पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने के लिए की गई 20 लाख करोड रूपये के पैकेज की घोषणा को लेकर राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियाावास ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. मंत्री खाचरियावास ने कहा कि 20 लाख करोड़ का पैकेज देने के नाम पर झूठे सपने दिखाने वाली केंद्र की भाजपा सरकार ने देश की जनता के साथ बड़ा धोखा किया है. जितना प्रचार प्रसार और राजनीतिक एजेंडे के जरिए इस पैकेज को राजनीतिक लाभ में बदलने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है उस हिसाब से बहुत बड़ा भद्दा मजाक केंद्र सरकार गरीब, मजदूर, बेरोजगार और मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ कर रही है.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने पीएम मोदी के पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की जा रही घोषनाओं को लेकर कहा कि पिछले 3 दिन से आंकड़ों का मायाजाल फैलाने की कोशिश की जा रही है, यही कारण है कि शेयर मार्केट धड़ाम से नीचे गिर गया. इस पैकेज में लोगों को डायरेक्ट पैसा पहुंचाने का प्रावधान ही नहीं किया गया है. केंद्र के 20 लाख करोड़ के पैकेज में देश के 80 करोड़ लोगों के खाते में यदि डायरेक्ट 15 से 50 हजार डाले जाते, देश के सभी नागरिकों को राशन कार्ड के आधार पर जो भी नागरिक मांगता उसको प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल दिया जाता, तो एफसीआई के गोदामों में सड़ने वाला गेहूं और चावल लोगों के काम आ सकता था.
मंत्री खाचरियावास ने आगे कहा कि देश के प्रवासी मजदूरों के साथ घिनौना मजाक केंद्र सरकार ने किया. दर्द और भूख से परेशान मजदूर पूरे देश में पैदल चल रहा है, केंद्र सरकार ने मजदूरों को घरों पर पहुंचाने के लिए कोई प्लान नहीं बनाया, दिल्ली में कोई कंट्रोल रूम तक नहीं बनाया गया. रेल मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना संकट के समय में रेल मंत्री पीयूष गोयल तो पहली बार देश के सामने आए हैं और पहली बार में ही झूठ बोल रहे हैं. केंद्र सरकार यदि ईमानदार होती तो पूरे देश में ट्रेनें शुरू कर दी जाती, मजदूरों को फ्री में उनके घरों तक पहुंचाया जाता. केंद्र सरकार की अनदेखी के कारण मजदूर भूखा प्यासा रेल की पटरी पर कट गया और सड़कों पर चलता रहा.
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खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान की सरकार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नंगे पांव चल रहे मजदूरों के लिए उन्हें चप्पल, जूते पहनाकर, भोजन कराकर, बसों द्वारा फ्री में उनके स्थान तक पहुंचाया लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ राजनीतिक हथियार के रूप में कभी ताली बजाने के लिए और कभी दिया जलाने के लिए कहती रही. खाली थाली में ना राशन दिया, ना गेहूं-चावल और सिर्फ ताली बजाने के लिए कह दिया. दीया जलाने को कहा गया लेकिन पेट की आग नहीं बुझाई. यह देश की जनता के साथ धोखा है. पिछले 3 दिन से 20 लाख करोड़ के पैकेज की बात हो रही है और प्रवासी मजदूरों को सिर्फ 2 महीने के फ्री राशन की बात की जा रही है लेकिन यह पता नहीं है कि यह कब मिलेगा? यदि मजदूरों को 1 वर्ष तक फ्री में राशन दिया जाता तो भी इस कोरोना संकट के समय में कम था.