Politalks.News/Uttarpradesh. भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत में भारी बारिश के कारण आई जबरदस्त बाढ़ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि, ‘अगर आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब है’. कई मौकों पर पार्टी लाइन से इतर राय रखने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी बीते कुछ समय से लगातार योगी सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं. एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में बाढ़ के हालात को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने की योगी सरकार की आलोचना की है. माना जा रहा है कि वरुण के बयानों से परेशान आलाकमान ने मां-बेटे को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है. लेकिन फिर भी नहीं बदल रहे हैं वरुण के तेवर, आखिर वरुण गांधी के दिमाग में चल क्या रहा है?
…तो फिर सरकार का क्या है मतलब- वरुण
पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट किया कि, ‘तराई का ज्यादातर इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. बाढ़ से प्रभावित लोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराया है ताकि इस विभीषिका के खत्म होने तक कोई भी परिवार भूखा ना रहे. यह दुखद है कि जब आम आदमी को प्रशासनिक तंत्र की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तभी उसे उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है. जब सब कुछ अपने आप ही करना है तो फिर सरकार का क्या मतलब है?’
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भारी बारिश से पीलीभीत के कई गांव बने टापू
दरअसल, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बरेली जिलों में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से अनेक गांव टापू बन गए हैं और बड़ी संख्या में लोग बाढ़ से घिर गए हैं. पीलीभीत में शारदा और देवहा नदियां जबरदस्त उफान पर हैं और उनके किनारे बसे बड़ी संख्या में गांव बाढ़ के पानी से डूब गए हैं. पीलीभीत में शारदा नदी की बाढ़ के कारण फंसे 500 से ज्यादा ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने बुधवार को सेना की मदद ली थी.
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पार्टी लाइन से इतर बयानों के पीछे क्या है वरुण की मंशा?
आपको बता दें कि, हाल के दिनों में वरुण गांधी के कई बयानों की वजह से पार्टी को कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा. ऐसे हालातों को देखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया है. बीते दिनों भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से वरुण गांधी और उनकी माताजी मेनका गांधी को बाहर कर दिया गया था. भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग कर चुके हैं. इससे पहले बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़े कर दिया था. लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों की हत्या का आरोप लगाते हुए वरुण ने पार्टी लाइन से अलग जाकर कई बार ट्वीट के जरिए सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर सवाल भी खड़ा किया. साथ ही गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य बढ़ाने, ऐसा पहली बार नहीं है जब वरुण गांधी ने अपनी पार्टी लाइन से हटकर अपनी बात रखी है बल्कि बागी तेवर अख्तियार अपनाते हुए योगी सरकार पर एक के बाद एक चिट्ठियों से वार भी करते रहे हैं.