मोदी-वाजपेयी की सोच में है जमीन आसमान का अंतर, अटल हैं नेहरू के समय के प्रोडक्ट, लेकिन…- रमेश

भारत जोड़ो यात्रा ने पिछले 48 दिनों में पूरी की 1270 किलोमीटर की यात्रा, पिछले 48 दिनों में भारत जोड़ो यात्रा, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को मिलाकर 4 राज्यों की यात्रा हो चुकी है पूरी, कांग्रेस के लोकतांत्रिक पार्टी है, भारत जोड़ा यात्रा लोकतंत्र की शहनाई बजा रही है तो वहीं भाजपा चला रही है एकतंत्र की तोप - जयराम रमेश

'BJP चला रही है एकतंत्र की तोप'
'BJP चला रही है एकतंत्र की तोप'

Politalks.News/BhratJodoYatra. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा ने 1270 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है. भारत जोड़ो यात्रा को अगर देखा जाए तो 48 दिन पुरे हो चुके हैं लेकिन इन 48 दिनों में से यात्रा ने 7 दिन का विश्राम भी किया है इसका मतलब यात्रा कुल 41 दिनों तक सड़कों पर उतरी है. 27 अक्टूबर से यात्रा पुनः शुरू होगी फिलहाल दीवाली के त्योंहार की वजह है यात्रा रेस्ट कर रही है. मंगलवार को ये सब जानकरी कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश ने प्रेसवार्ता कर दी. इस दौरान रमेश ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा तो वहीं कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की. जयराम रमेश ने कहा कि, ‘भारत जोड़ो यात्रा’ लोकतंत्र की शहनाई बजा रही है लेकिन बीजेपी एकतंत्र की तोप चला रही है.’ इसके साथ ही रमेश ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.

मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा के विश्राम के दिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यात्रा के अबतक के सफर के बारे में खुलकर जानकारी दी. जयराम रमेश ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘भारत जोड़ो यात्रा ने पिछले 48 दिनों में 1270 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है. पिछले 48 दिनों में भारत जोड़ो यात्रा, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को मिलाकर 4 राज्यों की यात्रा पूरा कर चुकी है. तो वहीं पांचवें राज्य तेलंगाना में यात्रा प्रवेश कर चुकी है. कुल मिलाकर इन 48 दिनों में करीब 50 संस्थाएं, राहुल गांधी से मिली हैं. उन्होंने अलग अलग मुद्दों पर राहुल गांधी से चर्चा की. अभी और राज्य बाकी हैं.’

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जयराम रमेश ने आगे कहा कि, ‘अभी हम मध्य भारत और उत्तर भारत में प्रवेश कर रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि जिस तरीके से संगठन ने कांग्रेस संगठन ब्लॉक स्तर पर जिले के स्तर पर, राज्य के स्तर पर, जिस तरीके से संगठन ने एकजुट होकर जो भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए. वही हमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और जम्मू और कश्मीर में भी देखने को मिलेगा. तो मैं आपको निमंत्रण देता हूँ कि 31 तारीख को प्रेस कांफ्रेंस है हैदराबाद में.’ वहीं भारत जोड़ो यात्रा के यात्रा के महाराष्ट्र में प्रवेश को लेकर जयराम रमेश ने कहा कि, ‘एमवीए के जो हमारे घटक दल हैं, हमने पहले से कहा है किसी भी राजनीतिक दल का स्वागत है, जो भारत जोड़ो यात्रा के मकसदों का समर्थन करता है. एनसीपी के साथ हमारा गठबंधन है. शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन था, हमारी मिलीजुली सरकार महाराष्ट्र में थी, तो वास्तविक है कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार  भी भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेंगे.’

वहीं भारतवंशी मूल के ऋषि सुनक के यूके के प्रधानमंत्री चुने जाने से जुड़े सावला पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, ‘जिनको जनादेश मिलता है, वो मुख्यमंत्री बनेंगे. जनादेश मिले, लोकतांत्रिक तरीके से जनादेश मिले और मुख्यमंत्री बनें तो हमें क्या आपत्ति है. इंग्लैंड की जनता ने उनको अब इंग्लैंड की जनता नहीं, इंग्लैंड की पार्टी ने उनको प्रधानमंत्री बनाया है, इंग्लैंड का तो हम स्वागत करते हैं. आज भारत में ये नौबत आ गई है कि, भारत को इंग्लैंड से अनेकताओं को कैसे सम्मान देना है, उनसे सबक लेना पड़ता है. हजारों सालों से अगर दुनिया में एक मिसाल था, अनेकताओं का, अनेकताओं का जश्न मनाने का, अनेकताओं को सम्मान देने का, वो हिंदुस्तान था. पर पिछले 8 सालों में जो हमने देखा है, मैं नहीं समझता हूँ कि हमें किसी और देश से सबक सीखने की जरूत है, हमारा समाज ही अनेकता में एकता है.’

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बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, ‘कांग्रेस के लोकतांत्रिक पार्टी है. भारत जोड़ा यात्रा लोकतंत्र की शहनाई बजा रही है तो वहीं भाजपा एकतंत्र की तोप चला रही है.’ वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुलना करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि, ‘देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में अब्दुल कलाम आजाद राष्ट्रपति बनें. लेकिन अब वाजपेयी की और पीएम मोदी की सोच में जमीन आसमान का फर्क है. क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी की सोच और नरेंद्र मोदी की सोच में जमीन आसमान का फर्क है, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय के प्रोडक्ट हैं. मैं आज भी मानता हूँ कि अटल बिहार वाजपेयी नेहरू से काफी प्रभावित हुए थे और वास्तविक भी है. लेकिन प्रधानमंत्री एक ही चीज में लगे हुए हैं कि जवाहर लाल नेहरू की विरासत को हम कैसे मिटाएं. तीन मूर्ति को हम कैसे ख़त्म करे.  अभी टैन डाउनिंग स्ट्रीट में भी अभी तीन मूर्ति हो जाएगा.

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