Politalks.News/PMMODI. लोकसभा के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में भी पूरे रोल में दिखाई दिए. पीएम मोदी (Narendra Modi,) ने एक दिन पहले लोकसभा में विपक्ष पर तीखे हमलों के तीर छोड़े थे. अगले दिन बारी थी राज्यसभा की और सीधे निशाने पर कांग्रेस थी. पीएम मोदी के निशाने पर थे खासकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (PM Modi selectively attacked Rahul and Congress). पीएम मोदी ने कहा कि, ‘कुछ लोगों की इतिहास की समझ सिर्फ एक परिवार तक सीमित है’. बिना नाम लिए पीएम ने राहुल गांधी को निराशा से भरा लीडर करार दिया. वहीं, संविधान में ‘राष्ट्र’ शब्द का इस्तेमाल न होने के राहुल गांधी के दावे पर तंज कसा कि, ‘कांग्रेस को अपना नाम फेडरेशन ऑफ कांग्रेस कर लेना चाहिए’. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘कांग्रेस कभी वंशवाद से इतर कुछ देख ही नहीं सकती. जो लोग लोकतंत्र की बात करते हैं उन्हें ये समझने की जरूरत है कि भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा परिवारवाद की राजनीति से है. पार्टी में भी जब कोई एक परिवार सर्वोपरि हो जाता है तो सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट का होता है’. इससे पहले पीएम मोदी ने कल लोकसभा में भी कांग्रेस पर जमकर हमला किया था.
पीएम का बड़ा हमला- कांग्रेस न होती तो….
राज्यसभा में पीएम बोले कि, ‘यहां पर कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता(If there was no Congress). ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ की सोच का परिणाम है. महात्मा गांधी की इच्छा थी कि कांग्रेस न रहे. वो जानते थे कि इसका क्या होने वाला है. अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता. भारत विदेश सपने के बजाय स्वदेशी के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो इमर्जेंसी का कलंक न होता. अगर कांग्रेस न होती तो करप्शन संस्थागत न होता. अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद की खाई इतनी गहरी न होती. अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंघार न होता. 14 साल पंजाब आतंकी आग में न जलता. अगर कांग्रेस न होती तो देश के सामान्य व्यक्ति को मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार न करना पड़ता.
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‘कांग्रेस को अपना नाम क्यों नहीं बदल देते’
राहुल गांधी की ‘यूनियन ऑफ स्टेट्स’ टिप्पणी पर तीखा हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘कांग्रेस को अपना नाम बदल लेना चाहिए. जब कांग्रेस सत्ता में थी तब उसने देश का विकास नहीं होने दिया. अब जब वह विपक्ष में है तो भी देश के विकास को बाधित कर रही है. अब वे ‘राष्ट्र’ पर आपत्ति जता रहे हैं, अगर राष्ट्र का विचार असंवैधानिक है तो आप अपनी पार्टी का नाम क्यों नहीं बदल देते जिसे इंडियन नेशनल कांग्रेस कहते हैं’
‘निराशा से भरा लीडर होगा तो क्या होगा?’
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर जोरदार तंज कसा. पीएम ने कहा कि, ‘लीडर ऐसा सोचेगा. ऐसी निराशा से भरा हुआ लीडर होगा, तो क्या होगा भई? क्या यहां बैठें तभी देश की चिंता करनी है, किसी से नहीं सीखते तो शरद पवार से सीखो. अनेक लोगों के बीच भी वह क्षेत्र के लोगों को प्रेरणा देते रहते हैं. हमें निराश होनी की जरूरत नहीं है’.
‘लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से’
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र खासकर अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं होने पर भी इशारों-इशारों में तंज कसा. पीएम ने कहा कि, ‘भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है, ये मानना पड़ेगा. पार्टी में भी जब कोई एक परिवार सर्वोपरि हो जाता है तो सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट का होता है देश ने अरसे तक इसका बहुत नुकसान उठाया है, मैं चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक आदर्शों और मूल्यों को अपने दलों में भी विकसित करें’
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‘कांग्रेस ने 1975 में लोकतंत्र का गला घोंटा’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘खड़गे जी ने कहा कि कांग्रेस ने देश की नींव रखी और बीजेपी तो बस झंडा फहरा रही है. ये संसद में किया गया न सिर्फ एक मजाक है बल्कि ये उस सोच का परिणाम है कि भारत का जन्म 1947 में हुआ. ये बताता है कि जिन लोगों ने 50 सालों से ज्यादा वक्त तक राज किया, उनकी सोच क्या है. ये लोकतंत्र आपकी दया का मोहताज नहीं है. आपने 1975 में लोकतंत्र का गला घोंटा’
‘कांग्रेस अर्बन नक्सल के जाल में फंस गई है’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘यहां ये भी चर्चा हो रही है कि हम इतिहास बदल रहे हैं. कांग्रेस एक प्रकार से अर्बन नक्सल के जाल में फंस गई है. उनकी सारी सोच गतिविधि ऐसी हो गई है. ये देश के लिए चिंता की बात हो गई है. अर्बन नक्सल ने कांग्रेस की इस दुर्दशा का फायदा उठाकर उनके मन पर कब्जा कर लिया है. इसलिए वे बार-बार बोल रहे हैं कि इतिहास बदल रहा है. हम केवल कुछ लोगों के इतिहास को ठीक कर रहे हैं.