पॉलिटॉक्स न्यूज. चीन की बढ़ती घुसताकियों और कोरोना वायरस को फैलाने में संदिग्ध भूमिका सामने आने के बाद पड़ौसी देश को सबक सिखाने के लिए लगता है भारत और अमेरिका एकजुट हो गए हैं. शायद यही वजह रही कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को जी-7 सम्मेलन में आने का न्योता दिया है. साथ ही जी-7 का दायरा बढ़ाने और भारत को इसमें शामिल करने की इच्छा जाहिर की. अमेरिका चीन को अलग थलग रखने की नीति पर काम कर रहा है. यही वजह है कि अमेरिका ने ड्ब्ल्यूएचओ से अपने आप को अलग कर लिया है. ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बीती रात फोन पर वार्ता हुई जिसके बाद पीएम मोदी ने ट्वीटर पर इस जानकारी को साझा किया.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘मेरे दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प के साथ गर्मजोशी से बात हुई। हमने जी-7 समिट की अध्यक्षता के बारे में उनकी योजनाओं और कोरोना के मुद्दे पर बात की. भारत और अमेरिकी के बीच मजबूत संबंध कोरोना के बाद दुनिया के लिए अहम होंगे.’
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Had a warm and productive conversation with my friend President @realDonaldTrump. We discussed his plans for the US Presidency of G-7, the COVID-19 pandemic, and many other issues.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 2, 2020
जी-7 सात बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का एक समूह है. इसमें फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है. ये सभी देश आपसी हितों के मामलों और जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा एवं अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए हर साल मिलते हैं. अगर भारत इस ग्रुप में शामिल होता है तो इससे चीन की अर्थव्यवस्था को धक्का लग सकता है क्योंकि चीन का अधिकांश व्यापार भारत के साथ होता है. ग्रुप में शामिल होने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था इन सातों राष्ट्र के आसपास घुमने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है तो ये चीन के लिए एक बड़े धक्के के समान होगी.
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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग पर आपसी सहयोग को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच बात हुई. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से जी-7 में और देशों को शामिल करने पर भी बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के बाद के समय में इस तरह के मजबूत संगठन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता के लिए अमेरिका और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करना प्रसन्नता का विषय है.
इधर, पीएमओ ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच बातचीत हुई. इस दौरान दोनों देशों के दोस्ताना संबंध और आपसी सम्मान की झलक देखने को मिली. राष्ट्रपति ट्रम्प ने जी-7 का दायरा बढ़ाने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने इसके मौजूदा सदस्य देशों में भारत समेत कुछ अन्य अहम देशों को शामिल करने की इच्छा जाहिर की. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प की इस दूरदर्शी सोच की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत इस समिट को सफल बनाने के लिए अमेरिका और दूसरे देशों के साथ मिलकर काम करने में खुशी महसूस करेगा.
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पीएमओ के अनुसार, मोदी ने अमेरिका में हो रही हिंसा के बारे में भी बात की. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इसका हल जल्द ढूंढ लिया जाएगा. दोनों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में किए जाने वाले सुधारों पर भी चर्चा हुई. ट्रंप मोदी के साथ पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में चीन और भारतीय सेना के बीच पैदा हुए तनाव के बारे में भी चर्चा की. इससे पहले ट्रंप ने इस मामले में मध्यस्थता की पेशकश की थी लेकिन भारत और चीन दोनों ने आपसी बातचीत से मसला सुलझाने की बात कही थी.
गौरतलब है कि इन दिनों भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर पर तनाव चल रहा है जिसे लेकर दोनों ओर से सेना में बढ़ोतरी की जा रही है. दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की दो मीटिंग हो चुकी है जो बेनतीजा रही. ऐसे में अमेरिका दोनों देशों के बीच मध्यस्था करने का इच्छुक है लेकिन दोनों देशों ने अमेरिका के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. चीन और भारत दोनों ने विवाद को बातचीत से सुलझाने की बात कही है.