हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस से अलग होने का साफ संकेे‍त देते हुए कहा, “आज मैं खुद को अतीत से मुक्‍त करता हूं, कांग्रेस अब पहले वाली कांग्रेस नहीं रही और अब भटक गई है. मैं यहां सारी चीजों से मुक्‍त होकर अपनी बात कहने आया हूं. मुझे नेताओं व रैली में मौजूद लोगों द्वारा कोई भी फैसला लेने का जो अधिकार दिया है उसके लिए मैं एक कमेटी का गठन करुंगा. कमेटी की सलाह पर इस बारे में कोई भी फैसला लूंगा.”

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने रविवार को रोहतक मेें आयोजित महापरिवर्तन रैली में बड़ा बयान देते हुए कहा कि, “जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद हटाने का हमारे (कांग्रेस) नेताओं ने विरोध किया, यह सही नहीं था. मैंने देशहि‍त के इस निर्णय का समर्थन किया. उन्‍होंने कहा, मेरे परिवार की चार पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी रही हैं. हमने कांग्रेस के लिए जी-जान से मेहतन की, लेकिन अब कांग्रेस पहले वाली नहीं रही. अब यह बदल गई है.”

हुड्डा समर्थक 13 विधायक, कई पूर्व विधायक सहित हरियाणा के कई वरिष्‍ठ नेता महा परिवर्तन रैली में मौजूद रहे. सभी ने एक सुर में कहा कि हुड्‌डा को एक मजबूत फैसला लेना चाहिए. वह जो भी तय करेंगे, उसमें हम सभी उनके साथ हैं. इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि “आज हरियाणा का किसान तबाही की ओर है और बेरोजगारी बढ़ रही है. मैं 72 साल का हो गया हूं और रिटायर होना चाहता था, लेकिन हरियाणा की हालत देखकर संघर्ष का फैसला किया. देशहित से ऊपर कुछ नहीं.”

उन्‍होंने जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने की चर्चा करते हुए कहा कि 370 पर कांग्रेस थोड़ी राह भटक गई है. महापरिवर्तन रैली में हुड्डा ने कहा कि आज हर चीज से मुक्‍त होकर यहां आया हूं, मैं आज अतीत से मुक्‍त होकर इस मंच पर आया हूं. उन्‍होंने कहा अपने परिवार की चार पीढि़यों के पार्टी से जुड़ाव और इसके लिए योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि अब कांग्रेस पहले वाली नहीं रही.

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बता दें कि रोहतक में रविवार को आयोजित महापरिवर्तन रैली में नेताओं के तेवर तीखे दिखे. करण सिंह दलाल ने साफ कहा कि कांग्रेस नेतृत्‍व यदि हरियाणा में पार्टी की कमान हुड्डा को नहीं दे तो अलग राह अपनाई जाए. पूर्व स्‍पीकर रघुबीर कादियान ने एक लाइन का प्रस्‍ताव रखा कि हुड्डा जो भी फैसला करेंगे उसके साथ हम सभी खड़े हैं. उन्‍होंने जनसभा में लोगों से हाथ उठवाकर इसका समर्थन भी कराया.

पूर्व सीएम हुड्डा ने आगे कहा, “मैं 72 साल का हो गया हूं और रिटायर होना चाहता था, लेकिन हरियाणा की हालत देखकर संघर्ष का फैसला किया। उन्‍हाेंने कहा कि देशहित से ऊपर कुछ नहीं. 370 पर कांग्रेस कुछ भटक गई, लेकिन देशभक्ति और स्वाभिमान का मैं किसी से समझौता नहीं करूंगा, इसीलिए मैंने 370 हटाने का समर्थन किया. उन्‍होंने कहा, उसूलों के लिए टकराना भी जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा दिखना जरूरी है.

हाल ही में हरियाणा सीएम मनोहरलाल खट्टर द्वारा किये गए नौकरियों के दावे पर सवाल उठाते हुए पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि नौकरियां कैसी दी जा रही है, एमए पास युवाओं को चपरासी की नौकरी दी जा रही है, नौकरियां बेची जा रही है. रैली में हुड्डा ने जमकर चुनावी घोषणाएं भी कीं. उन्‍होंने कहा कि अगर मेरी सरकार बनी तो सबसे पहले अपराधियों का सफाया करूंगा. प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिलकुल चौपट हो चुकी है.

हुडा ने चुनावी घोषणायें करते हुए आगे कहा कि किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा, इसमें भूमिहीन किसानों को भी शामिल किया जाएगा. आज कर्मचारी सबसे ज्यादा तकलीफ में हैं. आंगनबाड़ी, आशा वर्कर का भत्ता बढ़ाया जाएगा. पंजाब के समान कर्मचारियों को वेतनमान दिया जाएगा, पुरानी पेंशन लागू होगा. सातवां वेतन आयोग पूर्ण रूप से लागू होगा. 1 फरवरी 2016 से सबको एचआरए दिया जाएगा. जितने भी पढ़े लिखे चतुर्थ श्रेणी में भर्ती हुए हैं उन्हें क्लास बनाया जाएगा.

चुनावी घोषणाओं का क्रम आगे बढ़ाते हुए हुडा ने कहा कि गरीब महिलाओं के खाते में हर महीने दो हजार रुपये डाले जाएंगे. बीपीएल को 300 यूनिट तक बिजली फ्री, विवाह शगुन योजना एक लाख रुपये, गरीब आदमी को दो रुपये किलो चावल व गेहूं देंगे. फसल बीमा योजना की किश्त हरियाणा सरकार भरेगी. रोजगार के लिए ऐसी स्कीम बनाएंगे कि हर परिवार में योग्यता के आधार पर एक व्यक्ति को नौकरी देंगे. जब तक नौकरी नहीं मिलेगी योग्यता भत्ता देंगे. 75 प्रतिशत नौकरी हरियाणा के युवाओं को मिले इसके लिए कानून बनाएंगे.

आगे बोले हुड्डा कि बुढ़ापा पेंशन पांच हजार रुपये महीना देंगे. हरियाणा रोडवेज में महिलाओं की यात्रा फ्री करेंगे. गरीबों के लिए चार लाख घर बनाकर देंगे. दलित बच्चों को आठवीं तक 500, 12वीं तक 1000 व उससे ऊपर 1500 रुपये देंगे. हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो चार उपमुख्यमंत्री बनाएंगे. एक ओबीसी, एक अनुसूचित जाति , एक ब्राह्मण व एक अन्य किसी वर्ग से.

रैली के दौरान अन्‍य नेताओं ने भी अपने संबोधन में कहा कि हुड्डा अब मजबूत फैसला करें, हम उसके साथ हैं. विधानसभा के पूर्व स्‍पीकर कुलदीप शर्मा ने कहा कि कांग्रेस कहां है, कमरों में बैठे कुछ नेता कांग्रेस की दशा नहीं बदल सकते. यदि कांग्रेस को हालत सुधारनी थी तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कमान देनी चाहिए थी. दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा की राजनीति दोराहे पर है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक वारिस और पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि हरियाणा, आज भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विकास की राजनीति और भाजपा के राजनीति के दोहारे पर खड़़ा है. उन्‍होंने जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने की चर्चा करते हुए कहा कि हमने देशहित को समर्थन किया. इसे हटाने का तरीका सही नहीं था, लेकिन यह राष्‍ट्रहित में था. उन्‍होंने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्‍होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय हरियाणा नंबर वन था और आज हर क्षेत्र में पिछड़ गया है. उन्‍होंने कहा कि हरियाणा में परिवर्तन के लिए अब बिगुल बज गया है.

रैली में मंच संचालन पूर्व मंत्री गीता भुक्‍कल ने किया. पूर्व मुख्‍य संसदीय सचिव जिलेराम शर्मा ने कहा कि हुड्डा ने हरियाणा में अभूतपूर्व कार्य किया. रैली को जयवीर वाल्मीकी ने भी संबोधित किया. कांग्रेस विधासक आनंद सिंह दांगी ने कहा कि देश में जो भी परिवर्तन जनता के माध्‍यम से होता है. आज जितनी संख्‍या में लोग आए हैं वह परिवर्तन का संकेत दिया है. रैली को विधायक ललित नागर ने भी संबोधित किया. उन्‍होंने कहा कि राज्‍य की जनता अब परिवर्तन चाहती है. यह परिवर्तन भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्‍व में हो सकता है. हुड्डा के नेतृत्‍व में हरियाणा में अगली सरकार बनानी है.

इस महापरिवर्तन रैली में हुड्डा समर्थक विधायक, कई पूर्व विधायक सहित हरियाणा के कई वरिष्‍ठ नेता मौजूद रहे. रैली से पहले ही कयास लगाए जा रहे थे हुड्डा कांग्रेस से अलग राह की ओर कदम बढ़ा सकते हैं. इसका पता इस बात से चल जाता है कि पूरे रैली स्‍थल पर कहीं भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी का फोटो व कांग्रेस का चुनाव चिन्ह नजर नहीं आया.

रैली का आयोजन मेला ग्राउंड पर किया गया था और रैली के लिए बनाया गए पंडाल में काफी संख्‍या में हुड्डा समर्थक गुलाबी पगड़ी पहनकर बैठे हुए थे. रैली स्‍थल पर कहीं भी कांग्रेस का झंडा नहीं लगे होने से कयासबाजी तेज हो गई.

बता दें बीती रात पूर्व सीएम हुड्डा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी और इसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह फिलहाल अलग पार्टी का ऐलान नहीं करेंगे. इसके बाद हुड्डा ने रैली में एक कमेटी के गठन का ऐलान किया. यह कमेटी कांग्रेस से अलग होने के बारे में एक हफ़्ते में अपनी रिपोर्ट देगी और भविष्य की राजनीति पर जनता की भावना जानेगी. कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष कुलदीप शर्मा कमेटी के अध्यक्ष हो सकते हैं.

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