पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. कोरोना महामारी के बढ़ते संकट के बीच प्रदेश में सियासत भी अपने उबाल पर है. कोरोना संकट में पहले से विपक्ष के निशाने पर चल रहे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. बीजेपी ने रघु शर्मा पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उनके बेटे सागर शर्मा पर विधायक का स्टिकर लगी गाड़ी में अजमेर कलेक्टर कार्यालय जाने और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में बैठने को लेकर जबरदस्त निशाना साधा हैं. वहीं पुत्र के बचाव में उतरे मंत्री जी बीजेपी नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा मेरे पुत्र का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चिकित्सा मंत्री के बेटे अजमेर कलेक्टर के साथ किस हैसियत से, किस संवैधानिक व्यवस्था के तहत प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया? पूनियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत सरकार के राज में सत्ता और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है. पूनियां ने आगे कहा कि मंत्री रघु शर्मा के बेटे सागर शर्मा ना तो जनप्रतिनिधि हैं और नाहीं उनके पास कोई सरकारी पद है. मंत्री पुत्र सागर शर्मा कलेक्ट्रेट में जिस वाहन को लेकर पहुंचे उस पर विधायक का स्टिकर भी लगा हुआ था. किस प्रोटोकॉल से वाहन उन्होंने कलेक्टर के पोर्च में खड़ा किया? जिस स्थान पर कलेक्टर का वाहन खड़ा होता आया है उसी स्थान पर मंत्री पुत्र के वाहन को किस हैसियत से खड़ा करने की अनुमति मिली?
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वहीं उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के पुत्र सागर शर्मा लोकडाउन के प्रोटोकॉल को तोड़ रहे हैं. एक तरफ मंत्री रघु शर्मा प्रदेश के लोगों को लॉक डाउन को पालन करने की अपील कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनका बेटा एक जिले से दूसरे जिले में कैसे पहुंच रहा है. मंत्री पुत्र की ओर से सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है यह संगीन मामला है राज्य सरकार को तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए.
इसके साथ ही नागौर सांसद व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री रघु शर्मा आजादी से पूर्व की व्यवस्थाओं को पनपा रहे हैं, ऐसा करके वह जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं. मंत्री पुत्र ने अजमेर कलेक्ट्रेट में अफसरों के बीच किस हैसियत से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किस प्रोटोकॉल का आधार बनाकर मंत्री पुत्र ने कलेक्टर के पोर्च में गाड़ी लगा कर मीटिंग की.
वहीं अपने बेटे के बचाव में उतरे मंत्री रघु शर्मा ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पूरा राजस्थान इस समय कोरोना के संकट से जूझ रहा है. हर छोटा बड़ा व्यक्ति अपने अनुसार राहत देने, मदद करने और बचाव के कार्य में जुटा हुआ है ऐसे समय में भाजपा की ओर से मेरे बेटे का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है. रघु शर्मा कहना है कि मेरा बेटा वहां कलेक्ट को जरूरतमंदों के लिए राहत सामग्री देने गया था, क्या राहत सामग्री बांटना कोई अपराध है, भाजपा नेताओं की ओर से लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं आज समय है कि सब मिलकर कोरोना पर कैसे विजय प्राप्त करें लेकिन भाजपा के नेता ऐसा नहीं कर रहे हैं.
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बता दें, मंत्री पुत्र सागर शर्मा पर सत्ता का दुरूपयोग करने का यह पहला आरोप नहीं लगा है. इससे पहले पिछले माह 13 मार्च को भी मंत्री पुत्र सागर शर्मा का अजमेर जिले से ही कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था. इस दौरान मंत्री पुत्र ने पुष्कर अस्पताल में काढा वितरण किया था. इसके साथ ही मंत्री पुत्र ने पुष्कर राजकीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था और जिला चिकित्सा अधिकारी केके सोनी को उचित दिशा निर्देश देते हुए दिखाई दिए थे. उस समय भी भाजपा नेताओं मंत्री पुत्र द्वारा सत्ता के दुरूपयोग करने के आरोप लगाए थे.