उत्तराखंड में इस साल छात्रसंघ चुनाव न होने के दिख रहे आसार, ये है वजह

सत्र शुरू होने के आठ हफ्ते के भीतर छात्रसंघ चुनाव कराना जरुरी, कई कॉलेज ने फीस में से हटाया छात्रसंघ शुल्क, कॉलेज प्रशासन को कॉलेज खुलने, सरकार के दिशा-निर्देशों के साथ छात्रों के आने का इंतजार

Doon University Of Uttarakhand
Doon University Of Uttarakhand

Politalks.News/Uttarakhand. उत्तराखंड के करीब करीब सभी डिग्री कॉलेज-विश्वविद्यालय कैम्पस में इस साल छात्रसंघ गठित होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. मौजूदा शैक्षिक सत्र का साढ़े चार महीने का समय निकल गया है और कॉलेज कैंपस सूने हैं जबकि आमतौर पर जुलाई में नए सत्र के लिए कॉलेज खुलने के साथ ही डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव की रंगत शुरू हो जाती है. लेकिन, कॉलेजों में अभी छात्रों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है. वजह है तेजी से बढ़ता कोरोना संक्रमण. कोरोना संकट के चलते सभी कॉलेज और स्कूल पिछले 8 महिने से बंद हैं. ऐसे में इक्का दुक्का कॉलेज को छोड़ ज्यादातर कॉलेज कैंपस में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे.

लिंगदोह समिति की सिफारिशों के मुताबिक, सत्र शुरू होने के आठ हफ्ते के भीतर चुनाव जरूरी हैं. हर साल सितंबर दूसरे सप्ताह तक छात्रसंघ चुनाव कराए जाने होते हैं लेकिन इस साल अब तक कॉलेज बंद होने के चलते चुनाव संभव नहीं हो पाए. ऐसे में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के आसार भी नहीं हैं. हालांकि, आम छात्र छात्रसंघ गठन न होने से उनकी बात अनसुनी रह जाने का तर्क दे रहे हैं. कई कॉलेजों ने मौजूदा हालात को देखकर पहले ही छात्रसंघ शुल्क हटा दिया गया था. कुछ कॉलेज अभी भी कॉलेज खुलने और छात्रों के आने का इंतजार कर रहे हैं.

आगे भी विवि के स्तर पर चुनावी तैयारी नजर नहीं आ रही है. इस संबंध में कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अभी कॉलेजों में एडमिशन ही पूरे नहीं हो पाए हैं. जब तक कक्षाएं सुचारु रूप से शुरू नहीं हो जातीं, चुनाव नहीं हो पाएंगे. ऐसे में चुनाव की संभावना फिलहाल नहीं है. अंतिम निर्णय शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के क्रम में होगा. वहीं कुछ कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज खुलने के बाद ही चुनाव पर निर्णय लेने की बात कही है.

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इधर, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्द्धन ने कहा कि कॉलेज खुल पाएं और छात्रों का नियमित आना संभव हो तो छात्रसंघ चुनाव लायक माहौल बनेगा. फिलहाल ऐसी स्थितियां नहीं हैं. वैसे भी चुनाव कराने या न कराने पर अंतिम निर्णय विश्वविद्यालय और कॉलेजों के स्तर से ही लिया जाना है.

वहीं दून विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव कराने पर विचार कर रहा है लेकिन विवि को अभी अपने छात्रों का इंतजार है. विवि कुलपति डॉ. वीसी कर्नाटक के अनुसार, अभी विवि में छात्र ही नहीं आ रहे हैं. विवि खुल गए हैं, धीरे धीरे छात्र आने लगेंगे. उसके बाद ही छात्रसंघ चुनाव पर फैसला होगा. अभी तक के हिसाब से इस चुनाव की पूरी संभावना है. दिसंबर अंत तक भी चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में छात्रों का इंतजार है. उनकी संख्या के हिसाब से तय होगा. अगर चुनाव नहीं हो पाते हैं तब ही किसी दूसरे विकल्प पर विचार होगा.

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