बारां में मारपीट से आहत 250 दलित परिवारों ने अपनाया बौद्ध धर्म, सांसद बेनीवाल ने उठाए सवाल

सांसद हनुमान बेनीवाल ने दलित परिवारों के धर्म परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ दलितों से की अपील- ना करें आहत होकर धर्म परिवर्तन, साथ ही सांसद बेनीवाल ने तृतीय श्रेणी अध्यापक स्थानान्तरण की मांग को लेकर उठाए सवाल, तो वहीं दिवंगत कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा के आवास पहुंच गहरी शोक संवेदना की व्यक्त

'दलित परिवार ना करें आहत होकर धर्म परिवर्तन'
'दलित परिवार ना करें आहत होकर धर्म परिवर्तन'

Politalks.News/Rajasthan. देशभर में इन दिनों धर्म परिवर्तन की ख़बरें आम हो चली है. इसी कड़ी में राजस्थान के बारां जिले के भूलोन गांव में 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया. कहा जा रहा है कि दुर्गा पूजा के दौरान मारपीट से आहत होकर दलितों ने धर्म परिवर्तन किया है. यही नहीं इन लोगों ने अपने घरों से देवी-देवताओं की मूर्तियों और तस्वीरों को बैथली नदी में विसर्जित कर दिया. इन दलितों पर हुए अत्याचार और उनके धर्म परिवर्तन को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. नागौर सांसद एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने इस मामले में सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘दलितों पर अत्याचार करने वाले लोगो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की जरूरत है.’ इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने दलितों से धर्म परिवर्तन ना करे की भी अपील की.

मिली जानकारी के अनुसार भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल ने मां दुर्गा की पूजा और आरती की थी. जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने आरोप लगाया कि इससे आक्रोशित सरपंच प्रतिनिधि राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने दोनों दलित युवकों के साथ मारपीट कर दी. आरोप है कि मारपीट को लेकर समाज के लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर राष्ट्रपति तक इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद दलित समाज ने शुक्रवार को आक्रोश रैली निकाली और बैथली नदी पहुंचकर देवी-देवताओं की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया. यही नहीं दलितों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं लेकर बौद्ध धर्म अपना लिया.

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इस मुद्दे को लेकर नागौर सांसद एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘दलितों ने मारपीट की घटना से आहत होकर न्याय नहीं मिलने के कारण दलितों के मन में धर्म परिवर्तन की बात आई. इस मामलें में पुलिस की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली है और प्रशासन की विफलता के कारण भी ऐसा हुआ.’ सांसद बेनीवाल ने जालोर की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि, ‘आजादी के दशकों बाद जब एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव देश मना रहा है और दूसरी तरफ दलितों को मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है और दलितों के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है.’ सांसद बेनीवाल ने दलित समाज से भी अपील करते हुए कहा कि वो आहत होकर धर्म परिवर्तन नहीं.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील करते हुए कहा कि, ‘उन्हें इस मामले में दलितों पर अत्याचार करने वाले लोगो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की जरूरत है.’ इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर सवालिया निशान खड़े किये. वहीं तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर लगी रोक को हटाने को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘प्रदेश के तृतीय श्रेणी अध्यापक स्थानान्तरण की मांग को लेकर आंदोलित है, राजस्थान सरकार को आंदोलित शिक्षको की मंशा के अनुरूप तत्काल सकारात्मक कार्यवाही करने की जरूरत है. क्योंकि लंबे समय से शिक्षक अपने गृह क्षेत्र से दूर बैठे है इसलिए सरकार को अब इनकी सुननी चाहिए.’

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वहीं शनिवार को सांसद हनुमान बेनीवाल ने चूरू पहुंच राजगढ़ में कार्यकर्ताओ से मुलाक़ात की. इसके साथ ही सरदारशहर में जाकर वरिष्ठ विधायक व पुर्व मंत्री दिवंगत भंवरलाल शर्मा के आवास पर जाकर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की. वहीं उनके परिजनों से मुलाकात करके उन्हें ढांढस बंधाया.

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