Politalks.News/MadhyaPradesh. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उसको अगर कोई ऐसा मुद्दा मिल जाए जिस पर उसकी सियासत चमक सकती है तो वह इस व्यर्थ के मुद्दों पर कई दिनों तक शोर मचाते रहेंगे. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की. इन दिनों राज्य में 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने जा रहे हैं. यह भले ही उपचुनाव हैं लेकिन इस पर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और विपक्ष यानी कांग्रेस का भविष्य टिका हुआ है. ‘शिवराज सिंह को अगर मध्य प्रदेश की सत्ता में बने रहना है तो 28 में से 8 सीटों पर चुनाव जीतना ही होगा‘. दूसरी ओर इसी साल मार्च महीने में भाजपा के द्वारा सत्ता से बेदखल किए गए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इन उपचुनावों में शिवराज सिंह का सिंहासन हिलाने के लिए जोर लगाए हुए हैं.
कोरोना संकटकाल चल रहा है ऐसे में शिवराज सिंह और कमलनाथ एक दूसरे पर हमले करनेे और जनता को रिझाने के लिए मुद्दों की तलाश में लगेेे हुए ही थे कि ‘रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का विवादित बयान शिवराज सिंह चौहान के लिए एक ऐसा मुद्दा हाथ लग गया, जिसको उन्होंने चुनावी हथियार ही बना डाला‘. आइए आपको बताते हैं कमलनाथ ने क्या कहा. मध्यप्रदेश के डबरा विधानसभा क्षेत्र में एक कांग्रेसी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे कमलनाथ ने भाजपा की महिला प्रत्याशी इमरती देवी के लिए चुनावी रैली के दौरान ‘आइटम‘ कह दिया. इसी बयान के बाद भाजपा सरकार ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया. ‘वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपचुनाव में मिला एक मजबूत हथियार मान बैठे हैं‘.
उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे को तूल दे दिया-
कमलनाथ के इस विवादित बयान के बाद शिवराज सिंह चौहान ने इसे लपकने में देर नहीं लगाई और उपचुनाव में इस मुद्दे को सड़क पर आकर तूल दे दिया. इस बयान के चलते कांग्रेस घिरती नजर आ रही है. वहीं भाजपा ने मोर्चा खोलते हुए कमलनाथ के विवादित बयान के विरोध में पूरे सूबे में मौन उपवास रखवा दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ग्वालियर में और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में 2 घण्टे तक मौन उपवास किया.
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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आइटम वाले के बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव में अपनी और भाजपा की लहर पैदा करने के लिए लंबा चौड़ा पलटवार करते हुए कहा कि यह सिर्फ इमरती देवी का अपमान नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की बेटी का अपमान है, बहनों का अपमान है, धरती मां का अपमान है. शिवराज ने कहा कि न जाने कांग्रेस को क्या हो गया है, जबकि कमलनाथ मुख्यमंत्री भी रहे हैं. शिवराज ने कहा कि वर्षों तक जिस बेटी ने कांग्रेस की सेवा की उसके विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्या गरीब बेटी का अपमान किया जाएगा? क्या बहन-बेटियों का कोई सम्मान नहीं ह? क्या उनके सम्मान को पैरों तले कुचला जाएगा? शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं नहीं जानता कमलनाथ अपने बयान को लेकर प्रायश्चित करेंगे या नहीं, लेकिन मैं प्रायश्चित जरूर करूंगा. उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि मैं भी मुख्यमंत्री हूं, रहा भी हूं. मैंने कभी ऐसा अपमान नहीं किया, मन आत्मगिलानि से भरा हुआ है.
कमलनाथ ने किया माफी मांगने से इनकार, उल्टे ही दाग दिए सवाल
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने ‘आइटम‘ वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि हां, मैंने आइटम कहा है, क्योंकि यह असम्मानजनक शब्द नहीं है. कमलनाथ ने कहा कि लोक सभा और विधान सभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है. कमलनाथ ने कहा कि, ‘शिवराज जी आप कह रहे हैं कमलनाथ ने आइटम कहा, हां मैंने आइटम कहा है, क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है. मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम है और इस अर्थ में हम सभी आइटम है. लोक सभा और विधान सभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, क्या यह असम्मानजनक है? सामने आइए और मुकाबला कीजिए. सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं, जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो.’
कौन है इमरती देवी जिन पर कमलनाथ के बयान के बाद एमपी में सियासी पारा चढ़ा-
आपको बताते हैं कौन है भाजपा की महिला प्रत्याशी इमरती देवी. इमरती उन पूर्व विधायकों में से एक नेता हैं जिन्होंने मार्च महीने में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का घोर समर्थक माना जाता है. ज्योतिरादित्य ने भी इस टिप्पणी पर कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि एक गरीब और मजदूर परिवार से आगे आईं दलित नेता इमरती देवी को डबरा में चुनाव प्रचार के दौरान आइटम कहना निंदनीय और आपत्तिजनक है. सिंधिया ने कहा कि ये कमलनाथ जी की मानसिकता को भी दर्शाता है.
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दूसरी तरफ इमरती देवी ने कहा कि इन लोगों को मध्य प्रदेश में रहने का कोई हक नहीं. ये कहां से आए हैं, मैंने मध्य प्रदेश को देखा है. मध्य प्रदेश में सभी महिलाओं का सम्मान होता है. महिला शक्ति को घर की लक्ष्मी माना जाता है. आज उसने मध्य प्रदेश की सभी महिलाओं को गाली दी है. मैं सोनिया गांधी से आगे कहा, “मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उन्हें पार्टी से निकालने की मांग करती हूं. वह एक महिला और एक मां भी हैं, क्या वह बर्दाश्त करेंगी अगर कोई उनकी बेटी के बारे में ऐसा कुछ कहेगा?”
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इसी बयान के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मौन धरना दिया है. शिवराज के अलावा भाजपा के अन्य नेता अलग-अलग हिस्सों में मौन प्रदर्शन किया. बता दें कि मध्य प्रदेश में 28 सीटों के लिए उपचुनाव 3 नवंबर को होगा. देखना होगा कमलनाथ का यह विवादित बयान शिवराज सिंह के लिए कितना सियासी लाभ पहुंचा पाता है?