Politalks.News/Haridwar/Kumbh. कोरोना महामारी से देशभर में मचे हाहाकार के बीच हरिद्वार में आयोजित महाकुंभ को समाप्त करने के लिए उत्तराखंड की तीरथ सिंह रावत सरकार पर दबाव बढ़ने लगा है. दबाव बढ़ने का बड़ा कारण है कि पिछले दिनों शाही स्नान के दौरान संक्रमित लोगों की संख्या तेजी के साथ बढ़ती जा रही है. उत्तराखंड में गुरुवार को अब तक के सबसे अधिक दो हजार 220 कोविड पॉजिटिव मरीज सामने आए, जबकि 24 घंटे में कोरोना संक्रमित नौ लोगों की मौत भी हो गई. वहीं इससे पहले हरिद्वार में ही पिछले 5 दिन में कोरोना के 2,167 मामले आ चुके हैं. अभी कई रिपोर्ट आना बाकी है.
इसी बीच महाकुंभ निरंजनी अखाड़े से एक बड़ी खबर सामने आई है. इस अखाड़े के 17 संतों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इन संतों का रैपिट एंटीजन टेस्ट किया गया था. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार वहां बनी हुई है और वह अखाड़ों में रह रहे साधु-संतों की सैंपल ले रही है. फिलहाल कोरोना संक्रमित संतों को उनके ही अखाड़े में आइसोलेट करने की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी को कोरोना रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है और उन्हें भी अखाड़े में ही आइसोलेट किया गया है. महंत रविंद्र पुरी कल शाम पट्टाभिषेक कार्यक्रम में शामिल रहे थे.
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कुंभ के आयोजन को लेकर पिछले दिनों उत्तराखंड के ‘मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि यहां गंगा मां की वजह से कोरोना नहीं फैलेगा‘. इसलिए यह कुंभ का आयोजन 30 अप्रैल तक जारी रहेगा. मुख्यमंत्री रावत के इस बयान के बाद देशभर में काफी निंदा की गई थी. लेकिन अब निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना संक्रमित होने के बाद हुई मृत्यु से हरिद्वार में संतों के बीच भय का माहौल व्याप्त हो गया है. कुंभ के दौरान संक्रमण से जान गंवाने वाले कपिल देव बड़े संत थे. वह चित्रकूट से कुंभ में शामिल होने के लिए हरिद्वार गए थे. कुंभ मेले के बीच कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ‘निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने 15 दिन पहले एलान किया कि उनके लिए कुंभ मेला खत्म हो चुका है, पुरी ने कहा है कि कुंभ का मुख्य शाही स्नान पूरा हो गया है और उनके अखाड़े के साधु-संतों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं’.
निरंजनी अखाड़े के बाद बाकी पांच अखाड़े भी कल तक कुंभ समाप्ति का एलान कर सकते हैं. बता दें, हरिद्वार में कुंभ मेले का समय 30 अप्रैल तक है. इस बीच उत्तराखंड में हर दिन मरीज तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं. गुरुवार को प्रदेश में बीते 24 घंटे में 2220 नए संक्रमित मरीज आए हैं. प्रदेश में यह अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है. उत्तराखंड में हालात बेकाबू होने पर महाकुंभ के आयोजन में जमा लाखों की भीड़ को ही जिम्मेदार माना जा रहा है. वहीं, सक्रिय मरीजों की संख्या 12 हजार पार हो गई है. प्रदेश में नौ मरीजों की मौत हुई, जबकि 397 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है. हरिद्वार और देहरादून में ही सबसे अधिक मरीज हर दिन बढ़ रहे हैं. लेकिन अब देश में कोरोना बेकाबू होने पर तीरथ सिंह रावत अपने ही बयान पर बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं. वहीं कुंभ के समय से पहले समाप्त होने पर साधु संतों का दबाव अब सरकार पर बढ़ने लगा है.
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महामंडलेश्वरों से बात करने के बाद तीरथ कुंभ को खत्म करने का हो सकता है एलान
यहां हम आपको बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ में मुख्य शाही स्नान तो समाप्त हो चुके हैं. अब एक या दो ही ऐसे स्नान बचे हैं जो सिर्फ रस्म अदायगी किए जाने हैं. कोरोना की बढ़ती दहशत के आगे अब कई अखाड़ों के प्रमुख भी कुंभ का आयोजन 30 अप्रैल तक चले, इच्छुक नहीं नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही कुंभ मेले में ड्यूटी पर आए कई पुलिसकर्मी और अधिकारी भी पॉजिटिव निकलने के बाद प्रशासन भी सहमा हुआ है. दूसरी ओर कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कुंभ मेला जारी रखने पर उत्तराखंड सरकार पर सवाल भी उठ रहे हैं. देश में शुक्रवार को पिछले 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 2 लाख 16 हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं. पिछले साल संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में मिले संक्रमितों का ये आंकड़ा सबसे बड़ा है.
उधर कुंभ में लाखों लोगों की भीड़ जुटी हुई है. बुधवार के शाही स्नान में 14 लाख लोग शामिल हुए थे. हालांकि पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार पर कुंभ के आयोजन को लेकर सख्ती करने के निर्देश दिए थे. लेकिन कुंभ मेले में ड्यूटी में तैनात पुलिस और प्रशासन अधिकारियों को लाखों की भीड़ के आगे गाइडलाइन पालन करवाने में नाकाम साबित हुए. ‘प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सिंह ने भी कहा था कि साधु-संतों की लाखों की भीड़ को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाना आसान नहीं होगा’. लेकिन अब प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने उत्तराखंड सरकार की चिंता बढ़ा दी है. जिसके बाद कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक बार फिर से सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. शासन ने पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है. रात 10.30 बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा. इसके साथ ही सभी शिक्षण संस्थान और कोचिंग सेंटरों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन और साधु संतों के साथ विभिन्न अखाड़ों के महामंडलेश्वरों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत संभव है कुंभ को समय से पहले समाप्त करने का एलान कर सकते हैं.