पॉलिटॉक्स न्यूज/लद्दाख. लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 से ज्यादा जवान शहीद हो गए. वहीं खबरें आ रही हैं कि चीन की तरफ से भी एक अधिकारी सहित 43 सैनिक मारे गए हैं और कई हताहत हुए हैं. हालांकि चीन की ओर से अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. गौर करने वाली बात ये है कि झड़प के दौरान गोलीबारी नहीं हुई, झड़प केवल हाथापायी के जरिए हुई और दोनों ओर से सैनिक आपस में भिड़ गए. आखिर क्या हुआ ऐसा कि दोनों ओर से सैनिक बिना हथियारों के ही आपस में उलझ गए और 57 सालों के इतिहास में इतनी बड़ी हिंसक घटना घटित हो गई. इसकी भी एक इनसाइड स्टोरी है.
आखिर कैसे चीन ने हमारे जवानों के साथ धोखे से हमला किया जिसमें देश के 20 जवान वीर गति को प्राप्त हुए, आइए जानते हैं इस इनसाइड स्टोरी के बारे में …
दरअसल, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच ये तय हो गया था कि 15 जून को सरहद पर चीन सेना का जमावड़ा कम होगा और चीनी सेना गलवान क्षेत्र में अपने इलाके में वापस लौटेगी. दोनों पक्षों के बीच पहले से सहमति थी कि 16 जून को भारतीय सेना के बड़े अधिकारियों की बैठक से पहले चीन की सेना पीछे हटेगी. इस सहमति के बावजूद जब चीन की सेना में कोई हरकत नहीं दिखी तो 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू की अगुवाई में भारतीय सेना का एक छोटा दल चीनी पक्ष के साथ बातचीत के लिए गया. यहां ये बताना जरूरी है कि भारतीय दल कोई हथियार लेकर नहीं गया था. चर्चा के दौरान भी चीनी सैनिक पीछे हटने के मूड में नहीं दिखे और वे जानबूझकर बात को टाल मटोल करते रहे.
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जब भारतीय सेना के दल ने चीनी सैनिकों को जबरन पीछे हटाने का प्रयास किया तो यहां चीन ने धोखा दिया और भारतीय जवानों को घेर लिया और लाठी, पत्थरों और कांटेदार तार से हमला करने लगे. इस भिड़ंत के दौरान एक भारतीय जवान की तुलना में मौके पर चीन के 3 से अधिक जवान बनाए जा रहे हैं. चारों ओर से घिरे होने के बावजूद भारतीय सैनिकों ने अचानक किए गए इस हमले का ना सिर्फ डटकर मुकाबला किया बल्कि मुंहतोड़ जवाब दिया.
करीब 3 घंटे तक दोनों पक्षों में झड़प होती रही. इस हाथापाई में कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू को गंभीर चोटें आईं. झड़प शुरू होने के बाद भारतीय सैनिकों की दूसरी टीम मौके पर पहुंची और फिर सेना ने चीन के इस धोखे पर करारा जबाव दिया. कर्नल संतोष बाबू सहित दो जवानों की मौके पर ही मौत हो गई. खबर है कि भारतीय सेना के पलटवार में चीनियों को भारी नुकसान पहुंचा. शुरुआत में एक चीनी अखबार के रिपोर्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सेना के अफसर सहित तीन जवान शहीद हुए हैं लेकिन शाम होते होते खबर आई कि 20 से अधिक भारतीय जवान शहीद हुए जबकि चीनी साइड से 43 सैनिक हताहत और मारे गए जिनमें एक चीनी कमाडिंग आॅफिसर भी बताया जा रहा है.
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समाचार एजेंसी एएनआई के के मुताबिक इस हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं, हालांकि अभी भी चीन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है. इधर, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने बताया कि भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में एक उच्च अधिकारी सहित 35 सैनिक ढेर हुए हैं और चीनी को काफी नुकसान पहुंचा है.
इस बैठक के बाद पीएम आवास पर भी एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात पर चर्चा की. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में मौजूदा हालात की समीक्षा के लिए सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे. लद्दाख में खूनी झड़प से बिगड़े हालात को देखते हुए आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने अपना पठानकोट दौरा रद्द कर दिया. झड़प के बाद घाटी में तनाव बढ़ता जा रहा है. सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हादसे के बाद न सिर्फ लद्दाख बल्कि एलएसी के दूसरे हिस्सों में भी सेना अलर्ट मोड में आ गई है.