rahul gandhi
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Rahul Gandhi on Women’s Reservation Bill:  भारतीय संसद से महिला आरक्षण बिल ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को हरी झंडी मिल गई है. यह बिल उच्च सदन और निम्न सदन दोनों से पास हो चुका है. अब इसके केवल कानून बनने का इंतजार है. विधेयक पर कांग्रेस सहित अधिकांश राजनीतिक दलों ने मोदी सरकार का साथ दिया है. इस बीच बिल के कानून बनने में लगने वाले समय पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही इसका बात का भी दुख जताया है कि कांग्रेस पार्टी बीते काफी वर्षों में महिलाओं को संसद में आरक्षण नहीं दिया सकी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस महिलाओं को आरक्षण नहीं दे सकी, इस बात का मुझे अफसोस है.

महिला आरक्षण बिल को कानून बनने में लगेंगे 10 साल

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नारी शक्ति वंदन विधेयक के कानून बनने में लगने वाले समय पर सवाल उठाया है. राहुल ने कहा कि मेरी केवल यही मांग रही है कि सरकार को सबसे पहले जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए. देश को पता लगना चाहिए कि यहां ओबीसी भाई कितने हैं और उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलनी चाहिए. कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर यही चलता रहा तो महिला आरक्षण बिल को कानून बनने में 10 साल लगेंगे.

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ओबीसी सांसदों को मूर्ति बनाकर रखा हुआ है

राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना कराने की मांग रखते हुए कहा कि संसद में सभी ओबीसी सांसदों को केवल मूर्ति बनाकर रखा हुआ है. देश के लिए किसी भी फैसले में इन सांसदों को शामिल नहीं किया जाता है. ओबीसी को यह सरकार कोई प्राथमिकता नहीं देती है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जातिगत जनगणना होने से इन युवाओं को अपने अधिकारों को पता लग सकेगा.

बिल में महिलाओं को मिलेगा 33 फीसदी का आरक्षण

लोकतंत्र के नए भवन में प्रवेश के पहले दिन सदन में महिला आरक्षण को लेकर नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया. 128वां संविधान संशोधन बिल के मुताबिक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा. इस फॉर्मूले के अनुसार, लोकसभा की 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. यानी इन सीटों पर केवल महिला उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकेंगी. इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जाएंगी. हालांकि यह नियम 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों और इससे पहले होने वाले विधानसभा चुनावों में लागू नहीं होगा.

लोकसभा और विधानसभाओं में यह कानून जब लागू हो जाएगा, उसके बाद 15 साल तक अमल में रहेगा. उससे आगे रिजर्वेशन जारी रखने के लिए फिर से बिल लाना होगा और मौजूदा प्रक्रियाओं के तहत उसे पास कराना होगा. अगर 15 साल के बाद उस समय की सरकार नया बिल नहीं लाती है, तो ये कानून अपने आप खत्म हो जाएगा.

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