Politalks.News/AssamPolitics. सिर्फ छः साल पहले बीजेपी पार्टी में शामिल हुआ एक होनहार नेता आज अपनी काबलियत के दम पर राज्य का मुख्यमंत्री बन गया है. असम में भाजपा नेता और पूर्वोत्तर प्रजातांत्रिक गठबंधन के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा ने आज असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में पद व गोपनीयता की शपथ ली. असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने सरमा को श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान हिमंत बिस्वा सरमा ने पारंपरिक ‘पट रेशम’ की धोती और कुर्ता धारण किया हुआ था तथा अपने गले में मुगा ‘गमोसा’ डाला हुआ था. बिस्वा सरमा ने असमी भाषा में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. कोविड-19 के सख्त प्रोटोकॉल के बीच हुए इस शपथग्रहण समारोह में हिमंत बिस्वा सरमा के साथ 13 और विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली.
शपथग्रहण समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के मुख्यमंत्री शामिल हुए. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी समारोह में मौजूद रहे. इन सबके अलावा कई अन्य नेता भी मौजूद थे. सरमा को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने शपथ दिलाई. आपको बता दें, 2 मई को असम चुनाव के नतीजों में बीजेपी को लगातार दूसरी बार जीत मिली थी. वहीं रविवार को नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए थे.
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आपको बता दें, बिस्वा के साथ शपथ लेने वाले विधायकों में 10 बीजेपी के विधायक हैं जिनमें असम बीजेपी चीफ रंजीत कुमार दास, चंद्र मोहन पटवारी, परिमल शुक्लाबैद्य, रोनोज पेगु, संजय किशन, जोगन नोहन, अजंता नेयोग, अशोक सिंघल, पिजुष हजारिका, बिमल बोरा शामिल है. इनके अलावा गठबंधन की पार्टी असम गण परिषद के अतुल बोरा और केशव महानता को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल के उरखाव ग्वारा ब्रह्मा को भी बिस्वा मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है. अगले कुछ दिनों में सभी को मंत्रालय बांट दिए जाएंगे. इसके अलावा जानकारों की मानें तो जल्द ही मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपने कैबिनेट का विस्तार करेंगे और चार अन्य मंत्रियों को शामिल करेंगे.
जानिए असम के नए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को
हिमंत बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी, 1969 को हुआ था. बिस्वा के पिता का नाम कैलाश नाथ सरमा और मां का नाम मृणालिनी देवी है. सरमा ने गुवाहाटी के कामरुप एकैडमी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद बिस्वा ने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की और फिर गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की. इसके बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने 1996 से 2001 के बीच गुवाहाटी हाई कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस भी की थी. सरमा ने पहली बार गुवाहाटी के जालुकबाड़ी से सनु 2001 में चुनाव लड़ा. बिस्वा ने यहां असम गण परिषद के नेता भृगु कुमार फुकान को हराया और उसके बाद से आज तक सरमा इस सीट पर जीत दर्ज करते आए हैं.
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आपको बता दें, असम में पांच साल पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा की पहली सरकार बनवाने वाले हिमंत बिस्वा सरमा को इस बार बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाया है. बिस्वा सरमा भाजपा से किसी बड़े राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले कांग्रेसी पृष्ठभूमि के नेता हैं. हालांकि, इसके पहले भाजपा ने बड़े राज्यों में झारखंड और असम में दूसरे दल से आए नेताओं को कमान सौंपी थी. झामुमो से आए अर्जुन मुंडा झारखंड में और असम गण परिषद परिषद से आए सर्बानंद सोनोवाल असम में मुख्यमंत्री रहे हैं. साथ ही पूर्वोत्तर के छोटे राज्यों में वहां की राजनीतिक स्थितियों में भाजपा में कांग्रेस से आए नेताओं को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा है. अरुणाचल प्रदेश में तो गेगांग अपांग पूरी सरकार के साथ भाजपा के साथ आ गए थे.
आपको बता दें, हिमंत बिस्वा सरमा राहुल गांधी पर अनदेखी का आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़कर 2015 में बीजेपी में शामिल हुए थे. तब बिस्वा ने आरोप लगाया था कि वह जब राहुल गांधी से मिलने पहुंचे थे तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ध्यान मुझसे ज्यादा अपने कुत्ते पर था. बस, तभी स्वाभिमानी हिमंत बिस्वा ने कांग्रेस छोड़ने का निर्णय कर लिया था. बता दें, सरमा कभी कांग्रेस नेता तरुण गोगोई के मुख्यमंत्री काल में उनके सबसे करीबी हुआ करते थे लेकिन आज हिमंत बिस्वा सरमा असम बीजेपी के सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं.
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सबसे बड़ी बात, हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते पांच छह साल में साबित किया है कि वह समूचे पूर्वोत्तर के सबसे बड़े रणनीतिकार हैं और पूर्वोत्तर को कांग्रेस मुक्त बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है. यही वजह है कि भाजपा ने असम में चुनाव के पहले सर्बानंद सोनोवाल के मुख्यमंत्री होने के बाावजूद उनके चेहरे पर दांव नहीं लगाया था. तभी यह साफ हो गया था कि हिमंत बिस्वा सरमा ही बीजेपी की सरकार बनने पर अगले मुख्यमंत्री बनेंगे.