पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को अभी 6 महीने से अधिक वक्त शेष है लेकिन सियासी तनातनी अभी से शुरू हो गयी है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी भाषायी मुद्दे को चुनाव मुद्दा बनाने की कोशिश में है, वहीं सत्ताधारी तृणमूल पार्टी मतदाता सूची में विवाद को तूल दे रही है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी मताधिकार नहीं छीनने दूंगी. इस बीच टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर बीजेपी में ताकत है, तो वे 50 सीटें जीतकर दिखाए.
यह भी पढ़ें: ‘हनुमानजी थे पहले अंतरिक्ष यात्री..’ अनुराग ठाकुर ने दिया बड़ा बयान तो डीएमके ने ली चुटकी
अभिषेक ने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से बंगाल नहीं जीत सकती, इसलिए वे मतदाता सूची में छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का एक वर्ग, भाजपा, केंद्रीय एजेंसियां, सभी TMC के खिलाफ हैं, लेकिन 10 करोड़ बंगाली हमारे साथ हैं. यकीन दिलाता हूं कि 2026 के चुनावों में जनादेश 2021 से भी बड़ा होगा.
भाषायी आतंक बर्दाश्त नहीं – ममता
बीजेपी की केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाने के मकसद से करवाए जा रहे सर्वे के लिए दूसरे राज्यों से 500 से ज्यादा टीमें बंगाल में भेजी हैं, लेकिन जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी मताधिकार नहीं छीनने दूंगी. आप खुद जांच करें कि आपका नाम अभी भी लिस्ट में है या नहीं. ममता ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह राज्य सरकार के अधिकारियों को धमका रहा है. लेकिन उसका अधिकार क्षेत्र केवल चुनाव के दौरान तीन महीनों के लिए है, पूरे साल के लिए नहीं. ममता ने बीजेपी पर बंगालियों में भाषायी आतंक फैलाने का आरोप जड़ते हुए कहा कि ये बर्दास्त नहीं है.
यह भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर, हो न जाए कहीं ‘खेला’!
गौरतलब है कि पिछले दो चुनावों से ममता बनर्जी राज्य में अकेले ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को सीधी टक्कर दे रही है. बीते विधानसभा और लोकसभा चुनावों में ममता ने ही दोनों सियासी पार्टियों को धूल चटाई थी. इस बार एक बार फिर बीजेपी बंगाल को टार्गेट कर रही है. हालांकि उससे पहले पूरा ध्यान बिहार विधानसभा चुनावों पर फोकस कर रही है जबकि ममता इस बार भी बीजेपी के खिलाफ कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाह रही है. अब देखना ये होगा कि दीदी के आरोपों का जवाब इस बार बीजेपी किस तरह से देती है.



























