अगर ढाई साल पहले अमित शाह मान लेते मेरी बात तो महाविकास अघाड़ी का नहीं होता उदय- ठाकरे

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं लेकिन अगर इन पर लोगों का भरोसा नहीं रहा तो क्या होगा, हर मतदाता को अधिकार होना चाहिए कि जिसे वो वोट दे रहा है उसे वापस बुला सके, सभी ने देखा कि मेरी पीठ पर किस तरह से खंजर घोंपा गया, मैं वचन देना चाहता हूं कि मैं कभी भी सत्ता के लिए गद्दारी नहीं करूंगा क्योंकि सत्ता आती है, जाती है

'सत्ता के लिए नहीं करूंगा कभी गद्दारी'
'सत्ता के लिए नहीं करूंगा कभी गद्दारी'

Politalks.News/Maharashtra/UddhavThackeray. महाराष्ट्र में बीते दस दिन चले सत्ता के सियासी संग्राम के पहले पार्ट का भले ही पटाक्षेप हो गया है. जिसके तहत बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना दिया है तो वहीं देवेंद्र फडणवीस ने आलाकमान के निर्देश के बाद उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. लेकिन इस सियासी संग्राम का फाइनल मुकाबला अभी 4 जुलाई को शिंदे सरकार द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित करने के साथ पूरा होगा और इस मुकाबले में भी शिंदे के सफल होने में कोई गुंजाइश आज शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद अब नहीं बची है. विधायकों के निलंबन से जुड़ी शिवसेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया. अदालत ने महाराष्ट्र से जुड़ी सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख दे दी है. लेकिन इससे पहले 3 और 4 तारीख को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. 3 जुलाई को जहां स्पीकर का चुनाव होगा तो वहीं 4 जुलाई को एकनाथ शिंदे सदन में अपना बहुमत पेश करेंगे. वहीं दूसरी तरफ इस्तीफे के बाद पहली बार पत्रकारों से रूबरू होते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि, ‘मेरे दिल से कोई भी महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकता है मेरी पीठ पर किस तरह से खंजर घोंपा गया, ये सबने देखा.’

आपको बता दें, महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा देने के बाद पहली बार पत्रकारों से बात की. शिवसेना भवन पहुंचे उद्धव ठाकरे ने प्रदेश की नई सरकार और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी. पत्रकार वार्ता के दौरान उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर जमकर निशाना साधा और अमित शाह को अपना पुराना वादा याद दिलाते हुए कहा कि, ‘ये जो कल हुआ वो ढाई साल पहले भी हो सकता था. मैंने पहले ही अमित शाह से कहा था कि 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो और बाकी 2.5 साल भाजपा का और हुआ भी वही. अगर ये सब पहले होता तो महा विकास अघाडी का जन्म ही नहीं होता.’

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उद्धव ठाकरे ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘जिस तरह से महाराष्ट्र में सरकार बनी है और एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है तो ये ढाई साल पहले सम्मानपूर्वक किया जा सकता था. शिवसेना आधिकारिक तौर पर आपके साथ थी. लेकिन जो ये मुख्यमंत्री बने हैं एकनाथ शिंदे ये शिवसेना के नहीं हैं, ये गलत कहा जा रहा है मीडिया में.’ ठाकरे ने कहा कि, ‘मेरे दिल से कोई भी महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकता है. लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं लेकिन अगर इन पर लोगों का भरोसा नहीं रहा तो क्या होगा. महाराष्ट्र को बर्बाद ना करें.’ ठाकरे ने कहा कि, ‘मेरा गुस्सा मुंबई के लोगों पर मत निकालो. मेट्रो शेड के प्रस्ताव में बदलाव मत करो. ये हमारी मुंबई है इसके पर्यावरण के साथ खिलवाड़ मत करो.’

दरअसल, उद्धव ठाकरे ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि मुख्यमंत्री बनते ही एकनाथ शिंदे ने आरे कॉलोनी को लेकर उद्धव सरकार का फैसला पलट दिया है. नए मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण के तुंरत बाद हुई पहली कैबिनेट में राज्य सरकार ने सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया है कि मेट्रो कार शेड मुंबई की आरे कॉलोनी में ही बनाया जाए. वहीं पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि, ‘हर मतदाता को अधिकार होना चाहिए कि जिसे वो वोट दे रहा है उसे वापस बुला सके. सभी ने देखा कि मेरी पीठ पर किस तरह से खंजर घोंपा गया. अगर भाजपा ने मुझे दिया गया वचन पूरा किया होता तो कम से कम ढ़ाई साल तक तो उनका अपना मुख्यमंत्री रहता. महाराष्ट्र में सब कुछ पहले से तय था. लेकिन मैं महाराष्ट्र की जनता का आभारी हूं. मैं वचन देना चाहता हूं कि मैं कभी भी सत्ता के लिए गद्दारी नहीं करूंगा क्योंकि सत्ता आती है, जाती है.’

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वहीं महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शुक्रवार को गोवा पहुंचे और अपने समर्थक विधायकों से मुलाकात की. इस दौरान एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘वे कल विधायकों के साथ मुंबई में बैठक करेंगे. यानी शिंदे के अलावा बाकी के सभी बागी शनिवार को मुंबई पहुंचेंगे और मीटिंग में शामिल होंगे. नई सरकार ने 3 और 4 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. शिंदे सरकार इस दौरान अपना बहुमत साबित करेगी. इसके बाद हो सकता है कि नए मंत्रिमंडल के लिए भी मंथन हो. इसमें तय होगा कि किसे मंत्री बनाया जाएगा.

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