Politalks.News/Bharat/Ramdev. योगगुरू बाबा रामदेव यानी आयुर्वेद और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एलोपैथी के बीच उपजा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. बाबा रामदेव द्वारा रोजाना किए जा रहे नए दावों ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की आयुर्वेद पद्धति पर टिका दिया है. बाबा रामदेव ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मैं वो काम करूंगा कि पूरी दुनिया भारत को फॉलो करेगी. रामदेव ने अमेरिका और यूरोप से भारत की बौद्धिक संपदा को वापस लाने का दावा किया. बाबा ने कहा कि दुनिया में जितने अच्छे साइंटिस्ट हैं उन्हें लेकर आउंगा और पांच करोड़ तनख्वाह भी मांगेंगे तो रामदेव उन्हें देगा. भारत की शिक्षा, चिकित्सा, खेती व्यवस्था को बदलना है. साथ ही बाजार के भी नए आधार खड़े करने है. रामदेव ने कहा कि पुरषार्थ से पतंजलि योगपीठ बना है. योगग्राम में योग शिविर में बाबा रामदेव ने कहा कि अगले पांच सालों में पांच से दस हजार करोड़ रुपये रिसर्च पर खर्च करने हैं.
बाबा रामदेव ने कहा कि करोड़ों लोगों के उनके साथ जुड़ने से उनके सपने भी बड़े हैं. देश की शिक्षा भी बदलनी है. आंखों के सामने अपने हाथ से बदलनी है. बाबा रामदेव ने कहा कि हमें वैदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से अपनी ऊर्जा को सही दिशा में ले जाना है. देश के सौ करोड़ और दुनिया भर में 200 करोड़ से अधिक लोगों तक योग पहुंच चुका है. एक बड़ी श्रृंखला खड़ी हो गई है. एक सकारात्मक उर्जा से सात करोड़ लोगों की निगेटिव उर्जा को पॉजिटिव में बदला सकता है. कहा कुछ लोग स्वार्थ में लगे हैं वे परमार्थ में लगे हैं.
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हिम्मत है तो आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलकर दिखाएं
इसके साथ ही रविवार को बाबा रामदेव ने अभिनेता आमिर खान का एक वीडियो करते हुए कहा कि मेडिकल माफिया की हिम्मत है तो वह आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलकर दिखाएं. बाबा रामदेव ने स्टार प्लस के आमिर खान के उस कार्यक्रम का वीडियो अपने फेसबुक पर साझा किया है, जिसमें राजस्थान में एक व्यक्ति ने मेडिकल स्टोर से 2151 रुपये की दवा ली थी, जेनरिक मेडिकल स्टोर से वही दवा 354 रुपये में मिली थी. कीमत के इस अंतर को लेकर बाबा ने सवाल उठाया है.
हिंदुस्तान का हर दूसरा व्यक्ति कोरोना की चपेट में
वहीं योग गुरु स्वामी रामदेव ने दावा किया है कि हिंदुस्तान का हर दूसरा व्यक्ति कोरोना की चपेट में आकर निकल गया. अधिकतर लोगों को इसका पता भी नहीं चला. आधी आबादी की जान उनके योग और कोरोनिल ने बचाई है. नेचुरोपैथी में पहुंचे लोगों से बातचीत के दौरान रामदेव ने कहा कि वैश्विक महामारी दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है. जिसके सामने दुनिया के बड़े-बड़े देेश लाचार और धराशायी हो गए. इलाज में एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड दे रहे हैं. रामदेव ने कहा कि कुछ लोग स्याणा बनकर अस्पताल पहुंचे और मर गए.
रामदेव ने दावा किया कि कोरोना संक्रमण से मेडिकल से जुड़े कई लोग भी मर गए, लेकिन पतंजलि का सेंटर चलाने वाला कोई भी नहीं मरा. बाबा ने कहा कि आने वाले पांच सालों में शोध होगा, आखिर अस्पताल जाने वाले कोरोना से क्यों मरे? जिन लोगों ने घरों में योग किया और कोरोनिल ली, वो कैसे बच गए. उन्होंने कहा कि हर बीमारी का योग और नेचुरोपैथी में इलाज है. इसका वह प्रमाण देने को भी तैयार हैं, लेकिन फिर भी चारों तरफ षड्यंत्र है. चारों तरफ अंधविश्वास है.
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फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) 1 जून को मनाएगी काला दिवस
उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बाद फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने बाबा को पहले ही कानूनी नोटिस थमा दिया है. अब फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) ने 1 जून को देश भर में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है. कोरोना के वैक्सीनेशन और एलोपैथी को लेकर दिए गए बाबा रामदेव के बयान से नाराज संगठन ने उनके खिलाफ कारवाई न होने की दशा में विरोध तेज करने का ऐलान किया है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष ने कहा कि संस्था से जुड़े देश के सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने 1 जून को काला दिवस मनाएंगे.
आयुर्वेद को शल्य चिकित्सा की अनुमति दे दी तो इनके पेट में हो जाएगा दर्द
गौरतलब है कि हाल में बाबा रामदेव ने अपने एक बयान में एलोपैथी डॉक्टर्स को यह भी कहा था कि इमरजेंसी चिकित्सा व ऑपरेशन तुम कर लो, ये सब मैं भी जानता हूं, किसी गलतफहमी में मत रहना. सरकार ने अगर आयुर्वेद को शल्य चिकित्सा की अनुमति दे दी तो इनके पेट में दर्द हो जाएगा. जिसे शल्य चिकित्सा आती है वो कर सकता है. जोर देकर बाबा रामदेव बोले कि सर्जरी कोई साइंस नहीं बल्कि स्किल्ड है. झबरेड़ा में एक अनपढ़ एक मिनट में शल्य चिकित्सा कर शरीर के किसी भी अंग से गांठ बाहर निकाल देता है और रोगी भी स्वस्थ रहता है. एक दिन शिविर में लाकर उसकी लाइव शल्य चिकित्सा दिखाउंगा. स्वामी रामदेव ने आगे कहा कि बुखार होने पर डाक्टर बुखार उतारने की दवा देते हैं. बुखार किस कारण आया ये जानने की कोशिश नहीं की जाती. ये रोग मिटाने में लीपापोती करते हैं. जिस कारण शरीर पर दवाओं का नियंत्रण हो जाता है. बड़ी गहराई की बात कर रहा हूं. लेकिन आयुर्वेद व योगा अंदर से बीमारी का जड़ से नाश कर देता है.