Politalks.News/Rajasthan. सिरोही से निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास सिपहसालार संयम लोढ़ा ने सीएम गहलोत की तारीफ करते हुए विधानसभा उपचुनावों, कांग्रेस की खींचतान और भाजपा पर कटाक्ष किया है. संयम लोढ़ा के ‘गुगली’ ट्वीट की सियासी हलकों में चर्चाएं जोरों पर है. लोढ़ा ने इशारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ में कशीदे पढ़ते हुए उन्हें खिलाड़ी बताया, तो कांग्रेस में उनके सामने कोई चुनौती नहीं होने की बात कहकर सचिन पायलट कैंप पर सीधा निशाना साधा है. संयम लोढ़ा ने नाम लिए बिना सियासी प्रहार किए हैं. साथ ही संयम ने इस ट्वीट में तीसरी शक्ति की बात की है. ये शायद जल्दी बाजी में चूक हुई है क्योंकि जिस तीसरी शक्ति की लोढ़ा बात कर रहे हैं इसको लेकर संशय बना हुआ है. सबसे मजे की बात यह है कि संयम ने बड़ी होशियारी से बिना नाम लिए अपनी बात कह दी है. अब इस ट्वीट पर रोचक कमेंट भी आ रहे हैं. एक यूजर ने लिखा है कि, ‘सुप्रभात सुबह होते ही ईश वंदना शुरू कर दी’.
सबसे पहले बताते हैं कि संयम लोढ़ा ने ‘गुगली’ ट्वीट में लिखा क्या है. लोढ़ा ने लिखा है कि, ‘वो एक खिलाड़ी हैं और किसी के लिए भी मैदान खुला नहीं छोड़ते. सामने वाले की कमजोरी पता रखना और गोल कहां से होगा, इसकी अग्रिम तैयारी उनका स्वभाव है. खुद के दल में कोई चुनौती है ही नहीं, सामने वालों में ऐसी चौसर जमी है कि “सेल्फ गोल” पर आमादा दिखाई पड़ते हैं. तीसरी शक्ति भी शरणागत है’.
लोढ़ा के ट्वीट का ‘सियासी मैसेज’
संयम लोढ़ा ने अपने एक ट्वीट से चौतरफा हमला किया है. संयम ने सबसे पहले अपने ‘सियासी आका’ सीएम गहलोत की वंदना की है. उनकी तारीफों के पुल बांधे हैं. नाम लिए बिना अशोक गहलोत को खिलाड़ी बताते हुए यह कहने का प्रयास किया है कि गहलोत को कांग्रेस में कोई चुनौती देने वाला नहीं है. फुटबॉल और हॉकी में जीतने के लिए गोल करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी अपनी टीम पर गोल होने से बचाना भी जरूरी है. एक अच्छा टीम के कप्तान को विपक्षी टीम की कमजोरी का पता होना चाहिए और ये भी पता होना चाहिए कि आक्रमण कैसे करना है. इसके लिए योजना की जरुरत होती है. सियासी जानकारों का कहना है कि, ‘इसका मतलब संयम लोढ़ा सचिन पायलट को गहलोत के सामने कोई चुनौती नहीं मानते. संयम लोढ़ा ने बीजेपी के भीतर चल रही खींचतान पर भी निशाना साधते हुए इसे ‘सेल्फ गोल’ कहा है. तीसरी शक्ति शरणागत को लेकर कई अंदाजे लगाए जा रहे हैं. हो सकता है राजस्थान की गैर कांग्रेसी, गैर भाजपाई पार्टियों को गहलोत की शरणागत करार दिया हो. सियासी गलियारों में इस तीसरी शक्ति को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. ये भी कहा जा रहा है कि संयम लोढ़ा इशारों में तीसरी शक्ति मैडम राजे को बता रहे हैं तो उनके सियासी ज्ञान पर सवाल उठने लगे हैं.
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सीएम गहलोत के सिपहसालार हैं लोढ़ा, मंत्री बनने की रेस में….
राजस्थान सरकार के ‘रक्षक’ निर्दलीय विधायकों में से संयम लोढ़ा सीएम गहलोत के सबसे मुखर समर्थक माने जाते हैं. मंत्री मंडल विस्तार को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि लोढ़ा को मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार में भागीदारी मिल सकती है. निर्दलीय विधायकों में मंत्री पद के दावेदारों में संयम लोढ़ा के नाम की भी चर्चा होती रही है. इससे पहले भी संयम लोढ़ा कई बार सीएम गहलोत के समर्थन में बयान देते रहे हैं. वहीं विधानसभा में भी सत्ता पक्ष का बचाव करते दिखे हैं. लेकिन पिछले विधानसभा सत्र में विवाह रजिस्ट्रेशन बिल को लेकर वे गहलोत सरकार के खिलाफ बोलते भी नजर आए थे.
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ट्विटर पर यूजर्स आमने-सामने
इस ट्वीट के बाद संयम लोढ़ा यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं. एक यूजर ने लिखा है कि, ‘2023 में पता लग जाएगा की कौन खिलाड़ी है और कौन अनाड़ी, एक यूजर ने लिखा है कि, ‘आपने बहुत ही सुंदर शब्दों का प्रयोग किया है पर फिर भी मंत्री नहीं बनोगे’. एक अन्य यूजर ने लिखा कि, ‘आपका सारा राजनीतिक जीवन ही चापलूसी में गुजर जाएगा, आप एक टांग पर यूं नाचते रहना दरबारी’, एक पूर्व विधायक ने कहा है कि, ‘संयम जी के धैर्य की परीक्षा मत लो सरकार’. वहीं संयम लोढ़ा के एक समर्थक ने उनकी दाद देते हुए लिखा कि, ‘सागर में गागर दिखा दिया आपने’.