सामना में शिवसेना ने राणे को बताया ‘अबनॉर्मल’, लिखा- गांजे का सेवन कर कुछ भी बोलना बन गया धंधा

शिवसेना ने 'सामना' में राणे के खिलाफ खोला मोर्चा, लिखा- कानून नॉर्मल और अबनॉर्मल दोनों के लिए समान, खुद को महान बताने वाला चिल्लर कब से हो गया हिंदुत्ववादी? महाराष्ट्र की तुलना तालिबान से करना राज्य का अपमान, बीजेपी पर तंज- 'मुल्ला उमर बीजेपी में शामिल हो जाए तो ये फौजदारी वकील उनका भी समर्थन करने के लिए सिर पर तेल लगाकर हो जाएंगे खड़े'

सामना में शिवसेना ने राणे को बताया 'अबनॉर्मल'
सामना में शिवसेना ने राणे को बताया 'अबनॉर्मल'

Politalks.News/Maharashtra. महाराष्ट्र की राजनीति में उठे थप्पड़ विवाद को लेकर शिवसेना और बीजेपी आमने सामने है. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ दिया गया शिवसेना को रास नहीं आया. वहीं केंद्रीय मंत्री पर हुई कानूनी कार्रवाई को लेकर बीजेपी शिवसेना पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगा रही है तो वहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सहारे बीजेपी और केंद्रीय मंत्री पर जमकर निशाना साधा. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि, ‘नारायण राणे पर की गई कार्रवाई कानून के तहत है और इस देश में इंसान ‘नार्मल’ हो या फिर नारायण राणे जैसे ‘अबनॉर्मल’ हो सबके लिए कानून सामान है. वहीं केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ हुई कानूनी कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र की तुलना तालिबानी अफगानिस्तान से होने पर शिवसेना ने इसे प्रदेश का अपमान बताया.

कानून इंसान ‘नार्मल’ हो या राणे जैसा ‘अबनॉर्मल’ सबके लिए समान है
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के द्वारा जन आशीर्वाद रैली के तहत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ की गई बयानबाजी के बाद उठा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शिवसेना ने अब अपने मुखपत्र सामना के जरिये बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिवसेना ने मुखपत्र सामना में लिखा कि, ‘राज्य में कुछ भी इधर-उधर हुआ तो विरोधी पार्टियों की कुंडलिनी जागृत हो जाती है और राज्य में कानून का राज है क्या, ऐसे सवाल उनके द्वारा पूछे जाते हैं. लेकिन आज के बाद महाराष्ट्र में विरोधियों द्वारा ऐसे सवाल पूछे नहीं जाएंगे’. केंद्रीय मंत्री और भाजपा का जिक्र करते हुए शिवसेना ने सामना में लिखा कि, ‘भारतीय जनता पार्टी के ‘पर’ आत्मा नारायण राणे पर कानून के तहत ही कार्रवाई हुई और चाहे इंसान ‘नॉर्मल’ हो या राणे जैसा ‘अबनॉर्मल’, इस देश का कानून सबके लिए समान है’. शिवसेना का कहना है कि, ‘नारायण राणे की गिरफ्तारी भी अन्य सामान्य अपराधों की तरह है, और इस तरह के अपराध इधर-उधर होते रहते हैं’.

यह भी पढ़े: ‘जुबानी थप्पड़’ पर भन्नाई BJP ने उठाई ‘चप्पल’, राउत बोले- ‘अब याद आया, करवाएंगे आपका इलाज’

महाराष्ट्र की तुलना तालिबानी अफगानिस्तान से करना है राज्य का अपमान
शिवसेना ने मुखपत्र सामना में लिखा कि, ‘यदि कोई किसी को धमकी देता है, जान से मारने को कहता है, तो इस पर सामनेवाला फरियादी व्यक्ति इंडियन पिनल कोड के तहत अपराध दर्ज कराता है और इसके आगे पुलिस अपना काम करती है. राणे के मामले में भी ठीक वैसा ही हुआ जो प्रक्रिया के तहत होना चाहिए था’. महाराष्ट्र की तुलना अफगानिस्तान से किये जाने पर शिवसेना ने सामना में लिखा कि, ‘विपक्षी पार्टियां लगातार महाराष्ट्र की तुलना अफगानिस्तान के तालिबानी राज से कर रही है लेकिन राणे को पुलिस द्वारा पकड़ने के बाद राज्य में अफगानिस्तान की तालिबानी सत्ता होने की बात कहना, यह राज्य का अपमान है. क्योंकि राणे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को मारने का बयान दिया, और ये हमें बर्दाश्त नहीं’.

क्या भाजपा नेताओं को राणे खान, अब्दुल गफ्फार खान लग रहे हैं?
सामना केे लेख में आगे लिखा गया कि, ‘राणे के खिलाफ की गई कार्रवाई उचित नहीं है, ये बात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किस आधार पर दे रहे हैं ये समझ से परे है. अगर अबला पर किसी ने अत्याचार किया लेकिन उसके मन में उस तरह की विकृत भावना नहीं थी तब आरोपी को निर्दोष छोड़ो और आगे अपराध करने के लिए खुला छोड़ दो.’ फडणवीस पर निशाना साधते हुए सामना में लिखा गया है कि, ‘इसी प्रकार का यह युक्तिवाद है. कुछ समय तक वकीली (फौजदारी) करने वाले फडणवीस से यह उम्मीद नहीं है. फडणवीस व अन्यों को क्या राणे खान अब्दुल गफ्फार खान लग रहे हैं?’

यह भी पढ़े: कमाल की राजनीति कांग्रेस की! आखिर क्या करे रावत, उत्तराखंड का रण संभालें या पंजाब का पंगा?

अगर भाजपा में मुल्ला उमर जैसे लोग हो जाये शामिल, तो…
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि, ‘आज बीजेपी कानून के रास्ते पर चल रहे राज्य को तोड़ने का प्रयास कर रहे है, लेकिन उनका प्रयास चिरकुट पद्धति का है. यह राज्य जितना आज सत्ताधारी पक्ष का है, उतना ही वह विरोधी पक्ष का भी है. इसलिए राणे की गिरफ्तारी के बाद भाजपा वालों को इतनी मिर्ची लगने का कोई कारण नहीं था’. शिवसेना ने सामना के जरिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि, ‘भाजपा के फौजदारी वकीलों को राणे के धमकी वाले बयान का अध्ययन करना जरूरी है. अगर भाजपा में मुल्ला उमर जैसे लोग शामिल हो जाए तो ये फौजदारी वकील उनका भी समर्थन करने के लिए सिर पर तेल लगाकर वे खड़े हो जाएंगे’.

मोदी खुद को फकीर समझते हैं और राणे खुद को ‘महान’
वहीं केंद्रीय मंत्री नारायण राणे पर तंज कसते हुए सामना में आगे लिखा कि, ‘जिस दिन राणे ने खुद को महान समझना बंद कर दिया तो उस दिन उनके जीवन की कई समस्याएं बिना किसी दवा के ठीक हो जाएंगी और भाजपा भी उनके संक्रमण से बच जाएगी’. राणे पर निशाना साधते हुए लिखा गया है कि, ‘मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में बतौर मंत्री वे महान अथवा असामान्य हुए होंगे तो उनके सिर में घुसी हवा मोदी ही निकालेंगे ये पक्का है’. पीएम मोदी का जिक्र करते हुए शिवसेना ने लिखा कि, ‘मोदी मंत्रीमंडल में केवल प्रधानमंत्री मोदी ही सब कुछ हैं. मंत्री आते हैं और जाते हैं. यहां मोदी खुद को फकीर समझते हैं और राणे खुद को ‘महान’’.

यह भी पढ़े: बेरोजगारी भत्ता बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर 13 सितंबर को विधानसभा घेरेंगे किरोड़ी मीणा

बड़बोले राणे और प्रसाद लाड नहीं हैं मूल भाजपाई
शिवसेना ने मुखपत्र सामना में लिखा कि, ‘राणे का गिरफ्तार होना और उसके बाद सड़कों पर हंगामा होना, कार्यकर्ताओं से संघर्ष होना, कार्यालय पर हमला करना यह आज तक महाराष्ट्र में कभी नहीं हुआ लेकिन इसके लिए राणे और उनकी तरफदारी करनेवाले भाजपा के अयोग्य लोग जिम्मेदार हैं’. लेख में लिखा गया है कि, ‘शिवसेना-भाजपा में अब तक विवादों के कई मामले हुए हैं, लेकिन एक-दूसरे के साथ चालबाजी करके जाना, ऐसे मामले कभी नहीं हुए’. शिवसेना ने सामना में आगे लिखा कि ‘बड़बोले’ राणे, प्रसाद लाड ये मूल भाजपाई नहीं हैं. राणे और लाड जैसे चिल्लर लोग कब से हिंदुत्ववादी हो गए? अगर कोई भी किराए के लोगों के कंधे पर बंदूक रखकर शिवसेना पर हमला करना चाहता है तो वह अपने उपले श्मशान भूमि में रख आए. शिवसेना का हृदय बाघ का है और शिवसेना ऐसी लड़ाइयां स्वबल पर लड़ती आई है. उसे राणे, लाड जैसे किराए के लोगों की जरूरत नहीं पड़ती.

गांजे का सेवन कर कुछ भी बोलना बन गया है धंधा
सामना में आगे लिखा कि, ‘घर और दरवाजे के सामने भरपूर गांजे की खेती करना और गांजे का सेवन करके किसी के बारे में कुछ भी बोलना यह मौजूदा समय में अनेक राजनीतिज्ञों का धंधा बन गया है. यह गांजे की खेती कानून से ही बंद करनी चाहिए और उसकी शुरुआत करने के लिए महाराष्ट्र की जनता ठाकरे सरकार को धन्यवाद दे रही है’. भाजपा और फडणवीनस पर निशाना साधते हुए आगे लिखा कि, ‘यदि फडणवीस और उनकी पार्टी ने गांजे की खेती में घूमने का मन बना लिया है तो उनका नशा जल्द-से-जल्द उतरे, यही ‘अटल’ के चरणों में प्रार्थना है और इसके आगे दूसरा क्या कहा जाए! महाराष्ट्र की अस्मिता की बेइज्जती महाराष्ट्र के दुश्मनों ने भी कभी नहीं की थी. राणे ‘नॉर्मल’ मनुष्य नहीं हैं इसीलिए उन्होंने महाराष्ट्र को कम आंका. भाजपा को अब तो सयाना हो जाना चाहिए!’.

Leave a Reply