैसला लिया है. कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए संकट के बीच सरकार इसे बड़ा कदम बता रही है. इससे पहले इस फैसले के बाद राज्य सरकारों पर भी ऐसा करने का दवाब बढ़ना स्वभाविक है.
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इससे पहले शुक्रवार को ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मुद्दे पर एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कुछ डाटा पेश करते हुए केंद्र सरकार के इस कदम को कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़कने वाला फैसला बताया. सुरजेवाला ने कहा कि केवल एक महीने पहले 23 मार्च, 2020 को मोदी सरकार ने ₹30,42,000 करोड़ रुपये का बजट पारित किया. फिर बजट पेश करने के 30 दिन के अंदर ही मोदी सरकार 113 लाख सेना के जवानों, सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाकर क्या साबित कर रही है?
केवल 1 महीने पहले 23 मार्च’20 को मोदी सरकार ने ₹30,42,000Cr का बजट पारित किया।
फिर बजट पेश करने के 30 दिन के अंदर ही मोदी सरकार 113 लाख सेना के जवानों, सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाकर क्या साबित कर रही है?
हमारा बयान: pic.twitter.com/5OEIrEjH9d
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 24, 2020
कांग्रेस पार्टी इससे पहले भी इस मसले को लेकर सरकार को घेरती आई है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर फिजूलखर्ची को रोकने के कई सुझाव दिए थे जिनमें प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों की विदेश यात्रा रोकने और मीडिया को दो साल तक विज्ञापन न दिए जाने जैसी सलाह शामिल थी. कांग्रेस पहले भी कई बार केंद्र सरकार पर विपक्ष की सलाह को न मानने के आरोप लगा चुकी है.