Poonia’s counterattack on Gehlot’s statement: राजस्थान को आज वंदे भारत ट्रैन की सौगात मिली है. प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रैन के उदघाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने वर्चुअल संबोधन में रेलवे में पूर्ववर्ती सरकारों में हुए बड़े पैमाने हुए भ्रष्टाचार और रेलवे को राजनीति का अखाड़ा बनाने का आरोप लगाते हुए पिछली सरकारों पर जमकर निशाना साधा. तो पीएम मोदी के इस बयान पर सीएम गहलोत ने पलटवार कर कहा कि 2014 से पहले के रेल मंत्रियों के कार्यकाल के फैसलों को भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बोलना दुर्भाग्यूर्ण है. इस मामले पर उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि मैं अशोक गहलोत को स्मरण करना चाहता हूं कि हिन्दुस्तान की जनता जानती है कि देश में भ्रष्टाचार की जनक कांग्रेस है,आकाश से लेकर पाताल तक कोई ऐसा क्षेत्र छोड़ा नहीं जिसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ हो.
उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि ऐसे अवसर पर जब प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ बातों का पृष्ठभूमि में उल्लेख किया, जिसका किसी पार्टी से, किसी व्यक्ति से प्रत्यक्ष रूप से कोई संबंध नहीं था, ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया किस्से-कहानियों के रूप में बड़ी लंबी चौड़ी आई है.
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पूनियां ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को याद दिलाना चाहता हूं, स्मरण कराना चाहता हूं कि इस बात से वो इत्तेफाक रखें या नहीं रखें, लेकिन हिन्दुस्तान की जनता जानती है कि देश में भ्रष्टाचार की जनक कांग्रेस पार्टी है, आकाश से लेकर पाताल तक कोई ऐसा क्षेत्र छोड़ा नहीं जिसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ हो. इसलिये देश में नवीनीकरण की, नवाचार की बात आती है, सुविधाओं और सहूलियत की बात आती है तो आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जिसमें प्रतिदिन 10 करोड़ के लगभग लोगों की आवाजाही होती है.
पूनियां ने कहा कि आने वाले समय में रेलवे में और ज्यादा क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे और इसी बात का उल्लेख करते हुए कोई प्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री मोदी का कोई मंतव्य दिखता नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसको सियासी रंग दिया है और जिस तरीके से राजनीतिक बात कही है. अपनी सरकार की उपलब्धियां हर कोई उसको बतायेगा, आम जनता से जिसका ताल्लुक रहता है, उसमें भी मुख्यमंत्री के पेट में दर्द हो रहा है कि देश में इस तरीके से रेलवे में अभूतपूर्व कार्य कैसे हुये, जिसका माइलेज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल को कैसे मिलता है, इस बात की तकलीफ है. जो काम कांग्रेस के कालखण्ड में नहीं हुआ, आज यदि वह इस तरीके की अभिनव योजनायें बनती हैं और भारत दुनिया का अच्छा विकसित नेटवर्क बनता है तो उस पर मुख्यमंत्री को सियासत नहीं करना चाहिये.