मैं शेर का बेटा हूं पीछे नहीं हटूंगा, पापा के जाने पर नहीं, लेकिन चाचा के छोड़ने से हो गया अनाथ- चिराग

मैं परिवार की बातों को सार्वजनिक करना पसंद नहीं करता. यदि चाचा कहते तो मैं खुद ही उन्हें अपना पद दे देता, अब मेरे पास और कोई भी विकल्प नहीं रह गया है और अब सिर्फ लड़ाई ही एक तरीका है, यह सब कुछ एक साजिश के तहत किया गया है और यह साजिश भी ऐसे वक्त में कई गई, जब मैं बीमार था- चिराग पासवान

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Politalks.News/BiharPolitics. बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी में चल रही खींचतान के बीच बुधवार को चिराग पासवान ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विरोधियों पर जोरदार हमला बोला. चिराग पासवान इमोशनल अटैक करते हुए कहा कि कुछ लोग हमारी पार्टी को उस वक्त भी तोड़ना चाहते थे, जब मेरे पिता अस्पताल में एडमिट थे, तब मेरे पिता ने पार्टी के नेताओं से यह बात कही थी. उन लोगों में मेरे चाचा पशुपति नाथ पारस भी शामिल थे. वर्तमान परिस्थिति को लेकरबचिराग ने कहा कि इसमें जेडीयू का हाथ लग रहा है, जेडीयू की हमेशा कोशिश रही है कि बांटो और शासन करो. इसके साथ ही चिराग पासवान ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद और संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी से हटाए जाने का भी विरोध किया.

चिराग पासवान ने कहा, ‘सदन के नेता का चुनाव ससंदीय समिति का फैसला होता है. मौजूदा सांसद इस बारे में फैसला नहीं ले सकते. ऐसी खबरें हैं कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है. लेकिन पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष तभी हट सकता है, जब उसकी मौत हो गई हो या फिर उसने खुद इस्तीफा दे दिया हो.’ चिराग पासवान ने कहा कि यह सब कुछ एक साजिश के तहत किया गया है और यह साजिश भी ऐसे वक्त में कई गई, जब मैं बीमार था. यहां तक कि मैंने अपने अंकल से संपर्क करने का भी प्रयास किया था, लेकिन बात नहीं हो सकी.

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चिराग ने आगे कहा कि पापा ने ये पार्टी बड़ी मेहनत और विश्वास के साथ बनाई थी. इसको मैं किसी भी हाल में ऐसे नहीं देख सकता हूं. उन्होंने कहा कि मैं लंबी लड़ाई लड़ूंगा और जो भी कुछ हो सकता है कानूनी तौर पर वो किया जाएगा. इसके बाद चिराग ने गरजते हुए कहा कि मैं एक शेर का बेटा हूं, जब उस समय विधानसभा चुनाव में अकेले जा सकता हूं तो आज तो साथियों, पदाधिकारियों, बिहार की जनता के आशीर्वाद के साथ हूं.

वहीं चिराग पासवान ने पीसी के दौरान दुखी होते हुए कहा कि शायद उस समय अनाथ नहीं हुआ था जब पापा गए थे, लेकिन चाचा के साथ छोड़ने पर मैं अनाथ हो गया. प्रिंस को लेकर चिराग ने कहा कि वो कभी ऐसा करेगा सोचा भी नहीं था. प्रिंस के ऐसा करने पर मैं व्यक्तिगत तौर पर काफी दुखी हूं. उन्होंने कहा कि जब प्रिंस पर आरोप लगे तो मैंने खुद युवती और प्रिंस से बात की थी. इसके बाद ही मैंने उन्हें पुलिस के पास जाने की सलाह दी थी. प्रिंस मेरे भाई नहीं बेटे जैसा है.

चाचा पशुपति पारस के एक तरफा निर्णय के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि यदि उन्हें कुछ गलत लगा था तो कहना चाहिए था आपत्ति करनी चाहिए थी. चिराग ने इस दौरान साफ संकेत दिया कि वे लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के पूरे विचार में हैं, उन्होंने ये साफ किया कि किसी को भी पद से हटाने का अधिकार पारस के पास नहीं हैं.

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चिराग ने आगे कहा कि वे हमेशा से पार्टी और परिवार के साथ रहने का प्रयास करते रहे. मैं परिवार की बातों को सार्वजनिक करना पसंद नहीं करता. यदि चाचा कहते तो मैं खुद ही उन्हें अपना पद दे देता. उन्होंने इस दौरान कहा कि अब मेरे पास और कोई भी विकल्प नहीं रह गया है और अब सिर्फ लड़ाई ही एक तरीका है. जो कुछ हुआ वह कानूनी तौर पर सही नहीं है. चिराग ने कहा कि वे पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को साथ में लेकर ये लड़ाई लड़ेंगे.

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इस दौरान भावुक होते हुए चिराग पासवान ने कहा, ‘जब मेरे पिता और एक अन्य चाचा की मौत हो गई तो अपने अंकल (पशुपति पारस) की ओर देख रहा था… मैं तब अनाथ नहीं हुआ था, जब मेरे पिता गुजर गए थे. लेकिन आज जो हुआ है, उससे मैं अनाथ हो गया हूं.’ यही नहीं चिराग पासवान ने कहा बिहार चुनाव के दौरान भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई थी. चिराग पासवान ने कहा, ‘बिहार चुनाव के दौरान, उससे पहले भी, उसके बाद भी कुछ लोगों द्वारा और खास तौर पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा था.’

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