Politalks.News/Rajasthan. महवा के टिकरी गांव में मूक-बधिर पुजारी शंभु शर्मा की मौत के मामले में पिछले चार दिन से महुआ थाने के बाहर जारी राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के धरने और कई दौर की वार्ता के बाद मंगलवार देर रात ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है. जयपुर से पहुंचे बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल और सांसद किरोड़ी मीणा के प्रशासन के साथ हुए समझौते में यह भी तय हुआ कि बुधवार यानी आज अपराह्न 3 बजे तक अन्य मांगों के साथ मंदिरमाफी की भूमि पर दुकानों के निर्माण को तोड़े जाने के बाद ही पुजारी शंभू शर्मा का शव उठाकर धरना समाप्ति की घोषणा की जाएगी.
सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा ने बताया कि दौसा जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के साथ जयपुर से आए बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल (अरुण चतुर्वेदी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा, एस. डी. शर्मा पूर्व मंत्री, मुकेश दाधीच, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष, रतन तिवाड़ी) के साथ महुआ थाने में वार्ता हुई. इस दौरान प्रशासन ने निम्न मांगों पर सहमति जताई है-
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● मृतक शंभू शर्मा की जमीन की रजिस्ट्री षड्यंत्र करने के मामले में तहसीलदार को एपीओ करने के आदेश
●मृतक द्वारा पूर्व में दर्ज मुकदमे की धारा 420 में अब धारा 302 को भी जोड़ा गया. एसपी के द्वारा तीन टीम गठित कर , रवाना की. षड्यंत्र में लिप्त अपराधियों को जल्दी पकड़ा जाएगा
● मंदिर माफी की जमीन पर अवैध निर्माण को प्रशासन द्वारा कल 3:00 बजे तक तोड़ने का दिया गया आश्वासन
सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि जब तक प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण को हटाया नहीं जाएगा तब तक मेरा धरना जारी रहेगा. मंगलवार को चले घटनाक्रम के मुताबिक पुजारी की मौत के मामले में न्याय की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी, देवस्थान बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एसडी शर्मा व सर्व समाज के पदाधिकारियों व कलेक्टर-एसपी की मौजूदगी में घंटों वार्ता का दौर चला, जहां प्रारंभिक दौर की वार्ता में कार्रवाई व पुजारी शंभू शर्मा को न्याय दिलाने के लिए सकारात्मक चर्चा हुई.
एडीएम व डॉ.किरोड़ी मीणा के बीच हुई तकरार, एडीएम के खिलाफ हुई नारेबाजी
इस बीच धरने के समर्थन में महुआ पहुंचे सर्व समाज के पदाधिकारी जब थानाधिकारी के कक्ष में प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता के लिए पहुंचे तो वार्ता के दौरान राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा व एडीएम लोकेश मीणा के बीच तकरार हो गई. इससे सांसद किरोड़ी मीणा को गुस्सा आ गया और वह वार्ता को छोड़कर बाहर आ गए. यह देख धरने पर बैठे लोग भी थाने पहुंच गए जिन्होंने एडीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए एसडीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उन्हें तुरंत यहां से हटाने की मांग करने लगे. मामला बिगड़ता देख प्रशासन ने वार्ता से एडीएम को अलग कर दिया और कुछ समय बाद वार्ता के लिए कलेक्टर पीयूष सामरिया व एसपी अनिल बेनीवाल पुलिस थाने पहुंचे तब जाकर सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को फिर से वार्ता के लिए बुलाया गया.
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तीसरे दौर की वार्ता में प्रशासन व लोगों के बीच रजिस्ट्री करने वाले तहसीलदार को एपीओ करने, थाने में दर्ज हत्या के मामले में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अलग-अलग 3 टीमें गठित कर उन्हें रवाना करने, मंदिर माफी की भूमि पर दुकानों के व्यावसायिक निर्माण को बुधवार को तोड़े जाने सहित अन्य मुद्दों पर सहमति बनी. बता दें, वार्ता के दौरान प्रशासन की ओर से कलेक्टर पीयूष समरिया, पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल, जिला परिषद सीईओ लक्ष्मीकांत बालोत, धरनार्थियों की तरफ से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी, देवस्थान बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एसडी शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष रतन तिवाड़ी, ब्राह्मण समाज के प्रदेश मंत्री मुकेश दाधीच, बाबूलाल शर्मा, बृजकिशोर उपाध्याय सहित सर्व समाज के कई पदाधिकारी मौजूद रहे.
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आपको बता दें, इससे पहले मंगलवार शाम पुजारी शंभू शर्मा की मौत के मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई व न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठे सर्व समाज के लोगों ने कैंडल शांति मार्च निकाला. सर्व समाज के लोगों ने सर्वप्रथम धरना स्थल पर रखे मृतक पुजारी के शव पर दीप प्रज्वलित कर सामूहिक रूप से 2 मिनट का मौन धारण कर आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि दी. इसके पश्चात धरना स्थल से कैंडल शांति मार्च निकाला गया जो शहर के प्रमुख मार्गो से होकर वापस धरना स्थल पर आकर विसर्जित हुआ.