Politalks.News/PunjabPolitics. पंजाब कांग्रेस में मचा सियासी बवाल अभी भी थमता नहीं दिख रहा है. पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू के एक बड़े बयान ने एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है. सिद्धू ने कहा है कि वो केवल चुनाव जिताने वाले शो पीस नहीं हैं. अंग्रेजी के एक बड़े अखबार को को दिए इंटरव्यू में नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि उन्होंने पहली कैबिनेट मीटिंग से ही सिस्टम के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी थी.
अपने इंटरव्यू में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि डिप्टी सीएम या राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की बात छोड़िए, अगर पंजाब को विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ाया जाता तो मैं जिला परिषद का सदस्य बनने को भी तैयार था. मैं मुख्यमंत्री के पीछे-पीछे चलने के लिए भी तैयार था. सिद्धू ने कहा कि मैं कोई शो पीस नहीं हूं जिसका इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए कर लिया जाए और फिर दोबारा आलमारी में रख दें. राज्य के हितों पर व्यक्तिगत हितों को बढ़ावा दिया जा रहा है और ये मेरे लिए बर्दाश्त के काबिल नहीं है.
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सिद्धू ने कहा कि उन्होंने कैबिनेट की पहली बैठक से ही राज्य को चलाने वाली ‘व्यवस्था’ के खिलाफ अपनी लड़ाई शुरू कर दी थी. इस प्रणाली को दो शक्तिशाली परिवारों द्वारा नियंत्रित, हेरफेर और डिजाइन किया गया है, वे ही इस व्यवस्था को नियंत्रित करते हैं. उन्होंने विधायिका को बदनाम किया है. विधायिका हमेशा लोगों के प्रति जवाबदेह होती है. सिद्धू ने कहा कि जनता ने मंत्रियों और विधायकों को चुना, उन्होंने उन्हें वोट दिया, उन्होंने एक अधिकारी को वोट नहीं दिया. सिद्धू के इस बयान के बाद कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ना तो लाजमी है.
आपको बता दें कि पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रहे विवाद के समाधान के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, इस कमेटी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है. रिपोर्ट में अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है. कमेटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से विधायकों की नाराज़गी है लेकिन विरोध नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ़सरशाही विधायकों पर हावी है. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष को भी बदलने की मांग की गई है. बता दें, इस कमेटी के सामने पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह समेत नवजोत सिद्धू और अन्य नेता उपस्थित हुए थे.
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आलाकमान को दी अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के काम करने के स्टाइल से कांग्रेस विधायक नाराज हैं. कैप्टन कांग्रेस के विधायक और नेताओं से महीनों नहीं मिलते. जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ी है. कांग्रेस के विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए तुरंत पंजाब कांग्रेस का पुनर्गठन किया जाए. पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसमें जगह दी जाए. रिक्त पड़े निगम/बोर्ड और दूसरी जगहों पर कांग्रेस के लोगों को नियुक्त किया जाए. नवजोत सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए कमेटी ने सिफारिश दी है कि उन्हें तुरंत पॉलिटिकली एडजस्ट किया जाए. हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू को क्या पद देना है इसका आखिरी फैसला सोनिया गांधी और कांग्रेस आलाकमान करेगा.