Politalks.News/Delhi. कांग्रेस कार्यकारी समिति (CWC) में आज जो हुआ, वो राजनीति में एक बड़ी घटना है. राहुल गांधी ने दिग्गज़ नेता गुलाब नबी आजाद और कपिल सिब्बल पर बीजेपी से सांठगांठ के जो आरोप जड़े, उससे उनके आत्मसम्मान को गहरी चोट पहुंची है. गुलाब नबी आजाद ने तो आरोप साबित होने पर इस्तीफे की पेशकश तक कर दी, वहीं कपिल सिब्बल के अपने ट्वीटर हैंडल से कांग्रेस हटाने की खबरें जमकर वायरल हो रही हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तो एक ट्वीट तक पोस्ट कर दिया था और कांग्रेस के प्रति वफादारी का ये सिला जैसी बात संकेतों में कही लेकिन बाद में यूटर्न लेते हुए ट्वीट डिलिट कर दिया. 23 कांग्रेस नेताओं के शीर्ष नेतृत्व बदलने और स्थाई पार्टी अध्यक्ष की मांग करने को लेकर लिखे गए एक पत्र पर मिटिंग में राहुल गांधी भड़क गए.
राहुल गांधी के वरिष्ठ नेताओं पर लिए गए स्टैंड पर अन्य दलों के दिग्गजों ने हमला करना शुरु कर दिया है. असदुद्दीन ओवैसी, उमा भारती, शिवराज सिंह और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जमकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है. ओवैसी ने तो इस मुद्दे को मुस्लिम राजनीति का रंग देते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय के लोग समझेंगे कि कांग्रेस के साथ रहने से क्या होता है.
इस पूरे मसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद पर तंज कसते हुए कहा कि जो आरोप मुझ पर लगाते थे, आज खुद पर लग गया है. हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आदर्श न्याय, गुलाम नबी साहब मुझ पर यही आरोप लगाते थे, अब आप पर भी यही आरोप लगा है. 45 साल की गुलामी सिर्फ इसलिए? अब ये साबित हो गया है कि जनेऊधारी लीडरशिप का विरोध करने वाला बी-टीम ही कहलाया जाएगा. मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय के लोग समझेंगे कि कांग्रेस के साथ रहने से क्या होता है.
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इधर, बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सीनियर नेताओं में से एक उमा भारती ने कांग्रेस में अध्यक्ष को लेकर चल रही रस्साकशी को लेकर तंज कसते हुए टिप्पणी की. उमा भारती ने कहा कि भारतीय राजनीति से गांधी-नेहरू परिवार का अस्तित्व ख़त्म हो गया है. इस परिवार का राजनीतिक वर्चस्व समाप्त हो गया है. कांग्रेस का अस्तित्व भी ख़त्म हो गया है. इसलिए अब ये कौनसे पद पर रहते हैं और नहीं रहते हैं, इसका महत्व ख़त्म हो गया है. उमा भारती ने कहा कि लखनऊ में रिक्शे-तांगे वाले भी अपने आप तो नवाब वाजिद अली के खानदान का खुद को बता देते हैं. यही हाल कांग्रेस का है. इनकी नवाबी चली गई, लेकिन ये रह गये.
उमा भारती ने बिना नाम लिए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को अब असली कांग्रेस की ओर लौटना चाहिए. ऐसा गांधी जो स्वदेशी हो, विदेशी न हो. उसमें विदेश के गुण न हों. कांग्रेस को कोई पुराना गांधीवादी नेता तलाशना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को गांधी की ओर लौटना चाहिए. मैं बीजेपी (BJP) नेता नहीं, भारत की नागरिक होने के नाते कहती हूं कि विदेशी गांधी से मुक्ति पाओ और स्वदेशी गांधी की ओर मुड़ो.
लखनऊ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस पर तंज कसा है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कार्यसमिति बैठक से पार्टी को एक सशक्त नेतृत्व देने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन यहां तो उलटा रायता बिखरना शुरू हो गया. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति महान है लेकिन जो भीतर बोला जा रहा है वो अविलंब हूबहू मीडिया में आ रहा है. आचार्य प्रमोद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बयान का समर्थन किया, जो सिब्बल ने राहुल गांधी के आरोप के जवाब में दिया है. हालांकि कपिल सिब्बल ने थोड़ी देर बार ही ट्वीट डिलीट कर दिया था.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी इस मामले पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया. कांग्रेस के नेताओं द्वारा शीर्ष नेतृत्व बदलने के लिए आलाकमान को पत्र लिखने जाने और उन नेताओं को राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस वर्किंग कमेटी में अपशब्द कहे जाने पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग पर राहुल गांधी ने उन्हें गद्दार बताया. सत्य कहने वालों को कांग्रेस में गद्दार कहा जाता है. ऐसी पथभ्रष्ट कांग्रेस को कोई बचा नहीं सकता है.
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गौरतलब है कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से जब ये बात सामने आई राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उन नेताओं के खिलाफ नाराजगी जाहिर की, जिन्होंने चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि इस चिट्ठी की टाइमिंग सही नहीं है, क्योंकि तब सोनिया गांधी बीमार थीं. साथ ही पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा से लड़ाई लड़ रही थी.
बता दें, राहुल गांधी की ओर से इन 23 नेताओं के द्वारा भाजपा को फायदा पहुंचाने की बात कही गई. कुछ नेताओं ने इन सभी 23 नेताओं को बीजेपी का एजेंट तक कह दिया. इसके बाद आहत होते हुए गुलाम नबी आजाद ने बैठक में कहा कि अगर ऐसा है तो वो इस्तीफा दे देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि चिट्ठी लिखने का मकसद सिर्फ कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को लेकर था. बाद में गुलाम नबी ने भी अपने बयान से पलटते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था और राहुल गांधी ने उन्हें कन्फर्म किया है कि उन्होंने इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है. ऐसा ही कुछ कपिल सिब्बल ने किया.